Jan 22, 2024, 01:55 PM IST

गर्भगृह में विराजमान हुए राम लला, जानें मूर्ति की विशेषताएं!

Kajal Jain

अयोध्या में भगवान राम के बालरूप की प्राण प्रतिष्ठा संपन्न हो चुकी है. भगवान राम की अलौकिक मूर्ति को गर्भगृह में विराजमान किया जा चुका है

पहले मूर्ति को गंधवास के लिए सुगंधित जल, अनाज, फल और घी में रखा गया और श्रीरामलला का वैदिक मंत्रों के साथ औषधाधिवास, केसराधिवास, घृताधिवास भी कराया गया

ये 5 वर्ष के राम लला की मूर्ति काले रंग के शालिग्राम पत्थर से बनाई गई है जिसकी लंबाई 51 इंच और वजन करीब 200 किलोग्राम है

राम लला की इस श्याम वर्ण मूर्ति को कर्नाटक के मूर्तिकार अरुण योगराज ने तैयार किया है

सोशल मीडिया पर वायरल राम लला की तस्वीरों पर लोगों ने सवाल किया कि राम लला की मूर्ति को श्याम शिला से क्यों बनाया गया है?

इसके पीछे कई तथ्य पेश किए जा रहे हैं. उदाहरण के लिए तुलसीदास रचित रामचरितमानस में भगवान राम का शरीर रंग श्यामल बताया गया है

बालकांड में भगवान राम के जन्म के समय का उल्लेख है जिसमें राम लाल का रंग 'तनु घनस्यामा' यानी मेघ के समान श्याम बताया गया है

अयोध्याकांड के श्लोक में राम की स्तुति में राम लाल के रूप को 'नीलाम्बुजश्यामलकोमलाङ्गं' यानी नील कमल के समान श्यामल, सुंदर, सांवले और कोमल अंग वाले राम कहा गया है

राम लला की इस मूर्ति का निर्माण कई वैज्ञानिक और वैदित तथ्यों और साक्ष्यों के आधार पर किया गया है. 

राम लला की मूर्ति भगवान विष्णु के विग्रह स्वरूप पवित्र पत्थर शालिग्राम से बनी है. ये जीवाश्म पत्थर चिकना और अंडाकार होता है

इस जीवाश्म पत्थर को पवित्र नदी की तली या किनारों से इकट्ठा किया जाता है

मूर्ति को एक ही पत्थर पर बनाया गया है जिसमें मुकुट की तरफ सूर्य , शंख, स्वस्तिक, चक्र और गदा. दोनों ओर विष्णु के दस अवतार हैं

5 साल के राम लला ने हाथ में तीर और धनुष धारण किए हैं. कृष्ण शैली की मूर्ति कमल दल पर खड़ी है