रुपये की गिरावट से आईटी क्षेत्र में आया उछाल, नौकरी के अवसर भी बढ़े
रुपये की कीमतों में गिरावट के साथ सरकार की आर्थिक नीतियां तय करने वालों के लिए चुनौतियां बढ़ती जा रही हैं, लेकिन एक क्षेत्र ऐसा है जो इस गिरावट का फायदा उठाकर तेज छलांग लगा रहा है.
आईटी सेक्टर में नौकरियों की बहार देखने को मिल रही है.
आईटी सेक्टर में नौकरियों की बहार देखने को मिल रही है.
रुपये की कीमतों में गिरावट के साथ सरकार की आर्थिक नीतियां तय करने वालों के लिए चुनौतियां बढ़ती जा रही हैं, लेकिन एक क्षेत्र ऐसा है जो इस गिरावट का फायदा उठाकर तेज छलांग लगा रहा है. इस गिरावट के कारण देश का सर्विस एक्सपोर्ट तेजी से बढ़ रहा है. ब्लूमबर्ग न्यूज के मुताबिक एचएसबीसी होल्डिंग की चीफ इंडिया इकनॉमिस्ट प्रांजुल भादुड़ी ने बताया कि भारत की जीडीपी में सेवाओं के निर्यात, जिसमें अधिकांश सॉफ्टवेयर एक्सपोर्ट है, की हिस्सेदारी मार्च 2017 के 6.8 प्रतिशत के मुकाबले जून 2018 में बढ़कर 7.3 प्रतिशत हो गई.
इस कारण आईटी सेक्टर में नौकरियों की बहार देखने को मिल रही है. जहां पिछले साल कथित रूप से 56000 लोगों की नौकरियां छूट गई थीं, वहीं इस साल इंडस्ट्री भर्तियों के लिहाज से रिकॉर्ड बनाने जा रहा है. रिपोर्ट्स के मुताबिक इस वित्त वर्ष की पहली तिमाही में टीसीएस, कौग्निजेंट टेक्नालॉजीज़, इंफोसिस, विप्रो और एचसीएल ने कर्मचारियों की संख्या में कुल 24,047 का इजाफा किया.
इन कंपनियों के कारोबार में तेजी को शेयर बाजार में भी देखा जा सकता है. देश के प्रमुख शेयरों पर नजर रखने वाले एमएससीआई इंडिया इंडेक्स में तीन प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है, जबकि इस दौरान आईटी इंडेक्स में 37 प्रतिशत की तेजी आई. आईटी सेक्टर में आई तेजी का असर देश की जीडीपी में भी देखने को मिला, जिसने जून तिमाही के दौरान 8.2 प्रतिशत की बढ़त हासिल की. जीडीपी में अब सर्विस इंडस्ट्री का योगदान बढ़कर 55 प्रतिशत हो गया है.
05:35 PM IST