अभी भी बरकरार है सेमीकंडक्टर की समस्या, मारुति सुजुकी की मैन्यूफैक्चरिंग पर पड़ रहा बुरा असर
सेमीकंडक्टर की आपूर्ति अब भी समस्या बनी हुई है जिसके चलते मारुति सुजुकी इंडिया (Maruti Suzuki India) का उत्पादन प्रभावित हो रहा है. कंपनी के मुख्य वित्त अधिकारी (CFO) अजय सेठ ने ये बात कही है.
अभी भी बरकरार है सेमीकंडक्टर की समस्या, मारुति सुजुकी की मैन्यूफैक्चरिंग पर पड़ रहा बुरा असर (Reuters)
अभी भी बरकरार है सेमीकंडक्टर की समस्या, मारुति सुजुकी की मैन्यूफैक्चरिंग पर पड़ रहा बुरा असर (Reuters)
सेमीकंडक्टर की आपूर्ति अब भी समस्या बनी हुई है जिसके चलते मारुति सुजुकी इंडिया (Maruti Suzuki India) का उत्पादन प्रभावित हो रहा है. कंपनी के मुख्य वित्त अधिकारी (CFO) अजय सेठ ने ये बात कही है. इस स्थिति से निपटने के लिए ऑटोमोबाइल सेक्टर की दिग्गज कंपनी अब इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की उपलब्ध आपूर्ति से अपने उत्पादन को ज्यादा से ज्यादा करने के तरीकों पर काम कर रही है. हालांकि, इस वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही की तुलना में 31 दिसंबर, 2022 को समाप्त तीसरी तिमाही में आपूर्ति की स्थिति में सुधार हुआ है, लेकिन देश की सबसे बड़ी कार कंपनी सेमीकंडक्टर की कमी के कारण अक्टूबर-दिसंबर की अवधि में लगभग 46,000 इकाइयों का उत्पादन नहीं कर सकी है.
तीसरी तिमाही के अंत में पेंडिग ऑर्डर्स की संख्या में बड़ी बढ़ोतरी
अजय सेठ ने एक विश्लेषक कॉल में कहा, ''इलेक्ट्रॉनिक कलपुर्जों की कमी हमारी उत्पादन योजना के लिए चुनौती है. कलपुर्जों की कमी अब भी हमारे उत्पादन को प्रभावित कर रही है. हमारी सप्लाई चेन, इंजीनियरिंग, उत्पादन और बिक्री टीमें उपलब्ध सेमीकंडक्टर से उत्पादन की मात्रा को अधिकतम करने की दिशा में काम कर रही हैं.'' उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की आपूर्ति की स्थिति अब भी दुरुस्त नहीं हुई है. तीसरी तिमाही के अंत में मारुति के पेंडिग ऑर्डर बढ़कर करीब 3.63 लाख यूनिट्स पर पहुंच गए हैं.
एक साल में 15 लाख गाड़ियां बनाते हैं मारुति के दो प्लांट
मौजूदा समय में, कंपनी के मानेसर और गुरुग्राम दोनों प्लांट में कुल मिलाकर सालाना उत्पादन क्षमता 15 लाख इकाई की है. इसके अलावा मारुति की मूल कंपनी सुजुकी के गुजरात प्लांट से कंपनी को 7.5 लाख इकाई का उत्पादन हासिल होता है. सेठ ने कहा कि मारुति सरकार के कच्चे तेल के आयात को कम करने और 2070 तक शून्य उत्सर्जन लक्ष्य तक पहुंचने की दिशा में हाइब्रिड, सीएनजी, जैव-सीएनजी, एथनॉल और इलेक्ट्रिक जैसी टेक्नोलॉजी में विश्वास रखती है.
SUV कैटेगरी में टॉप पोजिशन पाने की कोशिश में कंपनी
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उन्होंने कहा कि कंपनी अब दो नई गाड़ियों- जिम्नी और फ्रोंक्स की शुरुआत के साथ स्पोर्ट्स यूटिलिटी (SUV) कैटेगरी में टॉप पोजिशन हासिल करने की कोशिश कर रही है. बिक्री में बढ़ोतरी के बारे में पूछे जाने पर मारुति सुजुकी इंडिया के कार्यकारी अधिकारी (कॉरपोरेट मामले) राहुल भारती ने कहा, ‘‘मांग को देखते हुए अभी तक अच्छा प्रतीत होता है. इंडस्ट्री के अभी आंकड़े नहीं आए हैं. हमारा लक्ष्य इंडस्ट्री से ज्यादा तेज बढ़ोतरी हासिल करने का है.’’
सीएनजी की ऊंची कीमतें चिंता का विषय
सीएनजी कैटेगरी की बिक्री पर उन्होंने कहा कि कंपनी इसमें पहुंच के स्तर को लेकर संतुष्ट है, लेकिन इस ईंधन की असामान्य रूप से ऊंची कीमतें चिंता की वजह हैं. मारुति सुजुकी इंडिया ने तीसरी तिमाही में 4,65,911 वाहन बेचे हैं. इनमें 4,03,929 वाहन घरेलू बाजार में बेचे गए हैं जबकि 61,982 गाड़ियों का निर्यात किया गया है. पिछले साल की समान अवधि में कंपनी की कुल बिक्री 4,30,668 इकाई रही थी. इनमें से 3,65,673 वाहन घरेलू बाजार में बेचे गए थे, जबकि 64,995 इकाइयों का निर्यात किया गया था.
भाषा इनपुट्स के साथ
02:55 PM IST