Box Office New Films Release: सिनेमा प्रेमियों को हर हफ्ते शुक्रवार का इंतजार रहता है, जब सिनेमाघरों में कोई-न-कोई नई फिल्म रिलीज होती है. कई बार एक से अधिक फिल्में भी बॉक्स ऑफिस पर शुक्रवार को टकरा जाती हैं. लेकिन क्या आपने कभी ये सोचा है कि देश में फिल्में आमतौर पर शुक्रवार को ही क्यों रिलीज होती है? 

हॉलीवुड से आया कॉन्सेप्ट

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बॉलीवुड में हमेशा से शुक्रवार को नई फिल्में रिलीज करने का कल्चर नहीं था, बल्कि, 1960 के पहले तक सिनेमाघरों में नई फिल्में सोमवार को रिलीज हुआ करती थीं. जबकि, हॉलीवुड में शुक्रवार को फिल्में रिलीज की जाती थीं. 15 दिसंबर, 1939 को पहली बार फिल्म 'गॉन विद द विंड' को शुक्रवार को रिलीज किया गया था. लेकिन समय के साथ भारत की सिनेमा इंडस्ट्री ने भी हॉलीवुड से इंस्पायर्ड होकर शुक्रवार को फिल्में रिलीज करना शुरू कर दिया. 

आपको बता दें कि देश में 'मुगल-ए-आजम' वो पहली फिल्म थी, जिसे शुक्रवार को रिलीज किया गया था. ये फिल्म 5 अगस्त, 1960 को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी. जिसके बाद बॉलीवुड में शुक्रवार को फिल्में रिलीज करने का एक कल्चर सा बन गया. हालांकि, अभी भी दिवाली या क्रिसमस जैसे बड़े त्योहारों को देखते हुए हफ्ते के दूसरे दिनों में भी कुछ बड़ी फिल्मों को रिलीज किया जाता रहा है. 

शुक्रवार को मिलती थी आधे दिन की छुट्टी

शुक्रवार को फिल्में रिलीज करने के पीछे एक और बड़ा कारण ये है कि पहले कुछ बड़े इंडस्ट्री और उद्योगपति अपने कर्मचारियों को शुक्रवार को आधे दिन की छुट्टी दिया करते थे. लेकिन तब टीवी या इंटरनेट जैसे मनोरंजन के साधन नहीं थे. ऐसे में लोगों को आसानी से सिनेमाघरों तक बुलाने के लिए फिल्म मेकर्स शुक्रवार को नई फिल्में रिलीज किया करते थे.

वीकेंड का मिलता है पूरा फायदा

शुक्रवार को नई फिल्में रिलीज करने का ये पुराना चलन आज भी बरकरार है, जो कि प्रोड्यूसर्स को मुनाफा कराता है. दरअसल, देश में अधिकांश जगह कर्मचारियों को शनिवार और रविवार की छुट्टी मिलती है. ऐसे में शुक्रवार को फिल्म रिलीज करने से उसी दिन फिल्म को लेकर क्रिटिक्स और एक्सपर्ट्स के रिव्यूज आ जाते हैं. इसे देखते हुए आम लोग वीकेंड्स में फिल्में देखने का इरादा बना लेते हैं.