प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट तैयार है. लेकिन, इस बार उनके दो बड़े चेहरे इस कैबिनेट से दूर हैं. पहला मोदी सरकार के वित्त मंत्री रहे अरुण जेटली और दूसरी विदेशी मंत्री सुषमा स्वराज. दोनों को ही मोदी कैबिनेट में इस बार शपथ नहीं दिलाई गई. हालांकि, अरुण जेटली ने खुद ही प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखकर गुजारिश की थी कि उन्हें कोई जिम्मेदारी न दी जाए. खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए कहा अरुण जेटली ने कहा था कि वह खुद के बेहतर इलाज के लिए थोड़ा समय चाहते हैं.

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पिछले मोदी सरकार में वित्त मंत्री रहे अरुण जेटली ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर नई सरकार में मंत्री बनने में असमर्थता जाहिर की. उन्होंने खराब स्वास्थ्य के चलते नई सरकार में कोई भी जिम्मेदारी नहीं देने की गुजारिश की. जेटली ने कहा कि हाल ही में संपन्न चुनाव में भाजपा को भारी बहुमत मिलने के तुरंत बाद उन्होंने अपनी अघोषित बीमारी का इलाज के लिए समय देने के बारे में मोदी को सूचित किया था.

जेटली ने क्या लिखा?

उन्होंने कहा, ‘मैं आपसे औपचारिक रूप से यह निवेदन करने के लिए लिख रहा हूं कि मुझे अपने लिए, अपनी चिकित्सा के लिए और अपने स्वास्थ्य के लिए कुछ समय चाहिए और इस कारण मुझे अभी नई सरकार में कोई जिम्मेदारी न दी जाए.’

सुषमा भी नहीं होंगे मंत्रीमंडल का हिस्सा

नए मोदी मंत्रिमंडल में सुषमा स्वराज फिलहाल हिस्सा नहीं होगी. हालांकि, आगे मंत्रिमंडल विस्तार में उन्हें शामिल किया जा सकता है. लेकिन, आगे भी वह शामिल होंगी या नहीं, यह अभी कहना जल्दबाजी है. दोपहर तक उनके नाम को लेकर चर्चा थी कि उन्हें भी फोन कर शपथ लेने के लिए बुलाया है. लेकिन, वह राष्ट्रपति भवन पहुंचकर दर्शक दीर्घा में बैठ गईं. पिछली मोदी कैबिनेट में सुषमा स्वराज ने महत्वपूर्ण विदेश मंत्रालय संभाला था. 

विदेश मंत्री के तौर पर शानदार छवि

पिछले पांच साल में सुषमा स्वराज ने बतौर विदेश मंत्री काफी सुर्खियां बटोरीं. उनकी छवि शानदार रही. वह अपने ट्विटर के द्वारा आम लोगों की परेशानियों को हल करने के लिए मशहूर हुईं. अक्सर जब लोग उनके मंत्रालय से जुड़ी किसी मुश्किल में फंस जाते थे तो उन्हें टैग करते हुए ट्वीट कर देते हैं. कई बार यह देखा गया जब सुषमा स्वराज लोगों की समस्याओं को दूर कर दिया.