Crude Oil Price: कच्चे तेल की ऊंची कीमतों से देश की तीन सरकारी स्वामित्व वाली तेल विपणन कंपनियों - इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IOC), हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HPCL) और भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL) का लाभ घटेगा. मूडीज (Moodys) की एक रिपोर्ट के अनुसार, मई 2024 में लोकसभा चुनावों के कारण कच्चे माल की ऊंची लागत का भार उपभोक्ताओं पर डालने के लिए उनके पास सीमित अवसर है.

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रिपोर्ट के मुताबिक तीन तेल कंपनियों का बाजार मार्जिन - उनकी शुद्ध वास्तविक कीमतों और अंतरराष्ट्रीय कीमतों के बीच का अंतर चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही के उच्च स्तर से काफी कमजोर हो गया है.

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पेट्रोल-डीजल पर मार्जिन हुआ कम

अगस्त के बाद से डीजल (Diesel) पर विपणन मार्जिन नकारात्मक हो गया है, जबकि पेट्रोल (Petrol) पर मार्जिन उसी अवधि में काफी कम हो गया है. अगर तेल की कीमतें 85 डॉलर/बैरल (बीबीएल) - 90 डॉलर/बीबीएल के मौजूदा स्तर पर बनी रहती हैं, तो तीन ओएमसी की कमाई, जिनमें से सभी को BAA3 स्टेबल रेटिंग मिला है, वित्त वर्ष 2024 की दूसरी छमाही में कमजोर हो जाएगी.

मूडीज की रिपोर्ट में कहा गया है कि फिर भी, इस मूल्य सीमा पर पूरे साल की कमाई ऐतिहासिक स्तरों के साथ तुलनीय रहेगी. लेकिन, अगर कच्चे तेल की कीमतें लगभग 100 डॉलर/बीबीएल तक बढ़ जाती हैं, तो वित्त वर्ष 2024 की दूसरी छमाही में घाटा शुरू हो जाएगा.

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लंबे समय तक जारी नहीं रहेगी तेल की ऊंची कीमत

रिपोर्ट में कहा गया है कि बहरहाल, हमारा मानना है कि वैश्विक विकास कमजोर होने के कारण तेल की ऊंची कीमतें लंबे समय तक कायम रहने की संभावना नहीं है. कच्चे माल की लागत मेंबढ़ोतरी सितंबर में कच्चे तेल की कीमत लगभग 17% बढ़कर 90 डॉलर/बीबीएल से अधिक हो जाने के बाद आई है, जो वित्त वर्ष 2024 की पहली तिमाही में औसतन 78 डॉलर/बीबीएल थी.

सकारात्मक पक्ष पर रिपोर्ट में कहा गया है कि ओएमसी के क्रेडिट मेट्रिक्स वित्त वर्ष 2024 तक अच्छी स्थिति में रहेंगे. मजबूत बैलेंस शीट की मदद से तेल कंपनियां अपनी क्रेडिट गुणवत्ता बनाए रखेंगी. अगर सरकार की ओर से अतिरिक्त पूंजी उपलब्ध कराई जाती है, तो इससे उनके क्रेडिट मेट्रिक्स को और समर्थन मिलेगा.

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रिपोर्ट के अनुसार, तीन कंपनियों में से, एचपीसीएल (HPCL) के पास कच्चे तेल की कीमतों में फिजिकल ग्रोथ को सहन करने के लिए सबसे कम बफर है, क्योंकि वित्त वर्ष 2023 में पर्याप्त मार्केटिंग घाटे के कारण उधार लेना पड़ा.