फार्मा सेक्टर (Pharma Sector) का सबसे बड़ा IPO सब्सक्रिप्शन के लिए खुल गया है. शंघाई फोसन फार्मा की मेजोरिटी हिस्सेदारी वाली ग्लैंड फार्मा ने IPO से 6480 करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य रखा है. चीन की मेजोरिटी हिस्सेदारी वाली किसी कंपनी का पहला IPO होगा. कंपनी ने अब तक एंकर इन्वेस्टर्स से 1944 करोड़ रुपए जुटा लिए हैं. IPO के तहत 1,250 करोड़ रुपए फ्रेश इश्यू से जुटाए जाएंगे. बाकी का पैसा ऑफर फॉर सेल (OFS) से जुटाने की योजना है. IPO के लीड मैनेजर में सिटी, नोमुरा और कोटक महिंद्रा बैंक हैं.

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कितना है प्राइस बैंड

ग्लैंड फार्मा का IPO 9 नवंबर से 11 नवंबर तक खुला है. कंपनी ने IPO के लिए प्राइस बैंड 1490-1500 रुपए प्रति शेयर रखा है. IPO के तहत 1,250 करोड़ रुपए के 80 लाख शेयर शेयर जारी किए जाएंगे. वहीं, ऑफर ऑफ सेल के जरिए 3.48 करोड़ शेयरों की पेशकश की जाएगी. 

अनिल सिंघवी की राय

ज़ी बिज़नेस के मैनेजिंग एडिटर अनिल सिंघवी के मुताबिक, कंपनी बढ़िया है. कंपनी को लेकर कोई संदेह नहीं है. USFDA से बड़े अप्रूवल मिल चुके हैं. पाइप लाइन काफी मजबूत है. कंपनी की ग्रोथ सॉलिड है. आय 27 फीसदी की दर से बढ़ रही है. मुनाफा 51 फीसदी की दर से बढ़ा है. विदेशी कंपनी के लिहाज से देखें तो वैल्युएशंस के लिहाज से बहुत महंगा नहीं है. दिक्कत एक ही चीज है 1978 में बनी हैदराबाद की कंपनी को 2017 में सिंगापुर की कंपनी फोसन फार्मा ने इसे टेकओवर किया है. फोसन के प्रोमोटर्स को देखेंगे तो प्रोमोटर्स चीन के हैं. शंघाई फोसन फार्मा. भारतीय कंपनी है, लेकिन चीन की कंपनी की सब्सडियरी है. जो भी पैसा लगाएंगे वो चीनी प्रोमोटर्स के पास जाएगा. क्योंकि, बड़ा हिस्सा OFS के जरिए आ रहा है.

पैसा लगाएं या नहीं

अनिल सिंघवी के मुताबिक, IPO पर उनकी राय न्यूट्रल है. अगर चीनी प्रोमोटर्स वाली कंपनी नहीं होती तो जरूर पैसा लगाने की सलाह होती है. लेकिन, अब यह सलाह है कि सिर्फ लिस्टिंग गेन के लिए पैसा न लगाएं. ज्यादा जोखिम लेने वाले और लंबी अवधि के निवेशक ही निवेश करें. बाकी शॉर्ट टर्म के लिए पैसा तभी लगाएं जब अपने रिस्क हो. क्योंकि, चीन के इन्वेस्टमेंट को लेकर कोई फैसला होता है तो इस कंपनी पर भी असर पड़ सकता है.

सबसे बड़ा फार्मा IPO

बैंकरों के मुताबिक, हैदराबाद की दवा कंपनी ग्लैंड फार्मा (Gland Pharma) 6,480 करोड़ रुपए का IPO लाई है. यह देश में किसी भी दवा कंपनी का अब तक का सबसे बड़ा IPO है. इससे पहले यह रिकॉर्ड एरिस लाइफसाइंसेज (Eris Lifesciences) के नाम था, जिसने 2017 में 1,741 करोड़ रुपए जुटाए थे. अल्केम लैबोरेटरीज (Alkem Laboratories) ने 2015 और लॉरस लैब्स (Laurus Labs) ने 2016 में 1350 करोड़ रुपए जुटाए थे. अब तक केवल 14 भारतीय कंपनियों ने IPO के जरिए 6,000 करोड़ रुपए से ज्यादा राशि जुटाई है.

कौन बेचेगा कितने शेयर?

फोसन फार्मा के निवेश वाली कंपनी ग्लैंड फार्मा (Gland Pharma) के IPO में 1250 करोड़ रुपए के फ्रेश शेयर जारी किए जाएंगे. 3.49 करोड़ शेयरों की बिक्री ऑफर फॉर सेल के जरिए की जाएगी. फोसन इसके जरिए 1.9 करोड़ शेयर बेच रही है, जबकि ग्लैंड सेल्सस बायो केमिकल्स की भी 1 करोड़ शेयर बेचने की योजना है. Empower Discretionary Trust अपने 35.73 लाख शेयर बेचेगा. वहीं, Nilay Discretionary Trust अपने 18.45 लाख शेयर बेच रहा है.

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किसकी कितनी हिस्सेदारी

कंपनी ने जुलाई में सेबी के पास ड्राफ्ट पेपर फाइल किया था और उसे पिछले हफ्ते इसके लिए मंजूरी मिली थी. कंपनी में Fosun Singapore की 74 फीसदी हिस्सेदारी है. कंपनी के अन्य निवेशको में Gland Celsus (12.97 फीसदी), Empower Discretionary Trust (5.08 फीसदी) और Nilay Discretionary Trust (2.42 फीसदी) शामिल हैं.

इंजेक्टेबल दवाएं बनाती है कंपनी

ग्लैंड फार्मा हैदराबाद की कंपनी है. यह इंजेक्टेबल दवाओं को बनाती है. सेबी की ये मंजूरी उस समय आई है जब भारत में फार्मा सेक्टर में जोरदार तेजी है और भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद गहरा गया है. फार्मा स्टॉक्स ने अच्छा रिटर्न दिया है. ऐसे में ग्लैंड फार्मा के IPO को बेहतर रिस्पांस मिल सकता है.