US Fed Rate Hike: अमेरिकी केंद्रीय बैंक यूएस फेडरल रिजर्व (US Fed) ने ब्‍याज दरों में 0.75 फीसदी बढ़ोतरी की है. अमेरिका में अब ब्‍याज दरें बढ़कर 1.75 फीसदी हो गई हैं. यूएस फेड ने महंगाई पर काबू के लिए 1994 के बाद पहली बार एक बार में इतनी बड़ी बढ़ोतरी की है. अमेरिकी केंद्रीय बैंक ने इससे पहले नवंबर 1994 में ब्याज दर में इतनी बड़ी बढ़ोतरी की थी. मई महीने में अमेरिका की महंगाई दर 40 साल के टॉप लेवल पर दर्ज की गई थी. 

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फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने आगे भी ब्याज दरों में बढ़ोतरी के संकेत दिए हैं. पॉवेल के मुताबिक, फेड जुलाई में भी ब्‍याज दरों में 0.5-0.75 फीसदी बढ़ोतरी कर सकता है. यूएस फेड के मुताबिक, महंगाई में उम्‍मीद से कम सुधार के बाद यूएस फेड ने दरों में बड़ी बढ़ोतरी का फैसला किया है. मांग-सप्‍लाई में असंतुलन के चलते महंगाई दर ज्‍यादा रहने की संभावना है. 2022 के अंत तक ब्‍याज दर बढ़कर 3.4 फीसदी रहने का अनुमान है. वहीं, 2023 के अंत तक ब्‍याज दर बढ़कर 3.8 फीसदी रहने का अनुमान है.

US Fed: महंगाई सबसे बड़ी समस्‍या 

यूएस फेड के सामने महंगाई सबसे बड़ी समस्‍या है. केंद्रीय बैंक ने साफ कहा कि वो महंगाई दर को 2 फीसदी पर लाने के लिए कड़े कदम उठाएगा. वहीं, महंगाई पर अनुमान 4.3 फीसदी से बढ़ाकर 5.2 फीसदी कर दिया है. हालांकि, यूएस फेड ने यह भी कहा है कि दरें बढ़ाने से अभी मंदी का खतरा नहीं है. अमेरिका में खुदरा महंगाई दर साल 1981 के बाद से सबसे उच्च स्तर पर है.  

US GDP का अनुमान घटाया 

यूएस फेड ने कहा है कि अमेरिका में आने वाले दिनों में अर्थव्यवस्था में सुस्ती आ सकती है, इतना ही नहीं देश की बेरोजगारी दर में भी और इजाफा देखा जा सकता है. अमेरिकी केंद्रीय बैंक ने 2022 का यूएस GDP का अनुमान 2.8 फीसदी से घटाकर 1.7 फीसदी कर दिया है. यूएस फेड के मुताबिक, 2022 अंत तक बेरोजगारी दर बढ़कर 3.7 फीसदी होने का अनुमान है. वहीं, 2024 के आखिर तक बेरोजगारी दर बढ़कर 4.1 फीसदी हो सकती है.  

विदेशी बाजारों में तेजी 

फेड रिजर्व की ओर से ब्‍याज दरें बढ़ाने के फैसले के बाद अमेरिकी शेयर बाजारों में उछाल देखा गया. डाउ जोन्स में 1 फीसदी बढ़कर 30,600 अंक के स्तर को पार कर गया. इसके अलावा, नैस्‍डैक में 2.5 फीसदी, एसएंडपी 500 में 1.4 फीसदी और रसेल 2000 में 1.3 फीसदी से ज्‍यादा की तेजी देखी गई. वहीं, यूएस फेड के फैसले से डॉलर भी मजबूत हुआ है. यूएस फेड के इस फैसले का असर भारत समेत दुनियाभर के शेयर बाजारों में देखने को मिलेगा. 

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रुपये में आ सकती है गिरावट? 

यूएस फेडरल रिजर्व के दरें बढ़ाने का भारतीय बाजारों को झटका लग सकता है. ऐसा इसलिए क्‍योंकि डॉलर के मुकाबले रुपये में बड़ी गिरावट आ सकती है. फेड के दरें बढ़ाने के बाद डॉलर के रेट में बढ़ा उछाल आ सकता है. डॉलर इंडेक्‍स की मजबूती से रुपये को झटका लग सकता है. इसके अलावा, फेड के ताजा फैसले के बाद रिजर्व बैंक भी ब्‍याज दरें बढ़ाने का दबाव बढ़ सकता है.