कैसा हो अगर आप जो भी निवेश करें, उससे आपको हर महीने इनकम भी हो. जी हां, म्यूचुअल फंड में अपने निवेश से नियमित आय भी हासिल कर सकते हैं. इसके लिए आपको सिस्टमैटिक विद्ड्रॉल प्लान यानि SWP चुनना होता है. तो क्या है ये SWP? कैसे ये आपको दिलाएगा नियमित आय? और SWP करना कब होता है फायदेमंद? 

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क्या है SWP का फंडा ?

  • SWP सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) की तरह है.
  • SWP: सिस्टमैटिक विद्ड्रॉल प्लान कहते हैं.
  • निवेशकों के लिए सिस्टेमैटिक विद्ड्रॉल प्लान 'रामबाण' है.
  • आप अपना पैसा नियमित अवधि पर निकाल सकते हैं.
  • इससे निवेशक के पास कैश फ्लो बना रहता है.

SWP के ज़रिए मिलेगी नियमित आय

  • SWP के ज़रिए नियमित अंतराल पर पैसे निकाल सकते हैं.
  • मासिक, तिमाही, सालाना आधार पर पैसे निकाल सकते हैं.
  • NAV के आधार पर खाते से हर महीने पैसा निकालने का विकल्प.
  • इस पैसे को MF में निवेश कर सकते हैं या ख़र्च कर सकते हैं.
  • SWP ख़ास तौर से सीनियर सिटीज़न के लिए बनाया गया है.
  • सीनियर सिटीजन को इससे ज्यादा फायदा होता है.
  • सीनियर सिटीजन को इनकम पर कम टैक्स चुकाना पड़ता है.

SWP के लिए ये जानकारी जरूरी?

  • आप किस फंड से SWP चलाना चाहते हैं?
  • कितनी राशि की SWP चाहते हैं?
  • कितने समय तक SWP चलाना चहते हैं?
  • महीने की निर्धारित तारीख बताना जरूरी.

SWP शुरू करने से पहले क्या पता करें ?

  • आपक निवेश अगर डेट फंड में है.
  • आप को 8% रिटर्न मिल रहा है.
  • सालाना 10% विद्ड्रॉ कर रहे हैं.
  • ऐसे में आप पूंजी खर्च कर रहे हैं. 
  • निवेशित पूंजी कम हो सकती है.
  • 5 साल में जितनी रकम की जरूरत.
  • उतनी रकम को डेट में निवेश करें.
  • अतिरिक्त रकम को हाइब्रिड फंड में लगाएं.

कैसे काम करता है SWP?

  • आपको अपने SWP की राशि/तारीख/अवधि बताना जरूरी.
  • हर महीने पैसे आपके खाते में चले जाएंगे.
  • ये पैसे आपके फंड से यूनिट्स बिकने से मिलते हैं.
  • फंड में पैसे खत्म हुए तो SWP बंद हो जाएगा.

SWP और SIP में फर्क?

  • SIP में हर महीने निर्धारित राशि आपके खाते से कट जाती है.
  • खाते से कटी राशि म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए जाती है.
  • SWP में निर्धारित राशि आपके बैंक खाते में आ जाती है.
  • SWP की राशि म्यूचुअल फंड यूनिट्स बिकने से आती है.

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SWP में ये सावधानियां जरूरी हैं

  • SWP कभी भी इक्विटी म्यूचुअल फंड से ना चलाएं.
  • बाज़ार गिरने पर आपके फंड पर असर पड़ता है.
  • निर्धारित राशि के लिए ज्यादा यूनिट्स बेचने पड़ेंगे.
  • ऐसा करने से पोर्टफोलियो बहुत जल्दी खत्म हो जाएगा. 
  • SWP के लिए डेट/लिक्विड फंड्स बेहतर विकल्प.

SWP के फायदे

  • ज़रूरत में मुताबिक निवेशक राशि चुन सकते हैं.
  • बाज़ार में निवेश रहने से अच्छे रिटर्न की उम्मीद.
  • महंगाई को मात देने के लिए अच्छा विकल्प.
  • बाज़ार में उतार-चढ़ाव को झेल सकता है.

SWP में निवेश पर कितना टैक्स?

  • इक्विटी में 1 साल से कम पर STCG लगता है.
  • डेट में 3 साल से कम पर STCG.
  • इक्विटी में `1 लाख से ज्यादा मुनाफा तो लगेगा टैक्स.
  • इक्विटी म्यूचुअल फंड भुनाने पर लगेगा टैक्स.

क्या ध्यान रखें?

  • SWP करते वक्त आपको टैक्स देनदारी का ध्यान रखना होता है.
  • हर विद्ड्रॉल को रीडम्पशन माना जाता है.
  • ऐसे में आपको इन पर कैपिटल गेन टैक्स देना पड़ता है. 
  • कैपिटल गेन तय टैक्स स्लैब के हिसाब से लगता है.