Festive Season Cash Flow: इस फेस्टिव सीजन दिवाली का त्योहार भारतीय व्यापारियों के लिए बड़े मौके लेकर आ रहा है. इस फेस्टिव सीजन ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि दिवाली की त्योहारी खरीद और दूसरी सर्विसेज के जरिए इस साल बाजार में लगभग 2.5 लाख करोड़ रुपए की लिक्विडिटी आने का अनुमान है. कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) अगर ये अनुमान पूरा होता है तो इस साल पर्याप्त धन प्रवाह से व्यापारिक समुदाय को वित्तीय संकट से मुक्ति मिल सकती है. 2 साल के बाद अब पहली बार दिवाली बिना किसी प्रतिबंध की मनाई जाएगी. इससे देश के हर शहर में कमर्शियल बाजारों में लोगों की भीड़ बढ़ने की संभावना है. 

सरकार के बोनस ऐलान के बाद बढ़ सकता है कैशफ्लो

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कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया और राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल का कहना है कि 8 अक्टूबर को केंद्र सरकार की ओर से डीए में 4% की बढ़ोतरी और 12 अक्टूबर को रेल कर्मचारियों को 78 दिनों के वेतन के बराबर बोनस देने की सरकार की घोषणा से बाजार में कैश फ्लो बढ़ सकता है.

नवरात्रि में ऑटोमोबाइल के नंबर में दिखी तेजी

भरतिया और खंडेलवाल के अनुमान के मुताबिक, दिवाली उत्सव के कारोबार में 1.5 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का कारोबार दर्ज होने की उम्मीद है. इसके अलावा FADA ने भी हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की थी कि नवरात्रि के दौरान ऑटोमोबाइल की कुल खुदरा बिक्री 57 फीसदी हुई है. टू व्हीलर, थ्री व्हीलर, कमर्शियल व्हीलर, निजी वाहन और ट्रैक्टरों में क्रमशः 52%, 115%, 48%, 70% और 58% की तेजी देखने को मिली. 

एक अनुमान के अनुसार दिवाली त्योहार की अवधि के दौरान छोटे से लेकर उच्च श्रेणी के सभी प्रकार की वस्तुओं के लगभग 5 करोड़ उपहारों का आदान-प्रदान किया जाता है, जो दिवाली उत्सव की बिक्री में महत्वपूर्ण योगदान देता है.

चीनी सामान खरीदने से बचते हैं लोग

कैट की रिसर्च शाखा कैट रिसर्च एंड ट्रेड डेवलपमेंट सोसाइटी ने अलग-अलग राज्यों के 25 शहरों में एक सर्वेक्षण का दूसरा दौर पूरा किया, जिसमें  बाजारों में उपभोक्ताओं की बिक्री और प्रवृत्ति और सामान खरीदने में उनकी पसंद के मुख्य बिंदु थे. 

सर्वेक्षण में माल की खरीद पर ग्राहकों के बदलते व्यवहार से यह जाहिर होता है कि भारतीय सामान की मांग ज्याद है और उपभोक्ता यह सुनिश्चित करते हैं कि वे कोई चीनी सामान नहीं खरीद रहे हैं. ये 25 शहर जिन्हे कैट वितरण शहर कहता है, इसमें नई दिल्ली, अहमदाबाद, मुंबई, नागपुर, जयपुर, लखनऊ, चंडीगढ़, रायपुर, भुवनेश्वर, कोलकाता, रांची, गुवाहाटी, पटना, चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद, मदुरै, पांडिचेरी, भोपाल और जम्मू, पुणे, कानपुर, वाराणसी, रांची और भुवनेश्वर शामिल हैं. 

अपनी दिवाली-भारतीय दिवाली का आह्वान

भरतिया और खंडेलवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के लोकल पर वोकल और आत्मनिर्भर भारत को आगे बढ़ाते हुए कैट ने देश भर के व्यापारियों से इस दिवाली को 'अपनी दिवाली भारतीय दिवाली' के रूप में मनाने का आह्वान किया है. 40 हजार से ज्यादा देश भर के व्यापारी संगठन भारत में निर्मित उत्पादों विशेष रूप से घर की सजावट के सामान, दिवाली पूजा के सामान जिसमें मिट्टी के दीये, देवता, दीवार पर लटकने वाले, हस्तशिल्प के सामान, शुभ-लाभ, ओम जैसे पारंपरिक सौभाग्य के प्रतीक, देवी लक्ष्मी एवं श्री गणेश जी की पूजा का सामान, घर की सजावट का सामान जो स्थानीय कारीगरों, शिल्पकारों और कुशल कलाकारों द्वारा बनाई गई वस्तुओं को देश भर के बाज़ारों में बड़ा व्यापार देंगे.

इसके अलावा एफएमसीजी सामान, उपभोक्ता वस्तुएं, खिलौने, इलेक्ट्रॉनिक्स, बिजली उपकरण और सामान, रसोई के सामान और अन्य उपकरण, उपहार की वस्तुएं, व्यक्तिगत उपभोग्य वस्तुएं, मिष्ठान्न-नमकीन, होम फर्निशिंग, कपड़ा, रेडीमेड वस्त्र, फैशन परिधान, कपड़ा, टेपेस्ट्री, बर्तन, बिल्डर्स हार्डवेयर, जूते, घड़ियां, फर्नीचर और फिक्स वस्त्र, वस्त्र, सौंदर्य प्रसाधन, सौंदर्य उत्पाद, मोबाइल और उसके सहायक उपकरण, लकड़ी और प्लाईवुड, पेंट और कांच, दूध और दूध उत्पाद, डेयरी उत्पाद, किराना, खाद्यान्न, खाद्य तेल, दालें, साइकिल और उसके सामान, दीवार घड़ियां गोटा-जरी, साड़ी और ड्रेस मटेरियल आदि क्षेत्रों में बड़े व्यापार की संभावना है.