लेखा सेवाओं के अधिकारी वित्तीय अनुशासन, जनता के भरोसे के रखवाले: राष्ट्रपति कोविंद
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सोमवार को कहा कि लेखापरीक्षा एवं लेखा सेवा विभाग के अधिकारी सरकार के काम में वित्तीय सूक्षबूझ और जनता के भरोसे के रखवाले हैं.
राष्ट्रपति ने कहा कि किसी भी राष्ट्र की ताकत उसकी अर्थव्यवस्था की मजबूती से आंकी जाती है.
राष्ट्रपति ने कहा कि किसी भी राष्ट्र की ताकत उसकी अर्थव्यवस्था की मजबूती से आंकी जाती है.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सोमवार को कहा कि लेखापरीक्षा एवं लेखा सेवा विभाग के अधिकारी सरकार के काम में वित्तीय सूक्षबूझ और जनता के भरोसे के रखवाले हैं. उन्होंने कहा कि कैग की रिपटें सरकारी अधिकारियों की जवाबदेही तय करने में अहम भूमिका निभातीं हैं. राष्ट्रपति कोविंद यहां राष्ट्रपति भवन में उनसे मिलने आये भारतीय लेखापरीक्षा एवं लेखा सेवा, भारतीय व्यापार सेवा और भारतीय सूचना सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों के अलग अलग समूहों को संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि प्रशासनिक अधिकारियों की विधायिका के प्रति जवाबदेही सुनिश्चित करने में लेखापरीक्षा और लेखा सेवा के अधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका है. ‘‘नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) की रिपोर्टें सरकारी अधिकारियों की जवाबदेही तय करने में अग्रणी भूमिका निभातीं हैं. लेखापरीक्षा और लेखा सेवा के अधिकारी जनता के भरोसे और वित्तीय अनुशासन के रखवाले हैं.’’ राष्ट्रपति ने कहा कि वैश्वीकरण की आज की दुनिया में किसी भी राष्ट्र की ताकत उसकी अर्थव्यवस्था की मजबूती से आंकी जाती है. उन्होंने कहा, ‘‘देशों के बीच वैश्विक बाजारों में और व्यापार में ज्यादा हिस्सा पाने के लिये प्रतिस्पर्धा हो रही है. हमने पिछले दो दशकों के दौरान अपने व्यापार संवर्धन के लिये काफी काम किये हैं, लेकिन अभी और भी काफी कुछ किये जाने की जरूरत है.’’
कोविंद ने कहा कि एतिहासिक रूप से भारत का वैश्विक व्यापार में बड़ा हिस्सा रहा है. ‘‘आज वैश्विक व्यापार में हमारे देश का हिस्सा करीब दो प्रतिशत है. ऐसे में व्यापार सेवा के अधिकारियों की भूमिका भी काफी महत्वपूर्ण हो जाती है. उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि देश वैश्विक व्यापार में अपनी पुरानी स्थिति को फिर से हासिल करे.’’ सूचना सेवा के अधिकारियों को संबोधित करते उन्होंने कहा कि सूचना के क्षेत्र में काफी कुछ होने के बावजूद जनसंख्या का एक बड़ा हिस्सा अभी भी ऐसा है जिसमें सरकारी कार्यक्रमों और कल्याण योजनाओं के प्रति जागरूकता नहीं है जिनसे उन्हें फायदा हो सकता है. ‘‘हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि इन कार्यक्रमों के बारे में देश के सुदूर इलाकों में रहने वाले नागरिकों तक पहुंचे. इस काम में भारतीस सूचना सेववा के अधिकारियों की भूमिका बढ़ जाती है.’’
08:24 PM IST