Chandra Grahan 2023 Today in India: आज 28 अक्‍टूबर दिन शनिवार की मध्‍य रात्रि में साल का आखिरी चंद्र ग्रहण (Last Lunar Eclipse of 2023) लगने जा रहा है. आज ही शरद पूर्णिमा भी है. शरद पूर्णिमा को हिंदू धर्म में बहुत ज्यादा महत्व दिया जाता है. चंद्र ग्रहण कई तरह के होते हैं, आज का ग्रहण आंशिक है. आपने नोटिस किया होगा कि जब भी चंद्र ग्रहण लगता है, उस दिन पूर्णिमा होती है. कभी ये सोचा है कि आखिर पूर्णिमा से चंद्र ग्रहण का क्‍या कनेक्‍शन है? यहां जानिए चंद्र ग्रहण के प्रकार और इसका पूर्णिमा कनेक्‍शन. 

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1. उपच्‍छाया चंद्रग्रहण (Penumbral Lunar Eclipse)

इस चंद्रग्रहण को पृथ्‍वी की छाया वाला माना जाता है जिसमें चंद्रमा के आकार पर कोई असर नहीं पड़ता है. इसमें  चांदनी में हल्‍का सा धुंधलापन आ जाता है जिसके कारण चांदनी थोड़ी फीकी नजर आने लगती है. बता दें कि साइंस के अनुसार, ऐसा ग्रहण तब लगता है जब सूरज, धरती और चांद एक सीध में नहीं आ पाते जिसकी वजह से सूरज की रोशनी का कुछ हिस्‍सा चांद की सतह पर पहुंचने से धरती रोक लेती है.

2. पूर्ण चंद्रग्रहण (Total Lunar Eclipse)

ये चंद्रग्रहण जब चंद्रमा और सूर्य के बीच में पृथ्‍वी आ जाती है और पृथ्‍वी चंद्रमा को पूरी तरह से ढक लेती हे, इस ग्रहण के लगने के समय से 12 घंटे पूर्व सूतक लग जाते हैं. जब पूर्ण चंद्रग्रहण लगता है तब चंद्रमा का रंग पूरी तरह से लाल रंग का नजर आने लगता है और चंद्रमा के धब्‍बे भी साफ दिखाई देने लगते हैं. 

3. आंशिक चंद्रग्रहण (Partial Lunar Eclipse)

जब सूर्य और चंद्रमा के बीच में पृथ्‍वी पूरी तरह से न आकर पृथ्‍वी की छाया चंद्रमा के कुछ हिस्‍से पर ही पड़े, ऐसे में इसे Partial Lunar Eclipse यानी आंशिक चंद्रग्रहण कहते हैं. बता दें कि इसमें सूतक के नियमों का पालन करना बेहद जरूरी होता है. 

   

पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण लगने की वजह

हर बार पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण न लगने की वजह है कि पृथ्वी की कक्षा पर चंद्रमा की कक्षा करीब 5 डिग्री तक झुकी हुई है. इस झुकाव के कारण हर बार चंद्रमा पृथ्वी की छाया में प्रवेश नहीं करता. कई बार पृथ्‍वी के ऊपर या नीचे से निकल जाता है. इस कारण हर पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण नहीं पड़ता. लेकिन जब भी चंद्रमा पृथ्‍वी की छाया में प्रवेश करता है, वो पूर्णिमा का दिन ही होता है. इसकी वजह है कि चंद्र ग्रहण तभी हो सकता है जब सूर्य, पृथ्‍वी और चंद्रमा एक सीध में हों और ज्यामितीय प्रतिबन्ध के कारण केवल पूर्णिमा के दिन ही संभव है. इसलिए चंद्र ग्रहण हमेशा पूर्णिमा के दिन ही लगता है.