US Fed के बयान से दुनियाभर के बाजारों में एक्शन दिख रहा है. बुधवार के कारोबार में जहां अमेरिकी बाजारों में शानदार तेजी देखने को मिली. वहीं आज घरेलू शेयर बाजार में भी कल की गिरावट के बद जोरदार रिकवरी आई है. सेंसेक्स में 450 अंकों से ज्यादा तेजी देखने को मिल रही है. वहीं निफ्टी भी 17650 के पार निकल गया है. US Fed ने साल 2022 से ब्याज दरों में बढ़ोतरी के संकेत दिए हैं. साल 2024 तक ब्याज दरें कई बार बढ़ाई ज सकती हैं. वहीं बॉन्ड बॉइंग प्रोग्राम पर भी क्लेरिटी आई है. सवाल उठता है कि जब आगे ब्याज दरों में लगातार बढ़ोतरी की बात कही गई है, तो भी बाजार में इस तरह की तेजी क्यों आई. इस पर जी बिजनेस के मैनेजिंग एडिटर अनिल सिंघवी ने अपनी राय दी है.

ब्याज दरों को लेकर आई क्लेरिटी

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अनिल सिंघवी का कहना है कि US Fed की कमेंट्री देखें तो यह बहुत अच्छी नहीं है. हालांकि बाजार को कुछ मसलों पर क्लेरिटी मिली है. बाजार को अनिश्चितता पसंद नहीं है. पिछले कुछ दिनों से ब्याज दरों या बॉन्ड खरीद को लेकर एक अनिश्चितता का माहौल था, जो अब दूर हुआ है. यह साफ हुआ है कि साल 2022 से दरों में बढ़ोतरी होगी. 2024 तक 6 से 7 बार ब्याज दरें बढ़ाई जा सकती हैं. आने वाले दिनों में बॉन्ड खरीद को भी कम किया जाना है. इस बात को लेकर भी स्पष्टता आई है. इसी वजह से बाजार ने जोरदार रिएक्शन दिया है.

निवेशकों को क्या करना चाहिए

अनिल सिंघवी क कहना है कि यह निवेशकों पर है कि उन्हें क्या करना है. अगर वे बाजार का लेकर बुलिश हैं तो इंडेक्स देखें, जिनमें आज शानदार तेजी है. न्यूट्रल रहना है तो फेड चेयरमैन की कमेंट्री देखें कि उन्होंने क्या है. इसमें आगे दरें बढ़ाए जाने की बात है. वहीं अगर बाजार को लेकर निगेटिव हैं तो फेड चेयरमैन के बयान का अच्छे से विश्लेषण करें और उसे समझें.

जहां तक घरेलू निवेशकों की बात है उनके लिए कोई दिक्कत वाली बात नहीं दिख रही है. ब्रॉडर मार्केट में तेजी है, फंड फ्लो मजबूत है. हालांकि इस स्टेज पर निवेशकों को अपना रिस्क खुद मैनेज कर चलना होगा. सिर्फ क्वालिटी शेयरों पर ही फोकस करने की सलाह है.

Evergrande फैक्टर भी

ग्लोबल बाजारों में तेज के पीछे Evergrande फैक्टर भी है. चीन की रीयल एस्टेट कंपनी Evergrande ने कहा है कि वह आज 35.9 मिलियन डॉलर ब्याज का भुगतान करेगा. चीन का सेंट्रल बैंक भी सिस्टम में 18.8  बिलियन डॉलर डालेगा. इससे कंपनी के दिवालिया होने का डर कम हुआ है. यह ग्लोबल इन्वेस्टर्स के लिए राहत की बात है. इसी वजह से निवेशकों का भरोसा बढ़ा है.