Mobile Portability news: प्रीपेड मोबाइल का इस्तेमाल करने वाले कस्टमर्स के लिए अच्छी खबर है. दिल्ली हाई कोर्ट ने दूरसंचार अपीलीय न्यायाधिकरण टीडीसैट के उस आदेश पर बुधवार को रोक लगा दी जो प्रीपेड मोबाइल फोन यूजर्स को नंबर पोर्टेबिलिटी के अधिकार से रोकता है. पीटीआई की खबर के मुताबिक, न्यायाधीश ने दूरसंचार नियामक ट्राई (TRAI) की तरफ से दायर याचिका पर दूरसंचार कंपनी वोडाफोन आइडिया को अपना पक्ष रखने के लिए नोटिस भी जारी किया. 

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कंपनी से कोर्ट ने किया सवाल

खबर के मुताबिक, ट्राई की तरफ से दायर याचिका की सुनवाई करते हुए न्यायालय ने कहा कि दूरसंचार कंपनी ग्राहकों को एक एसएमएस (SMS) पर पोर्टेबिलिटी सर्विस देने से किस आधार पर परहेज कर रही है. इस याचिका में दूरसंचार विवाद समाधान अपीलीय न्यायाधिकरण (टीडीसैट) के उस आदेश को चुनौती दी गई है जिसमें नंबर पोर्टेबिलिटी संबंधी ट्राई के उस फैसले पर रोक लगा दी गई थी.

वोडाफोन आइडिया ने अपील दायर की थी

भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने अपने आदेश में सभी दूरसंचार सेवा कंपनियों को एक टेक्स्ट संदेश भेजकर पोर्टेबिलिटी का अधिकार ग्राहकों को देने को कहा गया था. इसके लिए दूरसंचार कंपनियों को एक विशिष्ट कोड जारी करना था. ट्राई के इस आदेश के खिलाफ वोडाफोन आइडिया (Vodafone Idea) ने टीडीसैट में अपील दायर की थी. इस पर सुनवाई के बाद टीडीसैट ने 24 दिसंबर को आदेश पर रोक लगा दी.

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क्यों करते हैं नंबर पोर्ट

यह सरकार की तरफ से मोबाइल यूजर्स को दी गई एक सुविधा है. इसमें अगर आप अपने मौजूदा ऑपरेटर की सर्विस से परेशान हैं तो आप 'PORT' लिखकर 1900 पर मैसेज भेज नंबर पोर्टेबिलिटी के लिए रिक्वेस्ट डाल सकते हैं. फिर आपको नंबर पर एक यूपीसी कोड मैसेज के तौर पर मिलेगा. फिर आप किसी भी नजदीकी टेलीकॉम कंपनी के स्टोर पर जाकर आईडी प्रूफ और फोटो देकर अपनी पसंदीदा कंपनी का सिम कार्ड हासिल कर सकते हैं.