खर्च करके भी बचा सकते हैं अपना ढेर सारा इनकम टैक्स, जानिए कैसे
Tax Saving Tips: सिर्फ बचत ही नहीं बल्कि खर्च करके भी बचा सकते हैं इनकम टैक्स. ये खर्च भी आपके लिए जरूरी हैं.
इन खर्चों के जरिए बचाइए अपना ढेर सारा इनकम टैक्स (फोटो: pixabay.com)
इन खर्चों के जरिए बचाइए अपना ढेर सारा इनकम टैक्स (फोटो: pixabay.com)
Tax Saving का सीजन चल रहा है. फरवरी और मार्च के महीने में हर नौकरीपेशा इनकम टैक्सपेयर की यही कोशिश होती है कि उसे कम से कम इनकम टैक्स देना पड़े. इनकम टैक्स बचाने का सबसे सरल तरीका है धारा 80सी के तहत उपलब्ध विकल्पों जैसे पीपीएफ, लाइफ इंश्योरेंस, बैंकों के टैक्स सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट, म्युचुअल फंडों की इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम आदि में पैसे लगाए जाएं. हालांकि, आप चाहें तो बचा कर नहीं बल्कि पैसे खर्च कर भी इनकम टैक्स की देनदारी घटा सकते हैं. आज हम आपको बताएंगे कि किन मदों में खर्च करने पर आप इनकम टैक्स बचा सकते हैं.
बच्चों की ट्यूशन फीस पर मिलता है डिडक्शन का लाभ
टैक्स बचाने के लिए जल्दबाजी में लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी लेते हुए या फिक्स्ड डिपॉजिट करवाते हुए लोग यह भूल जाते हें जिन प्राइवेट स्कूलों में वे अपने बच्चों की पढ़ाई करवा रहे हैं, उसकी ट्यूशन फीस के पेमेंट पर भी इनकम टैक्स की धारा 80सी के तहत डिडक्शन का फायदा मिलता है. सबसे पहले अपने बच्चों की सालाना फीस जोड़ कर देख लें कि यह डेढ़ लाख रुपए से कितना कम है. शेष राशि का निवेश आप बचत या खर्च के अन्य विकल्पों में कर सकते हैं.
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हेल्थ इंश्योरेंस खरीदने में करिए खर्च और पाइए 50,000 रुपए तक के डिडक्शन का लाभ
लगातार महंगे होते हेल्थकेयर को देखते हुए हर किसी के लिए हेल्थ इंश्योरेंस लेना जरूरी है. इससे न केवल आप इमरजेंसी में अस्पतालों के खर्च से बचते हैं बल्कि इसके प्रीमियम के पेमेंट पर आपको इनकम टैक्स में कटौती का लाभ भी मिलता है. टैक्स और इन्वेस्टमेंट एक्सपर्ट बलवंत जैन कहते हैं कि अगर आप अपने और परिवार के लिए मेडिक्लेम लेते हैं तो 25,000 रुपए तक के प्रीमियम पर कटौती यानी डिडक्शन का फायदा मिलेगा. अगर आप अपने माता-पिता के मेडिक्लेम का प्रीमियम भी भरते हैं तो आपको 50,000 रुपए का एक्स्ट्रा बेनिफिट मिलेगा. अगर टैक्सपेयर और उनके माता-पिता दोनों वरिष्ठ नागरिक हैं तो 1 लाख रुपये तक के प्रीमियम पर डिडक्शन का लाभ उठा सकते हैं.
गंभीर बीमारियों के इलाज पर होने वाला खर्च पर भी मिलता है डिडक्शन का फायदा
आर्थिक रूप से आप पर निर्भर परिवार का कोई सदस्य अगर गंभीर बीमारी से पीडि़त है तो उसके इलाज पर होने वाले खर्च का दावा आप आयकर अधिनियम की धारा 80डीडीबी के तहत कर सकते हैं. कटौती का यह दावा पति या पत्नी, बच्चे, माता-पिता या भाई-बहनों के लिए किया जा सकता है. ध्यान रहे, इस धारा के तहत सिर्फ निवासी भारतीय ही टैक्स में कटौती का दावा कर सकते हैं. जैन कहते हैं कि आप इलाज पर होने वाले वास्तविक खर्च या 40,000 रुपए, जो भी कम हो, का दावा कर सकते हैं. वरिष्ठ नागरिकों की गंभीर बीमारियों के इलाज पर खर्च की सीमा 60,000 रुपए और 80 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों के लिए इसकी सीमा 80,000 रुपए है.
08:41 AM IST