Stock Market Outlook: इस हफ्ते शेयर बाजार में जमकर उतार चढ़ाव देखने को मिला है. हालांकि सप्ताह के अंत में सेंसेक्स और निफ्टी 1 फीसदी बढ़त पाने में कामयाब रहे हैं. हफ्ते की शुरूआत में पॉजिटिव GDP नंबर के चलते सेंटीमेंट मजबूत हुआ लेकिन कोरोना वायरस के नए वेरिएंट के चलते बजार का मूड खराब हुआ. कोरोबारी हफ्ते के आखिर में निफ्टी 1 फीसदी बढ़त के साथ 17,196 के स्तर पर बंद हुआ. आने वाले हफ्ते में ओमिक्रॉन वेरिएंट, RBI पॉलिसी, FIIs के रुख और मैक्रोइकोनॉमिक नंबर्स के चलते बाजार में उतार चढ़ाव जारी रहने की आशंका है. यह देखना महत्वपूर्ण रहेगा कि सेंट्रल बैंक किस तरह से ओमिक्रॉन के बढ़ रहे खतरे, मजबूत ग्रोथ, महंगाई के बीच बैलेंस बनाता है. 

अजीत मिश्रा, VP रिसर्च, Religare Broking

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अजीत मिश्रा का कहना है कि आने वाले हफ्ते में बाजार में हाई वोलेटिलिटी रहने की आशंका है, हालांकि कुछ महत्वपूर्ण डाटा पर बाजार की नजर रहेगी. इसमें सबसे महत्वपूर्ण है मॉनेटरी पॉलिसी, जिसकी बैठक 8 दिसंबर से शुरू हो रही है. कोविड 19 के नए वेरिएंट को देखते हुए सेंट्रल बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी के लिए चीजों को बैलेंस रखना आसान नहीं होगा. मैक्रो इकोनॉमी के फ्रंट पर 10 दिसंबर को IIP नंबर और CPI इनफ्लेशन का डाटा 10 दिसंबर को आना है. उनका कहना है कि अगले हफ्ते भी बाजार में कोविड 19 के नए वेरिएंट के चलते अनिश्चितता रहेगी और निफ्टी 16700 से 17600 की रेंज में दिख सकता है. सेक्टरवाइज बात करें तो IT सेक्टर मजबूत दिख रहा है, जबकि अन्य सेक्टर्स में मिक्स्ड ट्रेंड दिख सकता है. निवेशकों को सलाह है कि वे हेज ट्रेड को जारी रखें और दोनों साइड में पोजिशन बनाए रखें. 

सिद्धार्थ खेमका, हेड- रिटेल रिसर्च, मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज

सिद्धार्थ खेमका का कहना है कि बाजार में आगे भी उतार चढ़ाव देखने को मिल सकता है. कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन और फेड टेपरिंग के चलते बाजार में वोलैटिलिटी बनी रहने की संभावना है. जब तक कोरोना वायरस के नए वेरिएंट के ट्रांसमिशन रेट और इसके चलते अस्पताल में भर्ती होने की जरूरतों पर क्लेरिटी नहीं आती है, तब तक इसे लेकर होने वाले हर डेवलपमेंट के चलते बाजार में अनिश्चितता बनी रहेगी. दूसरी ओर, निवेशकों की नजर अगले सप्ताह होने वाले RBI के पॉलिसी डिसिजन पर रहेगी. हालांकि कोविड के नए वेरिएंट को देखते हुए सेंट्रल बैंक ब्याज दरों को यथास्थिति बनाए रख सकता है. सिद्धार्थ खेमका का कहना है कि बाजार में आए मौजूदा करेक्शन ने वैल्युएशन को कंफर्टेबल बना दिया है और निवेशकों को लॉन्ग टर्म के लिए मजबूत फंडामेंटल को देखते हुए समय-समय पर वैल्यू बॉइंग करनी चाहिए. 

संतोष मीना, रिसर्च हेड, Swastika Investmart Ltd.

संतोष मीना का कहना है कि टेक्निकली निफ्टी के लिए 17500 के लेवल पर रेजिस्टेंस बना है. यह लेवल अपसाइड में ब्रेक होता है तो निफ्टी के लिए 17615 का लेवल एक क्रिटिकल हर्डल होगा. निफ्टी यह लेवल बनाए रखता है तो यह 18000 के लेवल की ओर मूव कर सकता है. वहीं नीचे की ओर इसे 100-DMA 17168 के लेवल पर सपोर्ट है, जिसके ब्रेक होने पर निफ्टी  16782 और फिर 16700-16400 के लेवल तक कमजोर हो सकता है. यह डिमांड जोन होगा जहं से एक बर फिर मजबूत पुलबैक देखने को मिल सकता है. 

वहीं बैंक निफ्टी के लिए 200-DMA अभी 35750 के लेवल पर प्लेस्ड है. बैंक निफ्टी के लिए 36900-37500 क्रिटिकल सप्लाई जोन होगा. यह लेवल पार करने पर इंडेक्स 38500 के लेवल तक मजबूत हो सकता है. वहीं नीचे की ओर अगर यह 200-DMA के नीचे ट्रेड शुरू करता है तो 35000-34800 के लेवल तक कमजोर हो सकता है जो इमेडिएट डिमांड जोन है. इसके नीचे जाने पर 34000 क्रिटिकल सपोर्ट लेवल होगा.