Upcoming IPO: कर्मचारी ट्रांसपोर्ट सर्विस प्रोवाइड करने वाली बहुत जल्द अपना आईपीओ लेकर आने वाली है. इको (इंडिया) मोबिलिटी एंड हॉस्पिटैलिटी लिमिटेड ने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लाने के लिए मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) के पास पेपर्स जमा कर दिए हैं. इस आईपीओ के माध्यम से धन जुटाने के लिए पूंजी बाजार नियामक सेबी के पास शुरुआती दस्तावेज दाखिल किए हैं. बृहस्पतिवार को दाखिल दस्तावेजों के अनुसार, आईपीओ पूरी तरह प्रवर्तकों- राजेश लूंबा और आदित्य लूम्बा द्वारा 1.8 करोड़ इक्विटी शेयरों की बिक्री पेशकश (ओएफएस) पर आधारित होगा. इसमें किसी तरह के नए शेयर शामिल नहीं हैं. 

प्रमोटर्स के पास 100 हिस्सेदारी

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बता दें कि फिलहाल कंपनी के प्रवर्तक और प्रवर्तक समूह की इकाइयों के पास कंपनी की 100 प्रतिशत हिस्सेदारी है. चूंकि यह एक ओएफएस है तो आईपीओ से होने वाली कमाई का कोई अंश कंपनी को नहीं मिलेगा और यह राशि शेयर बेचने वाले प्रवर्तकों के पास जाएगी. 

क्या करती है ये कंपनी?

कंपनी 25 वर्षों से अधिक समय से कॉरपोरेट ग्राहकों को चालक के साथ कार किराये (सीसीआर) पर दे रही है और कर्मचारी परिवहन सेवाएं (ईटीएस) प्रदान कर रही है. इसके बेड़े में किफायती से लेकर लक्जरी कारों तक 9,000 से अधिक वाहन हैं. यह विकलांग लोगों के लिए सामान ढुलाई के लिए विशेष प्रकार की वैन के अलावा लिमोजिन और विंटेज वाहन भी उपलब्ध कराती है. 

Afcons Infrastructure का भी आएगा आईपीओ

शापूरजी पालोनजी ग्रुप की इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी Afcons Infrastructure ने मार्केट रेगुलेटर के पास दस्तावेज जमा कर दिए हैं. कंपनी ने आईपीओ लाने और पब्लिक से पैसा जुटाने के लिए सेबी (SEBI) के पास ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पैक्टस (DRHP) फाइल कर दिया है. कंपनी के शेयर की फेस वैल्यू 10 रुपए प्रति इक्विटी शेयर होगी. इस पब्लिक इश्यू में आईपीओ के साथ-साथ ओएफएस यानी कि ऑफर फॉर सेल को भी शामिल किया गया है. कंपनी के आईपीओ का साइज़ 7000 करोड़ रुपए का है, जो इंफ्रा सेक्टर में अबतक का सबसे बड़ा इश्यू साइज़ है.