शेयर बाजार (Stock Market) में आज भी बड़ी तेजी देखने को मिली है. लेकिन, इससे पहले ग्लोबल संकेतों में दो बड़ी चीज देखने को मिली हैं. पहला रूस (Russia) में कोरोना वायरस की वैक्सीन (Coronavirus Vaccine) को लेकर दावा किया जा रहा है. हालांकि, दावा कितना पुख्ता है यह कहना मुश्किल है. क्योंकि, अभी तक विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से कोई मान्यता नहीं मिली है. वहीं, दूसरी एजेंसी भी इस बात को मान लें कि ये दावा सही है. 

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रूस की कंपनी दुनिया की वो पहली कंपनी है जो यह कह रही है कि हमने ह्यूमन ट्रायल करके देख लिया है और यह सक्सेसफुल है. अगर ऐसा है तो यह वाकई अच्छी खबर है और स्वागत योग्य है. लेकिन, इस वक्त दुनिया की कई कंपनियां हैं, जो अलग-अलग स्टेज पर हैं. बहुत सारी कंपनियों ने अलग-अलग ट्रायल कर लिए हैं. 

ज़ी बिज़नेस के मैनेजिंग एडिटर अनिल सिंघवी के मुताबिक, अगले एक महीने में या एक हफ्ते में या तीन महीने में जानें वैक्सीन कब आएगी. लेकिन, आएगी जरूर. यही वजह है कि वैक्सीन आने की उम्मीद को भी बाजार पचा चुका है और कोरोना के बढ़ते मामलों को भी बाजार पचा चुका है. अभी जिस तरह के रिकॉर्ड नंबर्स आ रहे हैं. अमेरिका में जितने नंबर्स आ रहे हैं. अमेरिका में कल 71 हजार मामले आए हैं. वहीं, डोनाल्ड ट्रंप ने 30-35 हजार के आंकड़े पर बोला था कि फ्लैटनिंग ऑफ कर्व है. उसके बाद ही ग्लोबल बाजारों में तेजी बनी. अगर डोनाल्ड ट्रंप को यह गलतफहमी है कि उनके फ्लैटनिंग ऑफ कर्व कहने से बाजार में तेजी बनी है तो ऐसा नहीं है. 

अमेरिकी फेड का फॉर्मूला कामयाब रहा

अनिल सिंघवी के मुताबिक, अगर इस तेजी में किसी का सबसे अहम रोल है तो वो अमेरिकी फेडरल रिजर्व है. जिन्होंने पूरी तरह से सिस्टम में लिक्विडिटी दी है. क्योंकि, फेडरल रिजर्व के प्रमुख जेरोम पावेल को पता है कि डॉलर छापिए, सिस्टम में लिक्विडिटी डालिए, एसेट्स खरीदिए. यह फॉर्मूला सबसे कामयाब रहा है. लिक्विडिटी की वजह से जो तेजी आई है, वो पूरे ग्लोबल मार्केट्स में कामयाब रही है. सिर्फ अमेरिका ही नहीं बल्कि सारे देशों में इसका असर देखने को मिला है. कई देश ऐसे भी हैं जहां इकोनॉमी के हालात खराब हैं, लेकिन फिर भी तेजी देखने को मिली है. 

बाजार पर कोरोना का असर नहीं

प्वाइंट यह है कि जो कुछ भी डाटा हमारे सामने है, चाहे वो कोरोना के नंबर्स हैं या फिर वैक्सीन का डाटा, दोनों ही चीजें बाजार को पहले से पता है. कोरोना को लेकर आने वाले दिनों में बाजार का रिएक्शन क्या रहेगा यह कहना मुश्किल है. क्योंकि, अमेरिका में 71 हजार मामले आने के बाद भी बाजार पर कोई असर नहीं है. अभी तक बाजार में जो भी तेजी है कि वो सिर्फ लिक्विडिटी की वजह से है. 

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क्या करें निवेशक?

अनिल सिंघवी के मुताबिक, इस मार्केट को ट्रेड करने का सिर्फ एक ही तरीका है. आपको ट्रेंड के साथ रहना है. ट्रेंड तेजी का है. दूसरा आपको अपना स्टॉप लॉस पता होना चाहिए. किस लेवल के नीचे बाजार जाता है. तेजी की पोजिशन को कहां कम करना है और कहां खत्म करना है यह पता होना चाहिए. कम करने का लेवल अलग होगा और खत्म करने का लेवल अलग होगा. अगर ये दो लेवल आपको पता हैं तो चिंता करने की जरूरत नहीं है. आप सेफ हैं, बाजार की तेजी को अच्छे से ट्रेड कर सकते हैं. लिक्विडिटी का फ्लो इस वक्त इतना तेज है, मार्केट में इतना पैसा आ रहा है कि आप मंदी के बारे में सोच नहीं सकते हैं. बाजार का मूड सिर्फ अनिश्चत खबर ही बदल सकती है. अगर मूड बदलता है तो आपको अपना स्टॉप लॉस पता होना चाहिए. अगर नहीं बदलता है तो ऐसे ही मुमेंटम बनाएं रखें.