Apple Warns iPhone Users: Apple ने भारतीय और 91 अलग देशों के iPhone यूजर्स को एक बार फिर अलर्ट किया है. कंपनी का कहना है कि Pegasus की तरह एक Spyware यूजर्स पर अटैक करने की कोशिश कर रहा है. कंपनी ने कई यूजर्स को मेल करके बताया कि वो Spyware की टार्गेट पर हैं. साथ ही Apple ने यूजर्स को एडवाइस किया कि वो अपनी डिवाइस में लॉकडाउन मोड एनेबल कर दें और अपडेट रखे, ताकि उनकी डिवाइस सुरक्षित रहे. आइए जानते हैं Spyware का क्या है टार्गेट और आप इससे कैसे बच सकते हैं. 

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बता दें, इंडियन कंप्यूटर इंरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (Cert-In) ने हाल ही में बताया था कि Apple के ऑपरेटिंग सिस्टम और सफारी ब्राउजर में खामियां देखी गई हैं, जिसके चलते कई डिवाइसेस पर खतरा मंडरा रहा है. ये बाकि साइबर क्राइम्स (Cybercrime's) से काफी ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है. ठीक यही समस्या Apple ने भी फेस की और उन्होंने इस पर काम करना शुरू किया. आइए जानते हैं एप्पल ने प्रोटेक्शन के लिए क्या स्टेप्स बताए. 

क्या है पूरा मामला?

Apple ने कई iPhone यूजर्स को एक वॉर्निंग मेल भेजा है, ताकि यूजर्स को पता लग जाए कि वो Spyware अटैक के झांसे में आ सकते हैं. कहा जा रहा है ये जो स्पाईवेयर Pegasus है वो जानी मानी कंपनी NSO Group की है. कंपनी का कहना है कि इस तरह के अटैक बहुत कम होते हैं और ये साइबर क्राइम से ज्यादा खतरनाक होते हैं.

किसे किया जा सकता है टार्गेट?

इस तरह से स्पाइवेयर अटैक किसी एक पर्सन पर किया जाता है, ये जानने के लिए कौन है वो और क्या करते हैं. यानी की ये इतना ज्यादा खतरनाक होता है कि इसके लिए ग्रुप में मिलकर लोग रिसोर्स का पता लगाते हैं. 

कैसे करें बचाव?

अगर आप इस तरह के Spyware अटैक से बचना चाहते हैं तो आप नीचे दिए गए स्टेप्स को फॉलो कर सकते हैं.  

  • सबसे पहले अपने iPhone में lockdown mode को एनेबल करें. 
  • ये फीचर आपकी डिवाइस का एक्सेस रेस्ट्रिक्स कर देता है.
  • इस फीचर के ऑन होने के बाद Spyware आपके फोन पर अटैक नहीं कर पाएगा.
  • दूसरा अपने iPhone में सबसे पहले लेटेस्ट सॉफ्टवेयर वर्जन को अपडेट करें. 
  • Apple सिक्योरिटी को लेकर जल्दी-जल्दी अपडेट्स रिलीज करता रहता है. 
  • ऐसे में अपने डिवाइस को टाइम से अपडेट करते रहिए. 

क्यों है इन स्टेप्स को फॉलो करना जरूरी?

बता दें, इस महीने से पहले CERT-In को एप्पल के ऑपरेटिंग सिस्टम और सफारी वेब ब्राउजिंग में खामियां नजर आई थीं. इसके चलते स्कैमर्स कई डिवाइसेस पर आसानी से अटैक कर सकते हैं. लेकिन Apple ने इन खामियों पर गौर किया और काम करना शुरू कर दिया.