मार्केट रेग्युलेटर SEBI (Securities and Exchange Board of India) ने म्यूचुअल फंड्स की मिडकैप कैटेगिरी को लेकर नए नियम जारी किए हैं. नए नियमों के मुताबिक, एक मल्टीकैप फंड को शेयर बाजार में कुल 75 फीसदी रकम लगानी होगी. अभी तक इसकी लिमिट 65 फीसदी थी. साथ ही, इस 75 फीसदी रकम में से 25 फीसदी लार्जकैप शेयरों में लगानी होगी. वहीं, 25 फीसदी मिडकैप और 25 फीसदी हिस्सा स्मॉलकैप शेयरों में लगाना होगा. इस फैसले से शेयर बाजार के निवेशकों को बड़ा फायदा होगा. लेकिन, SEBI के फैसले का म्यूचुअल फंड्स के पास कोई विकल्प है या फिर 4 महीने में नियम लागू करने होंगे.

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ज़ी बिज़नेस के मैनेजिंग एडिटर अनिल सिंघवी के मुताबिक,  SEBI को इस काम के लिए बधाई देना चाहता हूं. लोग यह सोच रहे थे कि सोमवार को मार्केट खुलते ही शेयर तेजी से भागेंगे. 40 हजार करोड़ की खरीदारी होगी तो होगा क्या? लेकिन, ऐसा कुछ नहीं हुआ. संडे को SEBI की तरफ से सर्कुलर आना अपने आप में अच्छी चीज है. सेबी के सर्कुलर से बहुत सारी चीजें साफ हो गईं. म्यूचुअल फंड्स के पास अब बहुत सारे विकल्प आ गए हैं. ऐसा नहीं उन्हें आज के आज सर्किट लगाकर शेयर खरीदने हैं. कोई भी म्यूचुअल फंड ऐसा होगा नहीं जो आकर खरीदारी करे.

अनिल सिंघवी के मुताबिक, बाजार में अगर कोई खरीदारी करेगा तो वो रिटेल इन्वेस्टर्स और HNI/ऑपरेटर्स हैं. म्यूचुअल फंड्स के पास कई विकल्प हैं. 

पहला विकल्प- फ्रेश सब्सक्रिप्शन बंद कर सकते हैं. मल्टीकैप फंड्स में और पैसा नहीं लेंगे. साफ कह सकते हैं उनके पास अधिकार है. ट्रस्टी की मीटिंग बुलाई और हो गया. 

दूसरा विकल्प- निवेशकों को पैसा निकालने के लिए बोल सकते हैं. क्योंकि, हम मल्टीकैप फंड और स्मॉलकैप में अब रिस्क लेंगे नहीं. 

तीसरा विकल्प- दूसरी स्कीम में स्विच करने की सलाह दे सकते हैं. 

चौथा विकल्प- अपनी स्कीम को लार्जकैप स्कीम्स के साथ मर्ज कर सकते हैं. ऐसे रेश्यो प्रॉपर हो जाएगा. 

अनिल सिंघवी के मुताबिक, म्यूचुअल फंड्स आराम से खरीदेंगे. उनके पास पूरे विकल्प हैं. वो तभी बाजार में खरीदारी करेंगे, जब उन्हें पोटेंशियल दिखाई देगा. सेबी का रेगुलेशन अपनी है. म्यूचुअल फंड्स भी यह मानते हैं कि ऐसा होना चाहिए. लेकिन, ऐसा नहीं आज ही खरीदने हैं. निवेशकों को अलर्ट रहना चाहिए. ध्यान से समझना चाहिए. क्योंकि, अगर किसी फंड के पास कोई शेयर है और पिछले चार-पांच महीने से वो उसमें खरीदारी कर रहा और 20-40 फीसदी उछाल आता है तो म्यूचुअल फंड भी उसे बेच देगा. इसलिए खरीदते वक्त अलर्ट रहिए. अफरा-तफरी नहीं करनी चाहिए. 

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क्या होता है म्यूचुअल फंड्स? 

अगर आसान शब्दों में कहें तो म्यूचुअल फंड में कई निवेशकों का पैसा एक जगह जमा किया जाता है. इसे फिर एक फंड मैनेजर शेयर बाजार और अन्य जगह जैसे गवर्नमेंट बॉन्ड्स इत्यादि में निवेश करता है.  म्यूचुअल फंड को एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMC) द्वारा मैनेज किया जाता है. प्रत्येक AMC में आमतौर पर कई म्यूचुअल फंड स्कीम होती हैं.