कच्चे तेल की कीमतें लगातर गिर रही हैं. कच्चे तेल का यह पिछले तीन महीने का निचला स्तर है. वहीं, कच्चे तेल की गिरती कीमतों का असर पेट्रोल-डीजल के दाम पर भी दिख रहा है. पेट्रोल-डीजल की कीमतें 2 हफ्ते के निचले स्तर पर पहुंच गई हैं. इससे आने वाले दिनों में महंगाई कम होने की भी संभावना है. फिलहाल क्रूड(डब्ल्यूटीआई) की कीमतें 67.43 डॉलर प्रति बैरल और ब्रेंट क्रूड की कीमतें 77.42 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई हैं. एक्सपर्ट्स की मानें तो कच्चे तेल की कीमतें 70 डॉलर प्रति बैरत तक गिर सकती हैं. क्रूड का गिरना आम आदमी के लिए राहत भरा है, क्योंकि यह सीधे तौर पर आम आदमी की जिन्दगी पर असर डालता है. इस पैकेज के जरिए जानिए कच्चे तेल से जुड़े कुछ फैक्ट्स...

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क्रूड ऐसे डालता है आपकी जिन्दगी पर असर

ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने पिछले दो हफ्ते में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में इजाफा नहीं किया है.

  • कीमतों में कटौती से सस्ता करने से महंगाई के मामले में जनता को राहत मिलेगी.
  • डीजल के दाम घटने से एक ओर मालभाड़े में कमी होगी, वहीं पब्लिक ट्रांसपोर्ट की कॉस्‍ट में भी कटौती होगी.
  • सब्‍जी, फल और दालों के दाम कम हो सकते हैं. इसके अलावा बसों का किराया भी घट सकता है.
  • गाड़ियां और विमान के लिए यह ईंधन एक महत्वपूर्ण खनिज है. इसके अलावा इसका उपयोग प्लास्टिक, पेंट्स, डिटर्जेंट, फर्टीलाइजर और लुब्रिकेंट में किया जाता है.
  • इस तरह के ईंधन से आपके कपड़े, प्लास्टिक बोतल, पेन और कई अन्य सारी चीजें बनाई जाती हैं.

ये हैं कुछ जरूरी फैक्ट्स...

  1. कच्चा तेल एक तरह का डार्क हाइड्रोकार्बन पदार्थ है, जो विश्व में समुद्र और जमीन के अंदर पाया जाता है. इसका इतिहास 300 मिलियन सालों का है.
  2. एक बैरल ऑयल को बनाने के लिए कम से कम लगभग 20 गैलन गैसोलीन का इस्तेमाल किया जाता है.
  3. मोटर गाड़ियों और विमानों के लिए यह ईंधन एक महत्वपूर्ण खनिज है. इसके अलावा इसका उपयोग प्लास्टिक, पेंट्स, डिटर्जेंट, फर्टीलाइजर और लुब्रिकेंट में किया जाता है.
  4. खनिज पदार्थों का हम पिछले 5000 सालों से उपयोग कर रहे हैं.
  5. इस तरह के ईंधन से आप कपड़े, प्लास्टिक बोतल, पेन और कई अन्य सारी चीजें बना सकते हैं.
  6. विश्व में अमेरिका ऐसा देश है जहां सबसे ज्यादा ईंधन (लगभग 20 मिलियन) की खपत होता है.
  7. लाइट क्रूड ऑयल पानी की तरह होता है, जबकि हैवी क्रूड ऑयल टार की तरह है.
  8. सऊदी अरब तेल का सबसे बड़ा उत्पादक है. इसके बाद रूस में सबसे ज्यादा तेल पाया जाता है.
  9. तेल को बैरल में मापा जाता है. एक स्टैंडर्ड बैरल 159 लीटर का है.
  10. विश्व में ईंधन और कोयला 88% उर्जा की मांग को पूरा करते हैं.