टिड्डी दल के अटैक को लेकर यूपी में अलर्ट, किसान ऐसे बचाएं अपनी फसल
Written By: श्रीराम शर्मा
Mon, May 25, 2020 03:46 PM IST
पाकिस्तान से उड़ा टिड्डियों का दल गुजरात, राजस्थान के रास्ते उत्तर प्रदेश में एंट्री करने लगा है. फसलों पर टिड्डी के खतरे को देखते हुए उत्तर प्रदेश शासन ने सभी जिलों में अलर्ट जारी कर दिया है. शासन ने सभी जिलाधिकारियों और कृषि निदेशकों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं.
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जयपुर में टिड्डी अटैक
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अधिकारियों को अलर्ट
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कमेटियों का गठन
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यूपी में एंट्री
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Orthoptera ग्रुप
टिड्डी दल, उसके हमले और उससे बचाव के बारे में गौतमबुद्ध नगर के कृषि विज्ञान केंद्र के निदेशक डॉ. मयंक राय बताते हैं कि वैज्ञानिकों ने टिड्डी को कीटों के Orthoptera ग्रुप में रखा है. टिड्डी के लिए पाकिस्तान और गुजरात से लगा हुआ इलाका काफी मुफीद है. यह इलाका रात में ठंडा हो जाता है. इसलिए यह एरिया टिड्टी के प्रजनन का प्रमुख सेंटर बना हुआ है.
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एक बार 40-50 अंडे
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रंग बदलते रहते हैं
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पीले रंग पर रखें नजर
आने वाले टिड्डी दल का रंग गुलाबी और पीला होता है. पीले रंग की टिड्डी ही अंडा देती है. इसलिए जहां इसका पड़ाव होता है वहां अलर्ट रहने की जरूरत होती है. क्योंकि पड़ाव शुरू होते ही ये अंडा देने लगती है. एक पड़ाव में टिड्डी दल 3-4 दिन रहता है. उड़ता नहीं है. इसलिए पड़ाव के समय ही इसके खत्म करने का इंतजाम करना चाहिए.
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फसल को नुकसान
निम्फ 15-20 दिन में जवान टिड्डा बन जाता है. निम्फ छलांग लगाता है, जबकि टिड्डे उड़ते हैं. लाखों की संख्या की उड़ते हुए टिड्डी हरी पत्तियों पर बैठते हैं और कुतर-कुतर कर हरी पत्तियों का खाते हैं. एक टिड्डी अपने वजन का हर पत्ता खा लेती है. टिड्डियां पत्ते, फूल, फल, बीज, तने और उगते हुए पौधों को खाकर नुकसान पहुंचाती हैं और जब ये समूह में पेड़ों पर बैठती हैं तो इनके वजन से पेड़ तक टूट जाते हैं.
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रात में करता है नुकसान
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