5G Service: टेलीकॉम कंपनियों (Telecom Companies) ने चुनिंदा शहरों में 5जी सेवाओं (5G Service) की पेशकश शुरू कर दी है लेकिन उन्हें पूरा नेटवर्क इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने पर अगले 4-5 साल में 3 लाख करोड़ रुपये खर्च करना होगा. रेटिंग एजेंसी इक्रा (ICRA) ने यह अनुमान जताया है. न्यूज एजेंसी भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक, इक्रा रेटिंग्स ने एक बयान में कहा कि टेलीकॉम कंपनियों को समूचे देश में 5G सर्विस की पेशकश करने की स्थिति में पहुंचने के लिए तगड़ा निवेश करना होगा.

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ICRA ने कहा, भारत के करीब 35% टॉवर ही फाइबर से जुड़े हुए हैं. ऐसी स्थिति में हमें उम्मीद है कि टॉवरों को पूरा फाइबर-आधारित बनाने पर अगले चार-पांच साल में करीब 3 लाख करोड़ रुपये का कैपिटल एक्सपेंडिचर करना होगा. ऐसा होने पर ही देश भर में तगड़ा नेटवर्क आधार खड़ा किया जा सकता है.

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इसके साथ ही एजेंसी ने कहा कि टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स के परिचालन मानकों में लगातार सुधार हुआ है लेकिन उनका कर्ज स्तर अब भी उच्च स्तर पर बना हुआ है. इसके करीब 6.3 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है.

पहली छमाही में ARPU 170 रुपये के पार

ICRA के मुताबिक, ARPU (Average Revenue Per Users) वित्त वर्ष की पहली छमाही में 170 रुपये का स्तर पार कर चुका है और मार्च, 2023 के अंत तक इसके 180 रुपये से अधिक हो जाने की संभावना है.

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रेटिंग एजेंसी ने कहा कि रेवेन्यू बढ़ने से टेलीकॉम कंपनियों का एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) पिछली कुछ तिमाहियों में मजबूती से बढ़ा है. लेकिन टेलीकॉम कंपनियों का कर्ज अब भी ऊंचे स्तर पर है और स्पेक्ट्रम नीलामी (Spectrum Auction) के नए दौर के बाद यह बोझ और भी बढ़ गया.

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