Stock Market: घरेलू कंपनियों के तीसरी तिमाही के नतीजों का सीजन खत्म होने के करीब है. ऐसे में इस सप्ताह शेयर बाजारों की दिशा काफी हद तक विदेशी संकेतकों और फॉरेन पोर्टफोलियो इन्वेस्टर्स (FPI) के प्रवाह पर निर्भर करेगी. भाषा की खबर के मुताबिक, एक्सपर्ट्स ने कहा कि डेरिवेटिव अनुबंधों के निपटान की वजह से भी इस हफ्ते बाजार में उतार-चढ़ाव रहेगा. पिछले हफ्ते बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 319.87 अंक या 0.52% के फायदे में रहा. 

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स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा, वैश्विक रुख और फ्यूचर एंड ऑप्शंस सेगमेंट में निपटान की वजह से इस हफ्ते बाजार में उतार-चढ़ाव रह सकता है. हालांकि, एफपीआई (FPI) ने पिछले कुछ दिन में खरीदारी में दिलचस्पी दिखाई है. पिछले हफ्ते थोक में कुछ खरीद हुई थी. ऐसे में बाजार की नजर से उनका रुख महत्वपूर्ण रहेगा.

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एफपीआई पिछले सप्ताह शुद्ध लिवाल रहे और उन्होंने सप्ताह के दौरान शुद्ध रूप से 7,600 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे. इससे पिछले सप्ताह (7 से 12 फरवरी) के दौरान उन्होंने 3,920 करोड़ रुपये के शेयर बेचे थे. हफ्ते के दौरान बाजार भागीदारों की निगाह ब्रेंट कच्चे तेल (Brent Crude Oil) के दाम और रुपये के उतार-चढ़ाव पर भी रहेगी.

कच्चे तेल और रुपये की चाल से तय होगी बाजार की चाल

रेलिगेयर ब्रोकिंग के उपाध्यक्ष (टेक्निकल रिसर्च) अजित मिश्रा ने कहा, सभी प्रमुख घटनाक्रम पीछे छूट चुके हैं. ऐसे में भविष्य के संकेतकों के लिए वैश्विक बाजार विशेषरूप से अमेरिकी बाजार के प्रदर्शन पर सभी की निगाह रहेगी. इसके अलावा कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव और रुपये की चाल से भी बाजार को दिशा मिलेगी.

पिछले हफ्ते बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 319.87 अंक या 0.52 प्रतिशत के लाभ में रहा. प्रमुख वृहद आर्थिक आंकड़े जारी होने के बीच एफपीआई की लिवाली से बीते हफ्ते बाजार की धारणा सकारात्मक रही.

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जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, हालांकि, उम्मीद से कहीं ऊंची महंगाई और अमेरिका के रोजगार बाजार के मजबूत आंकड़ों से पिछले हफ्ते के अंत में बाजार नीचे आया. इससे मौद्रिक रुख को और सख्त किए जाने को लेकर चिंता बढ़ी है. नायर ने कहा कि घरेलू बाजार में किसी प्रमुख घटनाक्रम के अभाव में इस सप्ताह बाजार की चाल वैश्विक रुख से तय होगी.

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