Budget 2022: स्टार्टअप्स को बजट से क्या हैं उम्मीदें, कैश फ्लो और इंफ्रा बड़ी चुनौती
Union Budget 2022-23: देश में नए आइडिया और नई थीम लेकर बिजनेस शुरू करने वाले स्टार्टअप्स को भी बजट से काफी उम्मीदें है. स्टार्टअप्स के सामने बड़ी चुनौती इंडस्ट्री में बने रहने के कैश फ्लो का बने रहना है.
Budget 2022: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) आगामी 1 फरवरी को वित्त वर्ष 2022-23 के लिए आम बजट पेश करेंगी. यह मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का चौथा बजट है. कोरोना महामारी के खिलाफ लड़ाई के बीच इंडस्ट्री, स्टार्टअप्स से लेकर आम टैक्सपेयर्स की नजर बजट पर लगी है. सभी को उम्मीद है कि इस दौर में वित्त मंत्री के पिटारे से कुछ न कुछ राहत की सौगात निकलेगी. देश में नए आइडिया और नई थीम लेकर बिजनेस शुरू करने वाले स्टार्टअप्स को भी बजट (Budget) से काफी उम्मीदें है. स्टार्टअप्स के सामने बड़ी चुनौती इंडस्ट्री में बने रहने के कैश फ्लो का बने रहना है. साथ ही छोटे-छोटे शहरों तक भी स्टार्टअप्स इंफ्रास्ट्रक्चर को खड़ा करने की जरूरत है. इसमें टैक्स में रियायत का बड़ा रोल होगा. हमने यहां कुछ एक्सपर्ट और स्टार्टटप्स के फांउडर्स/सीईओ से बजट को लेकर उनकी उम्मीदें जानने की कोशिश की है.
कैश फ्लो की जरूरत
uKnowva के संस्थापक विकी जैन का कहना है, दुनिया भर में अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी हो गई है. इसके बीच स्टार्ट-अप बजट 2022 से कुछ नए एलान का इंतजार कर रहे हैं ताकि वे अपने व्यवसाय को सुचारू रूप से चला सकें. बजट से पहली उम्मीद यह है कि देश में कई स्टार्ट-अप के पास पर्याप्त रेवेन्यु नहीं है और उन्हें इंडस्ट्री में बने रहने के लिए कैश फ्लो की जरूरत है. इस पर वित्त मंत्री को कुछ एलान करना चाहिए. दूसरी बात, टेक्नोलॉजी के साथ उनके डिजिटल बदलाव में तेजी लाने की तत्काल आवश्यकता है. सरकार को डोमेस्टिक कैपिटल पार्टिसिपेशन के लिए नीतियों और सपोर्ट सिस्टम के जरिए स्टार्टअप की मदद करने, टियर 2 और टियर 3 शहरों में एक अनुकूल निवेश माहौल बनाने, हर राज्य में इनक्यूबेटर के लिए इंसेटिव, स्टार्टअप इंफ्रा डेवलपमेंट पर फोकस करने और FDI में टैक्स छूट देने की आवश्यकता है. ईज डूइंग बिजनेस पर और ध्यान देना चाहिए.
बुनियादी सुविधाओं के लिए स्टार्टअप्स को मिले इंसेंटिव
ड्रिंकप्राइम के को-फाउंडर एंड सीईओ विजेंदर रेड्डी मुथ्याला का कहना है, सरकार को पेयजल जैसी बुनियादी समस्याओं से निपटने के लिए स्टार्टअप्स को इंसेंटिव देना होगा. सार्वजनिक और निजी भागीदारी के जरिए हम इन बुनियादी समस्याओं का हल निकाल पाएंगे. पेयजल प्रोडवाइडर्स पर लगाए गए जीएसटी और अन्य टैक्स पर भी सरकार को ध्यान देने की जरूरत है. ऐसा इसलिए क्योंकि पानी एक जरूरी बुनियादी आवश्यकता है और उस पर उचित टैक्स ही होना चाहिए.
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रिवाइज्ड कम्प्लायंस पॉलिसी लाए सरकार
Artivatic.AI के सीईओ एंड फाउंडर लयक सिंह का कहना है, भारत में दुनिया में स्टार्टअप्स का तीसरा सबसे बड़ा हब है, जिसका मतलब यह हुआ है कि अगर स्टार्टअप को उन्हें अपने पैरों पर खड़ा करने में मदद की जाए तो देश में रोजगार में अच्छी खासी वृद्धि हो सकती है. इन स्टार्टअप को बूस्ट देने के लिए लिए बजट में कुछ जरूरी एलान की जरूरत है. स्टार्टअप्स को लिबरल आईपीओ पॉलिसी गाइडलाइंस, रिवाइज्ड कम्प्लायंस पॉलिसी और टैक्स में छूट देनी चाहिए. हेल्थ टेक्नोलॉजी बेस्ड स्टार्टअप्स को नियमों और टैक्स में छूट जैसेकि मॉडरेट जीएसटी दरों में छूट देने की जरूरत है.
बेहतर निवेश माहौल जरूरी
वाधवानी फाउंडेशन-इंडिया/एसईए के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर संजय शाह का कहना है, भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम 2021 में 78 यूनिकॉर्न, 8 आईपीओ और सालाना आधार पर 3 गुना फंडिंग ग्रोथ के साथ दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप बना. हालांकि, भारतीय स्टार्टअप क्षेत्र में दो बड़ी चुनौतियां हैं. पहली भारत में कई यूनिकॉर्न के पास एक बेहतर रेवेन्यू बेस नहीं है और उन्हें बनाए रखने के लिए कैश फ्लो की जरूरी है. दूसरा, टेक्नोलॉजी और प्लेटफार्मों के साथ अपने डिजिटल बदलाओं को रफ्तार देने की जरूरत है. इसलिए, बजट 2022 में, सरकार को घरेलू पूंजी भागीदारी, टियर 2 और टियर 3 शहरों में अनुकूल निवेश माहौल, हर राज्य में इनक्यूबेटर स्थापित करने के लिए प्रोत्साहन, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में टैक्स छूट, और स्टार्टअप इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट पर ज्यादा फोकस करना चाहिए.
08:40 AM IST