फर्जी कंपनियों के बाद अब सरकार LLPs लगाएगी लगाम, बनाया यह प्लान
सरकार ने LLPs में गड़बड़ियों को रोकने की तैयारी शुरू कर दी है. कॉरपोरेट अफेयर्स मंत्रालय लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप फर्म्स पर कंपनी कानून के कई नियम लागू करने जा रहा है.
लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप्स पर लगाम लगाने के लिए सरकार की तरफ से इन्हें मिलने वाली रियायतों को भी कम किया जाएगा.
लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप्स पर लगाम लगाने के लिए सरकार की तरफ से इन्हें मिलने वाली रियायतों को भी कम किया जाएगा.
शेल यानी फर्जी कंपनियों पर सख्ती के बाद सरकार अब लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप (LLPs) पर सख्ती बढ़ाने जा रही है. कॉरपोरेट अफेयर्स मंत्रालय लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप फर्म्स पर कंपनी कानून के कई नियम लागू करने जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक, सरकार ने LLPs में गड़बड़ियों को रोकने की तैयारी शुरू कर दी है. सरकार को जानकारी मिली है कि चीजें छिपाने के लिए बड़ी कंपनियों ने खूब LLPs बनाए हैं.
LLPs को मिलने वाली रियायतों में कमी होगी
लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप्स पर लगाम लगाने के लिए सरकार की तरफ से इन्हें मिलने वाली रियायतों को भी कम किया जाएगा. ऐसी कंपनियों पर सख्ती के लिए LLPs एक्ट के सेक्शन 67 में बदलाव किया जाएगा. LLPs के तहत नई तरह की शेल कंपनियां बनने का शक सरकार को है. अब नए नियमों के तहत कोई व्यक्ति कितने LLPs में पार्टनर बन सकता है, इसकी भी एक सीमा तय की जाएगी.
LLPs में पार्टनर बनने की कोई सीमा नहीं
कोई भी व्यक्ति ज्यादा से ज्यादा 20 कंपनियों में ही डायरेक्टर बन सकेगा. लेकिन अभी LLPs में पार्टनर बनने की कोई सीमा नहीं है. सूत्रों का कहना है कि रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज LLPs की जांच कर सकेंगे. अभी रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज के पास कंपनियों की जांच का अधिकार है पर LLPs की जांच का अधिकार नहीं.
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सूत्रों का कहना है कि LLPs पर भी कंपनियों की तरह ही अकाउंटिंग स्टैंडर्ड होगा. इसके अलावा आने वाले समय में LLPs के लिए भी रिवाइवल का नियम लाया जाएगा. अभी कंपनियों का रिवाइवल मुमकिन है लेकिन LLPs का नहीं.
क्या होती है लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप्स
हमारे देश में कंपनी रजिस्ट्रेशन के कई तरीके हैं, इनमें से एक है लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप्स यानी एलएलपी. एलएलपी फर्म रजिस्ट्रेशन करना बहुत आसान है और इसके रिजस्ट्रेशन का खर्च भी बहुत कम है. यहां फर्म के बाद LLP लिखा होता है.
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LLP सिस्टम के तहत किसी कंपनी द्वारा ही रजिस्ट्रेशन कराया जा सकता है. यह एक अलग ही कानूनी इकाई होती है. इसमें पार्टनर की शेयर होल्डिंग के हिसाब से जिम्मेदारी होती है. इसके लिए कम से कम दो पार्टनर और ज्यादा से ज्यादा कितने भी पार्टनर हो सकते हैं.
LLPs के ज़रिए खेल पर नकेल
-चीजें छुपाने के लिए बड़ी कंपनियों ने खूब LLPs बनाए.
-LLPs को मिली रियायतों को सरकार कम करेगी.
-LLPs एक्ट के सेक्शन 67 में बदलाव कर होगी सख्ती.
-कितने LLPs में पार्टनर बन सकते हैं इसकी सीमा होगी.
-लेकिन LLPs में पार्टनर बनने की कोई सीमा नहीं.
-कोई भी व्यक्ति अधिकतम 20 कंपनियों में ही डायरेक्टर.
-रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज़ LLPs की जांच कर सकेंगे.
-LLPs के लिए भी रिवाइवल का नियम लाया जाएगा.
03:32 PM IST