अब 75% लोगों की सहमति से कराया जा सकता है सोसायटी का पुनर्विकास, नए विधेयक को मंजूरी
गुजरात विधानसभा ने गुजरात मालिकाना फ्लैट (संशोधन) विधेयक 2018 को सितंबर 2018 में मंजूर किया था. राष्ट्रपति ने हाल ही में इस विधेयक को स्वीकृति दे दी है.
सोसायटी के पुनर्विकास के लिये उसमें रहने वाले 100 प्रतिशत लोगों के बजाय 75 प्रतिशत लोगों की सहमति की ही जरूरत होगी.
सोसायटी के पुनर्विकास के लिये उसमें रहने वाले 100 प्रतिशत लोगों के बजाय 75 प्रतिशत लोगों की सहमति की ही जरूरत होगी.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुजरात में 25 साल पुरानी समूह आवासीय सोसायटियों के पुनर्विकास से संबंधित एक विधेयक को अपनी सहमति दे दी है. इससे किसी भी सोसायटी के पुनर्विकास के लिये उसमें रहने वाले 100 प्रतिशत लोगों के बजाय 75 प्रतिशत लोगों की सहमति की ही जरूरत होगी.
गुजरात विधानसभा ने गुजरात मालिकाना फ्लैट (संशोधन) विधेयक 2018 को सितंबर 2018 में मंजूर किया था. उसके बाद इसे स्वीकृति के लिये राष्ट्रपति के पास भेज दिया गया था. गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि राष्ट्रपति ने हाल ही में इस विधेयक को स्वीकृति दे दी है.
इस विधेयक के तहत 25 साल या इससे पहले बने किसी अपार्टमेंट को 75 प्रतिशत मकान मालिकों की सहमति से पुनर्विकसित किया जा सकता है. अभी तक इसके लिये संबंधित अपार्टमेंट के सभी मकान मालिकों की सहमति की आवश्यकता होती थी.
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गुजरात में कई सारे अपार्टमेंट 25 साल से अधिक पुराने हैं और इनके पुनर्विकास की आवश्यकता है. नये विधेयक से इस कार्य को गति मिलेगी.
महाराष्ट्र में 51 फीसदी की मंजूरी का प्रावधान
राष्ट्रपति ने पिछले साल महाराष्ट्र विधानसभा द्वारा पारित इसी तरह के एक विधेयक को स्वीकृति दी है. इस विधेयक में राज्य के खासतौर से मुंबई महानगर के पुराने जीर्ण शीर्ण भवनों, परिसर भवनों और सोसायटियों का पुनर्निर्माण आसानी से किया जा सकेगा. इस विधेयक में भी उस भवन में रहने वाले सभी भवन मालिकों के बजाय बहुसंख्यक निवासियों की सहमति लेने का प्रावधान किया गया है. मुंबई में ऐसी सैकड़ों इमारतें हैं जिनके सभी फ्लैट मालिकों की सहमति नहीं होने के कारण उनकी मरम्मत अथवा पुनर्निर्माण नहीं कराया जा सका है. इससे उनके गिरने का खतरा बना रहता है. महाराष्ट्र के विधेयक में तो भवन की मरम्मत अथवा पुनर्निर्माण के लिये 51 प्रतिशत निवासियों की ही अनुमति लेने का प्रावधान किया गया है.
कुछ राज्यों के विधेयकों पर राष्ट्रपति की संस्तुति आवश्यक होती है.
08:45 AM IST