मार्केट रेगुलेटर सेबी (Securities and Exchange Board of India) के म्यूचुअल फंड्स के लिए जारी नए नियम आज से लागू हो जाएंगे. कैश सेगमेंट में मार्जिन के नए नियम (Ner Margin rules) लागू किए गए हैं. लेकिन, सवाल यह है कि क्या मार्केट इन नियमों के लिए तैयार हैं? क्या बाजारों में अब भी नियमों को लेकर चिंता है? ज़ी बिज़नेस के मैनेजिंग एडिटर अनिल सिंघवी ने सिस्टम को समझाने की कोशिश की है. अनिल सिंघवी के कहना है कि पहले सिस्टम को समझ लें तभी ट्रेड करें. 2-4 दिन में सब क्लियर हो जाएगा. 

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अनिल सिंघवी के मुताबिक, नियम बनने के पहले तो कोई तैयार नहीं होता. रूल बनने के बाद ही तैयारी की जाती है. ब्रोकर्स, सब-ब्रोकर्स, ट्रेडर्स, फ्रेंचाइजी के लिए कितनी दिक्कत आ रही हैं यह तो नियम लागू होने पर ही पता चलेगा. नए सिस्टम में निवेशक कैसे खुद को ढ़ालेंगे ये आज से पता चलेगा. सेबी ने जो 15 दिन का समय दिया था, इसमें किसी ने कुछ नहीं किया होगा. अब आपको समझ में आएगा प्लेज/री-प्लेज कैसे होता है. अगर आज आप शेयर खरीद रहे हैं तो मार्जिन कितना देना है.

जरूर पढ़ लेना चाहिए सेबी का नया सर्कुलर

अनिल सिंघवी के मुताबिक, ब्रोकर्स, सब-ब्रोकर्स, फ्रेंचाइजी को सेबी का नया सर्कुलर जरूर पढ़ लेना चाहिए कि मार्जिन में किस तरह की शॉर्टफॉल नहीं चलेगी. किस तरह के मार्जिन आप टी+2 में आप दे सकते हैं. किस तरह से अगर डिलिवरी आप एडवांस में देते हैं तो वहां मार्जिन की जरूरत नहीं है. किस तरह से एडवांस में देने के बाद भी मार्जिन देना होगा. BTST ट्रेड आप किस तरह से कर सकते हैं. ऐसा नहीं है कि आप BTST ट्रेड नहीं कर सकते हैं. लेकिन, आपको अलर्ट रहना होगा. टाइम से प्लेज/री-प्लेज करना होगा. डिलिवरी शिफ्ट करना. 

खरीद-बिक्री से पहले ब्रोकर्स से मार्जिन जरूर पूछें

अनिल सिंघवी का मानना है कि नए नियम आने के बाद जितने अलर्ट बायर्स होंगे उतने ही अलर्ट सेलर्स भी होंगे. अपनी डिलिवरी पहले शिफ्ट करके फिर बेचने की कोशिश करेंगे तो डिलिवरी शॉर्ट आने की संभवनाएं कम हैं. अनिल सिंघवी की राय है कि जो नियम बदले हैं, उसमें सिर्फ आपको यही चीज करनी है ब्रोकर्स से पूछ लें कि शेयर खरीदने पर मार्जिन कितना देना है. बेचने से पहले भी मार्जिन की जानकारी लें. 2-4 दिन में सिस्टम पूरी तरह तैयार हो जाएगा. लोग भी तैयार हो जाएंगे. पूरा प्रोसेस समझ जाएंगे.

आज से लागू हुए सेबी के नए नियम

  • कैश में भी शेयर खरीद-बिक्री पर अपफ्रंट मार्जिन देना है. 
  • क्लाइंट से मार्जिन नहीं लेने पर ब्रोकर्स पर पेनाल्टी लगेगी.
  • 1 लाख से ज्यादा के शॉर्टफॉल पर 1 फीसदी पेनाल्टी लगेगी.
  • मार्जिन प्लेज/री-प्लेज का सिस्टम भी आज लागू होगा.

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अनिल सिंघवी के मुताबिक, धीरे-धीरे आदत पड़ेगी. ज्यादा मार्जिन देना है, वो एक प्रोसेस है. अगर 15 दिन में आपने सिस्टम को नहीं समझा तो आज से जरूर समझ लें. कोई हड़बड़ी न करें. किसी तरह की जल्दीबाजी न करें. नुकसान मार्केट में ट्रेड करके हो चलेगा. लेकिन, बिना सिस्टम समझे ट्रेड करने से नुकसान हो बिल्कुल नहीं चलेगा.