लंबे इंतजार के बाद एक बार फिर एयर इंडिया की कमान टाटा के हाथों में सौंप दी गई है. एयर इंडिया के लिए टाटा ने करीब 18 हजार रुपए की बोली लगाई थी. डिपार्टमेंट ऑफ इनवेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट (DIPAM) के सचिव तुहिन कांत पांडे ने मीडिया को संबोधित करते हुए बताया कि टाटा संस की टैलेस प्राइवेट लिमिटेड ने 18,000 करोड़ रुपये की बोली लगाकर बाजी मारी है. टाटा ग्रुप के चेयरमैन रतन टाटा ने इस पर खुशी जाहिर करते हुए ट्विटर पर एयर इंडिया के लिए लिखा- वेलकम बैक. उन्होंने एक पुरानी तस्वीर भी शेयर की है, जिसमें कंपनी के पूर्व चेयरमैन जेआरडी टाटा नजर आ रहे हैं.
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टाटा ने एयर इंडिया को खरीदा, 68 साल बाद ‘महाराजा’ की हुई घर वापसी
एयर इंडिया के लिए टाटा ने करीब 18 हजार रुपए की बोली लगाई थी.
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68 साल बाद एयर इंडिया की हुई घर वापसी, रतन टाटा ने कहा- Welcome Back, Air India
टाटा संस के चेयरमैन रतन टाटा ने एयर इंडिया की बोली जीतने पर खुशी जाहिर की और एक पुरानी तस्वीर साझा कर इमोशनल भी हुए. रतन टाटा ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर एक तस्वीर शेयर की.
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क्या है टाटा एयरलाइंस के एयर इंडिया बनने की कहानी?
सरकारी विमान कंपनी एयरइंडिया करीब 70 साल बाद अपने पुराने मालिक यानी टाटा समूह के पास गई है. दरअसल, जहांगीर रतनजी दादाभाई टाटा ने 1932 में इस एयरलाइन की स्थापना की थी. तब इसे टाटा एयरलाइन कहा जाता था.
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टाटा को क्या-क्या मिलेगा
सरकार की शर्तों के मुताबिक सफल बोली लगाने वाली कंपनी यानी टाटा को एयर इंडिया के अलावा सब्सिडरी एयर इंडिया एक्सप्रेस का भी शत प्रतिशत नियंत्रण मिलेगा. वहीं, एआईएसएटीएस में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी पर कब्जा होगा.
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पांच साल तक नहीं कर सकती बिक्री
दीपम सचिव ने बताया कि टाटा संस अगले 5 साल तक एयर इंडिया ब्रांड, लोगो को ट्रांसफर नहीं कर सकती है. पांच साल बाद कंपनी को केवल भारतीय व्यक्ति को ही इसे बेचने की अनुमति होगी.
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