अमेरिका का ब्राइस कैनियन के बारे में आपने जरूर सुना होगा. यहां पहाड़ जैसी ऊंचाई वाले पत्थरों को देखकर ऐसा लगता है कि मानो पृथ्वी के कैनवास पर कुदरत ने खुद शिल्‍पकारी की हो. दुनियाभर से टूरिस्‍ट इस जगह की खूबसूरती को देखने के लिए जाते हैं. लेकिन भारत में भी एक जगह ऐसी है, जिसकी तुलना अमेरिका के ब्राइस कैनियन से की जाती है. यहां भी आपको बड़ी बड़ी गुफाएं और चट्टानें देखने को मिल जाएंगीं. इस जगह को 'भारत में अमेरिका'  के नाम से भी जाना जाता है.

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हम बात कर रहे हैं मध्य प्रदेश में स्थित भीमबेटका की. ये मध्‍यप्रदेश के रायसेन जिले में है और अपनी ऐतिहासिक गुफाओं के लिए प्रसिद्ध है. कहा जाता है कि इस जगह का संबन्‍ध महाभारत काल से है. यहां पांडवों ने अज्ञातवास काटा था. आइए आपको बताते हैं भीमबेटका से जुड़ी जरूरी बातें.

यूनेस्‍को वर्ल्‍ड हेरिटेज लिस्‍ट में शामिल

भीमबेटका को रॉक शेल्टर के नाम से भी जाना जाता है. ये मध्‍य प्रदेश की पॉपुलर जगहों में से एक है. कहा जाता है कि यहां की गुफाएं एकदम अमेरिका के ब्राइस कैनियन नेशनल पार्क की जैसी लगती हैं. इस जगह की खोज साल 1957 में आर्कियोलॉजिस्ट डॉ. विष्णु श्रीधर वाकणकर ने की थी. इस जगह को भारत की सबसे पुरानी बस्‍ती के तौर पर भी देखा जाता है. कहा जाता है कि यहीं से दक्षिण एशियाई पाषाण युग की शुरुआत हुई थी. साल 2003 में इस जगह को यूनेस्‍को ने वर्ल्‍ड हेरिटेज की सूची में इस जगह को शामिल किया. 

ऐसे नाम पड़ा भीमबेटका

भीमबेटका की पहाड़ी में तकरीबन 700 से ज्यादा रॉक शेल्टर देखने को मिल जाएंगे. इनकी दीवारों पर सैकड़ों शैलचित्र बने हुए हैं. कहा जाता है कि इन्‍हें आदिमानवों ने तकरीबन 30,000 साल पहले बनाया था. कहा जाता है कि इस जगह पर पांडवों ने अपना अज्ञातवास काटा था. भीम अक्‍सर यहां आकर बैठा करते थे, इसलिए इस जगह को भीमबैठका कहा गया. बाद में इसे भीमबेटका कहा जाने लगा. 

कैसे पहुंचें

अगर आप भी इस जगह को देखना चाहते हैं तो आपको मध्‍य प्रदेश की राजधानी भोपाल जाना होगा. भोपाल से ये जगह करीब 45 किलोमीटर की दूरी पर है. भोपाल पहुंचने के बाद आप टैक्‍सी या निजी वाहन से जा सकते हैं.

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