'कंगाली' छिपाने के लिए इमरान खान की नई चाल! क्या भुखमरी से ऐसे बचेगा पाकिस्तान?
महंगाई और बेतहाशा कर्ज में डूबा पाकिस्तान... और फिर भी लगातार दूसरों पर कीचड़ उछालने की कोशिश. लेकिन, अब पाकिस्तान खुद की कालिक छुपाने में लगा है.
महंगाई और बेतहाशा कर्ज में डूबा पाकिस्तान... और फिर भी लगातार दूसरों पर कीचड़ उछालने की कोशिश. लेकिन, अब पाकिस्तान खुद की कालिक छुपाने में लगा है. जी हां, इमरान खान ने दुनिया के सामने अपनी साख बचाने और अपनी कंगाली छुपाने के लिए नई चाल चली है. हालांकि, चाल चलने से पहले ही दुनिया के सामने उसकी असलियत आ चुकी है. दरअसल, पिछले एक दशक में पाकिस्तान सबसे ज्यादा महंगाई की मार झेल रहा है. एक तरफ कर्ज का बोझ और दूसरी तरफ बढ़ती महंगाई से पाकिस्तान की माली हालत बिगड़ती जा रही है. यही वजह है कि अब इमरान खान खुद महंगाई छुपाने में जुट गए हैं.
भुखमरी से बचाने की कोशिश
पाकिस्तान सांख्यिकी ब्यूरो के ताजा आंकड़े साफ दिखाते हैं कि पाकिस्तान में साल दर साल के हिसाब से महंगाई दर बढ़कर 11.4 फीसदी पर पहुंच गई है. एक अनुमान के मुताबिक, इसी रफ्तार से महंगाई चली तो आने वाली एक तिमाही में पाकिस्तानी 18 फीसदी की दर से महंगाई झेल रहा होगा. पाकिस्तानी अखबार 'द डॉन' के मुताबिक, पिछली बार की तुलना में इस बार पाकिस्तान में महंगाई फिर 0.77 फीसदी बढ़ी है. अगर ये ही आलम रहा तो जल्द ही पाकिस्तान में भुखमरी के हालत होंगे.
महंगाई छुपाने की नई चाल!
पाकिस्तान के लिए महंगाई का बोझ उठाना अब मुमकिन नहीं है. यही वजह है कि वजीर-ए-आज़म इमरान खान ने दुनिया की नजर से महंगाई छुपाने के लिए नई चाल चली है. इमरान सरकार अब महंगाई मांपने का बेस ईयर ही बदलने जा रही है. रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तानी सांख्यिकी विभाग (PSB) ने महंगाई का बेस ईयर को 2008 से बदलकर 2016 कर दिया है. जबकि पिछले महीने तक पाकिस्तान में महंगाई का बेस ईयर 2008 था.
ऐसे कम हुई महंगाई
'द डॉन' की रिपोर्ट के मुताबिक, अगर पुराने में बेस ईयर के हिसाब से देखें तो सितंबर में पाकिस्तान की महंगाई दर 12.55 फीसदी हो चुकी है. जबकि नए बेस ईयर के आधार पर सितंबर में महंगाई 11.37 फीसदी रही है. वहीं, अगस्त में 10.49 फीसदी रही. बता दें, पाकिस्तान में महंगाई कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (Consumer Price Index) के आधार पर कैलकुलेट होती है.
नए तरीके से कैलकुलेट होगी महंगाई
बेस ईयर में बदलने के साथ ही पाकिस्तान ने आइटम्स कैटेगरी में बदलाव किया है. शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों से कीमतों के बारे में जानकारी इकट्ठा करने के लिए अलग-अलग पैनल का गठन किया है. नए डेटा के मुताबिक, शहरी CPI में 35 शहरों के 356 आइटम्स को शामिल किया गया है. जबकि ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 27 सेंटर्स में 244 आइटम्स लिए गए हैं.
IMF ने लगाया था 13 फीसदी का अनुमान
पाकिस्तान ने बेस ईयर में बदलाव से पहले अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने सितंबर में 13 फीसदी महंगाई का अनुमान जताया था. हालांकि, पाकिस्तानी सरकार ने इसे 11 फीसदी के करीब रहने का अनुमान लगाया था. द डॉन के मुताबिक, पाकिस्तान में कोर महंगाई दर 8.8 फीसदी जोकि एक महीने पहले 8.2 फीसदी थी.