Basmati Rice: पंजाब का कृषि विभाग मौजूदा बुवाई सत्र में बासमती (Basmati) फसल का रकबा लगभग 20% बढ़ाने की योजना बना रहा है. कृषि विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बासमती की खेती इसी महीने शुरू होने वाली है. कृषि विभाग ने इसकी खेती के लिए 6 लाख हेक्टेयर क्षेत्र का लक्ष्य तय किया है, जो पिछले साल के 4.94 लाख हेक्टेयर से करीब 20% ज्यादा है.

‘किसान मित्र’ योजना

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राज्य सरकार ने बासमती फसल के लिए समर्थन मूल्य 2,600 रुपये से 2,800 रुपये प्रति क्विंटल तय करने की योजना बनाई है. बासमती चावल की फसल को बढ़ावा देने के लिए विभाग ने ‘किसान मित्र’ योजना (Kisan Mitra Scheme) शुरू की है, जिसके तहत किसानों को इसे बोने के लिए तकनीकी परामर्श दिया जाएगा.

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बासमती फसल का रकबा 2021-22 में 4.85 लाख हेक्टेयर और 2020-21 में 4.06 लाख हेक्टेयर था. पंजाब में हर साल बासमती सहित लगभग 30 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में धान उगाया जाता है. बासमती मुख्य रूप से अमृतसर, गुरदासपुर, तरनतारन, पठानकोट और अन्य जिलों में उगाया जाता है. अधिकारियों का अनुमान है कि फाजिल्का और मुक्तसर जिलों में भी किसान इस बार बासमती धान का अधिक क्षेत्र लाएंगे.

पानी की अधिक खपत वाली फसलों के विकल्प पर फोकस

पंजाब सरकार पानी की अधिक खपत करने वाली धान की फसलों के विकल्प के रूप में बासमती (Basmati), कपास (Cotton) और दालों (Pulses) जैसी फसलों को बढ़ावा दे रही है. अधिकारी ने कहा कि पिछले साल किसानों को बासमती धान से 3,500 रुपये प्रति क्विंटल से अधिक की कमाई हुई थी और इस बार अधिक उत्पादकों को बासमती धान पर स्विच करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा.

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बासमती फसलों के लिए किसानों को मार्गदर्शन और तकनीकी मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए कृषि विभाग द्वारा प्रशिक्षित किसान मित्रों (Kisan Mitra) को शामिल किया गया है. अधिकारी ने कहा, एक किसान मित्र किसानों को बासमती की बुआई से लेकर कटाई तक के बारे में मार्गदर्शन करेगा.

किसानों को केवल उन्हीं कीटनाशकों के उपयोग की सलाह दी जाएगी जिनकी बासमती फसलों के लिए लुधियाना स्थित पंजाब कृषि विश्वविद्यालय द्वारा सिफारिश की गई है. अधिकारी ने कहा, उत्पादकों को कुछ कीटनाशकों से बचने के लिए कहा जाएगा, क्योंकि निर्यात के लिए बासमती अनाज में अधिकतम अवशिष्ट सीमा से अधिक कीटनाशक अवशेषों का खतरा है.

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35,000 करोड़ रुपये से ज्यादा बासमाती का एक्सपोर्ट

भारत से बासमती का निर्यात 35,000 करोड़ रुपये से अधिक होने का अनुमान है, जिसमें पंजाब के सुगंधित अनाज की महत्वपूर्ण हिस्सेदारी है. पंजाब के किसान मुख्य रूप से पूसा 1121 (PUSA 1121), पूसा 1509 (PUSA 1509) और 386 किस्म उगाते हैं.

इस सीज़न में, धान की रोपाई को चार चरणों में विभाजित किया गया था, पहला चरण 10 जून से अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास के क्षेत्रों में शुरू हुआ. राज्य के अन्य हिस्सों में धान की बुआई के लिए अन्य तीन चरण 16, 19 और 21 जून को शुरू हुए.

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