सोने की कीमतों में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है. पिछले 6 दिनों के ट्रेडिंग सेशन में सोना का भाव 800 रुपए से ज्यादा टूट चुका है. लेकिन, गिरावट यहीं नहीं थमेगी. एक्सपर्ट्स का मानना है कि सोने की कीमतें अभी और नीचे की तरफ जाएंगी. द बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष योगेश सिंघल के मुताबिक, सोना खरीदने का सही वक्त आने वाला है. अभी सोना और गिरेगा. एक्सपर्ट्स की मानें तो सोने की कीमतें 35000 रुपए तक जा सकती हैं. फिलहाल, सोने का भाव 38000 के नीचे फिसल चुका है. ऐसे में सोना 3000 रुपए तक सस्ता हो सकता है. 

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जल्दबाजी न करें

योगेश सिंघल के मुताबिक, सोना खरीदने में जल्दबाजी न करें. क्योंकि, सोने की कीमतों में फिलहाल उतार-चढ़ाव देखने को मिलेगा. लेकिन, आने वाले दिनों में सोने की कीमतें तेजी से नीचे आएंगी. भारत में शादियों का सीजन शुरू हो चुका है. ऐसे में भारतीय बाजारों में सोने की डिमांड में भी तेजी आएगी. अगर सोना सस्ता होता है तो खरीदारी करते वक्त कुछ बातों का ध्यान जरूर रखें. अगर ध्यान नहीं दिया तो आपको नुकसान हो सकता है.

एक हफ्ते में कितना गिरा सोना

सोना स्टैंडर्ड प्रति 10 ग्राम : 815 रुपए सस्ता

सोना बिटुर प्रति 10 ग्राम : 815 रुपए सस्ता

चांदी हाजिर प्रति किलोग्राम : 2650 रुपए सस्ती

चांदी वायदा प्रति किलोग्राम : 2766 रुपए सस्ती

सिक्का लिवाली प्रति इकाई : कोई अंतर नहीं

सिक्का बिकवाली प्रति इकाई : 10 रुपये सस्ता

गिन्नी प्रति आठ ग्राम : 100 रुपए सस्ती

1. सोने की शुद्धता

सोना वाकई उतना शुद्ध है, जितना ज्वेलर दावा कर रहा है. इसका अंदाजा तब लगता है जब सोना खरीदने नहीं बेचने जाते हैं. इसलिए खरीदारी के वक्त सोने की ज्वेलरी पर हॉलमार्क जरूर देखें. ऐसे में सोने के लिए BIS 916 हॉलमार्क को अंतरराष्‍ट्रीय स्तर पर शुद्धता का पैमाना माना जाता है, जिसमें यह गारंटी होती है कि सोना 91.6 प्रतिशत खरा है यानी 22 कैरट है.

2. शुद्धता के हिसाब से दिए जाने वाले अंक

हॉलमार्क पर पांच अंक होते हैं. सभी कैरेट का हॉलमार्क अलग होता. मसलन 22 कैरेट पर 91.6, 21 कैरेट पर 87.5 और 18 पर 75.0 लिखा होता है. इससे शुद्धता में शक नहीं रहता. हॉलमार्क के गहने खरीदते कीमत भी थोड़ी ज्यादा चुकानी पड़ सकती है. इसमें इसके परीक्षण की लागत को शामिल किया जाता है. कई बार हॉलमार्क के गहनों की कीमत भी दुकानों पर अलग-अलग हो सकती है. इसलिए जानकारी लेने के बाद ही सही जगह से हॉलमार्क सोना खरीदें.

3. कम मेकिंग चार्ज वाली ज्वैलरी खरीदें

मेकिंग चार्ज अलग-अलग गहनों के मुताबिक अलग-अलग होता है, जिसे ज्वेलर्स सोने के गहने बनाने के मेहनताने के रूप में लेते हैं. ऐसे में ज्वैलरी खरीदते वक्त अलग-अलग जगहों के मेकिंग चार्ज की जानकारी जरूर ले लें. इससे आपको सस्ते मेकिंग चार्ज पर ज्वेलरी मिल सकती है. जब भी आप गहने बेचेंगे मेकिंग चार्ज की कीमत का नुकसान होगा. क्योंकि, बेचते वक्त आपको केवल सोने की कीमत मिलेगी.

4. मेकिंग चार्ज टैग

कई ज्वेलर्स अपने गहनों पर मेकिंग चार्ज का भी टैग लगाते हैं. इससे आपको गहने बनवाने में आसानी हो सकती है. लेकिन, इसके लिए भी आपको मार्केट का जायजा लेना होगा. टैग पर मेकिंग चार्ज क्या है, इसका फायदा गहने बनवाते वक्त हो सकता है. आपकी नजर सबसे कम मेकिंग चार्ज वाले गहने पर होनी चाहिए.

5. वेस्टेज चार्ज

सोने की कीमत कम है इसलिए अगर आप अपने पुराने गहने बदलकर कुछ नया बनवाना चाहते हैं, तो हो सकता है आपको गहने का वेस्टेज ज्वेलर को देना पड़े. आमतौर पर यह मानते हैं कि सोने के गहनों को दूसरे गहने में बदलते वक्त कुछ हिस्से का नुकसान होता है, लेकिन जौहरी इसे वापस निकाल लेते हैं. ऐसे में वेस्टेज चार्ज के नाम पर ठगे जाने की आशंका भी बढ़ जाती है. बेहतर होगा कि आप कई जगहों पर वेस्टेज चार्ज का पता करें और उसके बाद ही ज्‍वेलरी बनवाएं.

6. EMI पर ज्‍वेलरी

कई बड़े ज्वेलर्स EMI पर ज्‍वेलरी की स्कीम चलाते हैं. अगर आप एक साथ गहने की पूरी कीमत नहीं दे पा रहे हैं, तो इसे EMI पर ले सकते हैं. बड़ी खरीददारी करने पर भी तरह-तरह के निवेश का ऑफर ज्वेलर्स देते हैं. यह ऑफर कितने काम के हैं, यह खुद तय करना होगा. ईएमआई पर सोना खरीदने से एक बार में आपका बजट बिगड़ने से जरूर बचेगा.

7. प्योरिटी सर्टिफिकेट लेना न भूलें

गोल्ड खरीदते वक्त आप ऑथेंटिसिटी/प्योरिटी सर्टिफिकेट लेना न भूलें. सर्टिफिकेट में गोल्ड की कैरेट क्वॉलिटी भी जरूर चेक कर लें. साथ ही गोल्ड ज्वैलरी में लगे जेम स्टोन के लिए भी एक अलग सर्टिफिकेट जरूर लें.