महामारी कोरोना वायरस (Covid-19 Pandemic) को लेकर दुनियाभर में हड़कंप मचा है. 200 से ज्यादा देश (countries+territories) इसकी चपेट में हैं. वैक्सीन तैयार करने की कोशिशें जारी हैं. लेकिन, सवाल अब भी एक ही है. कोरोना वायरस कहां से आया? इसकी उत्पत्ति (Origin) कैसे हुई? कई देशों ने चीन पर इसे बनाने का आरोप लगाया. अमेरिका ने तो साफ-साफ कहा था कि चीन ने इस वायरस को बनाया है. लेकिन, चीन इसे नकारता रहा. अब नोबेल पुरस्कार विजेता वैज्ञानिक ने चौंकाने वाला दावा किया है. उनका मानना है कि कोरोना वायरस वुहान की लैब से निकला है. 

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क्या है दावा और किसने किया?

साल 2008 में चिकित्सा का नोबेल पुरस्कार (Nobel Prize) जीतने वाले फ्रांस के वायरोलॉजिस्ट लूक मॉटेंग्नियर (luc montagnier) का दावा है कि 'चीन (China) की एक वैज्ञानिक प्रयोगशाला में एड्स (AIDS) की वैक्सीन (Vaccine) बनाने की कोशिशों में कोविडा-19 का जन्म हुआ और वैश्विक महामारी के रूप में विकसित हो गया. लूक के इस दावा ने पूरी दुनिया के विज्ञान और राजनीति क्षेत्र में हंगामा मचा दिया है.

मानव निर्मित है कोरोना वायरस

लूक मॉटेंग्नियर ने दावा किया है कि नोवल कोरोना वायरस की उत्पत्ति प्रयोगशाला में ही की गई है और यह मानव निर्मित है. वैक्सीन बनाने की कोशिश में यह बेहद संक्रामक और घातक वायरस तैयार हुआ. लूक मॉटेंग्नियर वो ही वैज्ञानिक हैं जिन्होंने HIV (ह्यूमन इमोनोडिफिशियंसी वायरस) खोज में अपनी अहम भूमिका निभाई थी. लूक का दावा है कि कोरोना वायरस के जीनोम (Genome) में एचआईवी (HIV) और मलेरिया (Malaria) के तत्व पाए गए हैं, जिससे शक होता है कि यह वायरस प्राकृतिक रूप से पैदा नहीं हो सकता.  

लूक ने फ्रांस के एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा वुहान की बायोसेफ्टी लैब साल 2000 से ही कोरोना वायरसेस पर विशेषज्ञता के साथ रिसर्च कर रही है. इसलिए नोवल कोरोना वायरस (Novel Corona Virus) एक तरह के औद्योगिक हादसे का नतीजा हो सकता है. एशिया टाइम्स में की एक रिपोर्ट भी यह दावा करती है कि वुहान की प्रयोगशालाओं को वर्ष 2000 से कोरोना वायरस में विशेषज्ञता हासिल है. हालांकि, कोविड-19 के वायरस जन्म वुहान की लैब में हुआ है, यह चर्चा पिछले कई हफ्तों से विश्व भर में चल रही है. 

डोनाल्‍ड ट्रंप भी कर चुके हैं दावा 

पिछले हफ्ते अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी दावा किया था कि नोवल कोरोना वायरस चीन के वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी की लैब में बनाया गया है. इस रिपोर्ट में दावा किया गया था कि यह वायरस इंसानों में चमगादड़ के जरिए आया है. रिपोर्ट में यह भी कहा कि गया था कि पेशेंट जीरो यानी पहला संक्रमित मरीज इसी लैब का एक कर्मचारी था, जो गलती से संक्रमित हो गया था. 

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चीन ने बताया खोखला दावा

चीन की प्रमुख वायरोलॉजी लैब के निदेशक युवान झिमिंग ने वैज्ञानिक के दावों को खोखला बताया है. उन्होंने इससे साफ इनकार किया कि लैब में नोवल कोरोना वायरस बनाया गया है. उन्होंने कहा वुहान इंस्ट्टटीयूट ऑफ वायरोलॉजी की पी4 लैब में घातक वायरसों पर अध्ययन होता है. लेकिन यह कोरी अफवाह है कि कोविड-19 का जन्म इसी प्रयोगशाला में हुआ है. लैब में काम करने के कायदे-कानून बेहद सख्त हैं.