महामारी कोरोना वायरस (Covid-19 Pandemic) का खतरा अभी भी ग्लोबल स्तर पर देखने को मिल रहा है. पूरी दुनिया में अब तक 24 लाख से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं. इनमें से अब तक 1 लाख 65 हजार से ज्यादा मौत हो चुकी हैं. करीब 6 लाख 25 हजार लोगों में रिकवरी देखी गई है. लेकिन, खतरा अभी भी बना हुआ है. क्योंकि, कोरोना वायरस (Coronavirus) तेजी से फैल रहा है और रिकवरी रेट काफी कम है. पिछले दो दिन से कोरोना को फैलते हुए देखा है. अब उसका बाजार (Stock Market) पर क्या इम्पैक्ट रहेगा और कहां से सबसे ज्यादा चिंताजनक संकेत मिल रहे हैं. 

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लगातार बढ़ा कोरोना का खतरा

रोजोना 75-80 हजार नए मामले सामने आ रहे हैं. वहीं, रोजाना रिकवरी का आंकड़ा सिर्फ 25-30 हजार के बीच है. मतलब जितने लोग ठीक हो रहे हैं, उससे तीन गुना मामले रोज सामने आ रहे हैं. यही वजह है कि कोरोना काफी तेजी से फैल रहा है, रिकवरी रेट काफी कम है. रविवार को करी 75 हजार नए मामले सामने आए और करीब 5 हजार लोगों की मौत हुई. ग्रोथ का आंकड़ा देखें तो दो महीने पहले 19 फरवरी तक ग्लोबली कोरोना वायरस से 2126 लोगों की मौत हुई थी. एक महीने पहले ये आंकड़ा 10 हजार था और आज ये आंकड़ा 1 लाख 65 हजार है. मतलब एक महीने में लगभग 16 गुना मरने वालों की संख्या बढ़ गई है. 

अमेरिका की चिंताएं ज्यादा

अमेरिका में 7 लाख 50 हजार से ज्यादा मामले हैं. 40 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. कल 2000 लोगों की मौत हुई. एक महीने पहले अमेरिका में मरने वालों की संख्या 200 थी. आज 40000 है. यूरोप की बड़ी इकोनॉमी की बात करें तो सबसे ज्यादा चिंता वहीं पर है. पूरे यूरोप की बात करें तो 11 लाख से ज्यादा मामले हैं और 1 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है. मतलब यूरोप में डेथ रेट 10 फीसदी है. ग्लोबली ये आंकड़ा 4-4.5 फीसदी के बीच है. भारत में कोरोना वायरस के 17 हजार से ज्यादा मामले हैं. रविवार को लगभग 1500 नए मामले सामने आए और 38 लोगों की मौत हो गई. मरने वालों की संख्या 560 पर है. तेलंगाना में लॉकडाउन को 7 मई तक बढ़ा दिया गया है. 

डोनाल्ड ट्रंप का चीन पर अटैक

डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर चीन पर अटैक किया है. ट्रंप ने कहा है कि हमनें चीन के साथ ट्रेड डील जरूर की है, लेकिन भरोसा नहीं है. डोनाल्ड ट्रंप ने चीन में कोरोना वायरस के मामले और मरने वालों की संख्या पर सवाल उठाए हैं. चीन के साथ हमारे रिश्ते तब तक अच्छे थे, जब तक महामारी नहीं फैली थी. ट्रंप ने कहा कोरोना फैलने के पीछे चीन कारण है. चीन ने एक्शन लेने में देरी करी और बाकी देशों को जल्दी चेतावनी नहीं दी. ये चीन की गलती है और इसके लिए चीन को जिम्मेदार मानते हैं. ट्रंप ने कहा कि अगर चीन जानबूझकर इसका जिम्मेदार निकलता है तो अंजाम भुगतना होगा. वहीं, जर्मनी ने कोरोना वायरस की वजह से आई परेशानी के लिए 130 अरब डॉलर का बिल भेजा है.

क्या है अनिल सिंघवी की राय?

अनिल सिंघवी के मुताबिक, अमेरिका के अलावा दुनिया के कई देश चीन को इसके लिए छोड़ेंगे नहीं. जिस तरह से इस मामले को हैंडल किया है, भले ही दाल पूरी तरह काली न हो, लेकिन दाल में बहुत कुछ काला है. चीन ने जो कुछ किया है, उसमें बताया बहुत कम है और छुपाया ज्यादा है. चाहे कितनी बड़ी बीमारी है उस लिहाज से, या फिर मरने वालों की संख्या कितनी है या फिर उन्होंने किस तरह से इस बीमारी पर रोक लगाई है. चीन ने इन सब मामले में दुनिया को पूरी तरह अंधेरे में रखा है. अब इसका खामियाजा चीन को भुगतना पड़ेगा या पूरी दुनिया को भुगतना पड़ेगा ये वक्त बताएगा. लेकिन, अगर कोरोना से दुनिया उबर भी जाए तो भी जिंदगी उतनी आसान नहीं होगी. चीन के साथ आने वाले दिनों में बाकी देशों के तनाव हो चुके हैं या होने की संभावना है वो डराने वाला है. 

मार्केट पर क्या होगा असर?

अनिल सिंघवी का मानना है कि ग्लोबल मार्केट्स के लिए अगला बड़ा ट्रिगर्स यहीं से होगा. इसके पीछे दो बड़ी वजह है. पहली- पूरी दुनिया चीन से परेशान है. दूसरी- अमेरिका में इलेक्शन हैं. डोनाल्ड ट्रंप कभी नहीं चाहेंगे कि अमेरिका में जितने लोगों की मौत हुई उसके जिम्मेदार वो हैं. इसके लिए उन्हें किसी और को जिम्मेदार ढूंढना है. इस वक्त चीन से बेहतर विकल्प और कोई नहीं हो सकता. अगर ट्रंप चीन को जिम्मेदार ठहराते हैं तो कोई न कोई एक्शन भी हो सकता है. अगर अमेरिका एक्शन लेता है तो चीन रिएक्शन भी देगा. इससे दुनियाभर में दो पक्ष बनेंगे. एक चीन के पक्ष में और दूसरा विपक्ष में. आगे चलकर जो स्थिति बिगड़ेगी, उसका अंदाजा लगाना आसान नहीं है. ये कब होगा और कैसे होगा ये कहना मुश्किल हैं. लेकिन, इस साल एक और बड़े हड़कंप के लिए हमें तैयार रहना चाहिए. इसकी संभावना पूरी-पूरी है. जिस तरह के स्टेटमेंट्स आए हैं, वो बिल्कुल कॉन्फिडेंस देने वाले नहीं हैं. जर्मनी ने एक बड़ी रकम मांगी है. अमेरिका ने कहा है चीन आंकड़े छुपा रहा है.

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मार्केट के लिहाज से क्या है ट्रिगर्स?

अनिल सिंघवी का मानना है कि अभी कोरोना से लड़ाई जा रही है. जब कोरोना से लड़ाई जीतने के बाद किस तरह के स्टेटमेंट्स आएंगे और किस तरह का एक्शन होगा. क्योंकि, ये दुनिया के लिए एक बड़ी दिक्कत वाली बात हो सकती है. आने वाले दिनों में मार्केट की तेजी में अगर कोई भंग पड़ेगा, तो चीन बनाम पूरी दुनिया.. ये स्थिति जब बनेगी तो बाजार रिएक्ट करेंगे. ये कब होगा, किस फॉर्म में होगा इस पर नजर रखनी है. जब होगा तब एक्शन लेना है. उसके लिए हम तैयार रहेंगे. निवेशकों को बताएंगे कि क्या करना है क्या नहीं.