मॉनसून पूर्वानुमान: क्या मॉनसून में देरी से होगी कम बारिश, क्या कहते हैं पिछले रिकॉर्ड?
मॉनसून उत्त्तर भारत को अपनी सामान्य रफ्तार के मुकाबले धीमी गति से बढ़ रहा है, हालांकि मौसम विभाग ने 2019 के दौरान औसत बारिश की उम्मीद जताई है.
कई बार मॉनसून में देरी के बावजूद सामान्य या सामान्य से अधिक बारिश दर्ज की गई है (फोटो- पीटीआई).
कई बार मॉनसून में देरी के बावजूद सामान्य या सामान्य से अधिक बारिश दर्ज की गई है (फोटो- पीटीआई).
इसलिए माना जा रहा है कि थोड़ी देरी के बावजूद पैदावार और पानी की अन्य जरूरतों पर कोई खास असर नहीं होगा. जून महीने में मॉनसून की बारिश अभी तक सामान्य के मुकाबले 44% कम रही है. इसके चलते देश के कई हिस्सों में फसल की बुआई में देरी हो रही है. विशेषज्ञों का कहना है कि अगर बारिश कम हुई तो इसका असर उपभोक्ता मांग, अर्थव्यवस्था की हालत और वित्तीय बाजारों पर पड़ सकता है.
कितना होगा देरी का असर
कई बार ऐसा हुआ है कि मॉनसून में देरी के बावजूद सामान्य या सामान्य से अधिक बारिश दर्ज की गई है. इसलिए मॉनसून में देरी के आधार पर ये नहीं कहा जा सकता है कि बारिश कम होगी. 2016 में मॉनसून केरल के तट पर 8 जून को पहुंचा, लेकिन 13 जुलाई तक पूरा देश इसके प्रभाव में आ चुका था और इस साल सामान्य बारिश दर्ज की गई. कई बार जून में हुई बारिश की कमी को जुलाई की एक सप्ताह की बारिश ने ही पूरा कर दिया है.
मौसम विभाग का अनुमान
भारतीय मौसम विभाग ने इस साल सामान्य बारिश का अनुमान जताया है, जबकि देश की एकमात्र प्राइवेट वेदर एजेंसी स्काईमेट का कहना है कि बारिश सामान्य से कम होगी. सामान्य बारिश का अर्थ है कि पिछले 50 वर्षों के दौरान मॉनसून के 4 महीनों में हुई औसत बारिश 89 सेंटीमीटर के मुकाबले 96% से 104% के बीच बारिश का होना. भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक जून से सितंबर के महीने को मॉनसून सत्र कहा जाता है. अगर 110% से अधिक बारिश होती है तो इसका अर्थ है कि अत्यधिक बारिश, जिसके चलते देश के कई हिस्सों में बाढ़ आ सकती है और कई फसलों की पैदावार भी घट सकती है.
TRENDING NOW
15 जुलाई का इंतजार
भारत में आमतौर पर मॉनसून सत्र 1 जून से शुरू होता है और 15 जुलाई तक पूरे देश में मॉनसून छा जाता है. इस साल मॉनसून केरल के तट पर 8 जून को आया. हालांकि इसके बाद अरब सागर में चक्रवात वायु के आने के कारण मॉनसून की रफ्तार कुछ कम हो गई. आमतौर पर 15 जून तक मॉनसून आधे भारत को कवर कर लेता है, लेकिन इस साल अभी तक इसके दायरे में चौथाई भारत ही आया है. हालांकि इस साल मॉनसून कैसा होगा, इस बारे में ठोस आधार पर कुछ भी 15 जुलाई के बाद ही कहा जा सकता है.
03:30 PM IST