तेजी से बढ़ते ई-वेस्ट को ध्यान में रखते हुए काफी पहले से ही हर डिवाइस के लिए एक चार्जर होने की बातें हो रही हैं. यूरोप में तो इसे लेकर नियम-कायदे बनने भी लगे हैं. सी-पोर्ट चार्जिंग टाइप को हर डिवाइस में रखने की तैयारी हो रही है. भारत में 2025 तक हर डिवाइस के लिए एक चार्जर होने को ध्यान में रखते हुए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं. इसी मौके का फायदा उठाते हुए हैदराबाद के एक स्टार्टअप Power ICS (यानी पावर इंटीग्रेटेड सर्किट्स) ने एक ऐसा चार्जर बना दिया है, जो बेहद छोटा है, लेकिन आपके तमाम डिवाइस को अकेला ही चार्ज कर सकता है.

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इस स्टार्टअप की शुरुआत करीब 1 साल की रिसर्च के बाद नवंबर 2023 में Jatin Mallipudi (25) और Sai Srinivas Vavilala (55) ने की थी. हैदराबाद का ये स्टार्टअप दुनिया के सबसे बड़े इनोवेशन कैंपस T-Hub में है, जहां वह अपने प्रोडक्ट को लगातार बेहतर बनाने में लगा हुआ है. यहां T-Hub ने डिपार्टमेंट ऑफ साइंस के साथ मिलकर आर्टीफीशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग प्लेटफॉर्म MATH की शुरुआत की है, जो ऐसे स्टार्टअप्स को आगे बढ़ने में मदद कर रहा है. यह स्टार्टअप अपना सारा बिजनेस हैदराबाद में करता है और पूरे देश में अपने प्रोडक्ट डिलीवर कर रहा है. इस स्टार्टअप ने जो चार्जर बनाया है, उसकी डिजाइनिंग, मैन्युफैक्चरिंग, असैंबलिंग और टेस्टिंग सब भारत में ही होते हैं. अब तक यह स्टार्टअप 200 से ज्यादा चार्जर बेच भी चुका है. 

कितनी है इस चार्जर की कीमत?

कंपनी के को-फाउंडर जतिन बताते हैं कि अभी इस तरह के प्रोडक्ट अमेरिका जैसे बाजारों में तेजी से बढ़ रहे हैं. मौजूदा वक्त में भारत ऐसे प्रोडक्ट्स को यूरोप या चीन से इंपोर्ट करता है. इन चार्जर की खास बात ये है कि यह गैलियम नाइट्रेट पर आधारित हैं, जिसके चलते बहुत ही छोटे होते हैं. अभी बाजार में ऐसे चार्जर की कीमति करीब 2500 रुपये है, जिसे यह स्टार्टअप करीब 2000 रुपये में बेच रहा है. गैलियम नाइट्रेट आधारित ऐसे चार्जर बनाने वाला यह स्टार्टअप भारत में पहला है, जो सब कुछ भारत में ही कर रहा है. हालांकि, इन चार्जर के 80 फीसदी कंपोनेंट बाहर से ही आते हैं, लेकिन बाकी सब भारत में ही होता है.

यह 65 वॉट का एक चार्जर है. हमारे अधिकतर कंज्यूमर इलेट्रॉनिक्स प्रोडक्ट 65 वॉट तक की चार्जिंग को सपोर्ट करते हैं. इससे आप सी-टाइप पोर्ट वाले फोन, टैबलेट, हेडफोन, लैपटॉप, स्मार्ट वॉच, स्पीकर जैसे तमाम प्रोडक्ट चार्ज कर सकते हैं. यानी हर चीज के लिए अलग-अलग चार्जर की जरूरत नहीं, एक ही चार्जर से सब कुछ चार्ज हो सकता है.

जितनी जरूरत उतनी ही सप्लाई, ये है 'स्मार्ट चार्जर'

इस चार्जर में एक इनबिल्ड सेमीकंडक्टर चिप है, जो उतने ही वॉट पावर सप्लाई देता है, जितनी की आपके डिवाइस को जरूरत होती है. जैसे ही आप अपने डिवाइस को इस चार्जर से कनेक्ट करते हैं, यह खुद ही इस बात का पता लगा लेता है कि आपका डिवाइस कितने वॉट चार्जिंग को सपोर्ट करता है. इसके बाद चार्जर उतनी ही पावर सप्लाई को आगे भेजता है, जिससे आपके डिवाइस की लाइफ भी लंबी होती है.

कहां से आया ऐसा चार्जर बनाने का आइडिया?

जतिन बताते हैं कि पढ़ाई के बाद वह एयरोस्पेस इंडस्ट्री से जुड़े, जहां वह टाटा बोइंग में प्रोग्राम मैनेजर थे. वहां पर जतिन सप्लाई चेन भी देखते थे. उसके बाद वह इलेक्ट्रॉनिक इंडस्ट्री में चले गए. वहां भी टेक मैनेजमेंट, प्रोडक्ट डेवलपमेंट, सप्लाई चेन देखते थे. उसी दौरान उन्हें गैलियम नाइट्रेट की ताकत का पता चला. उन्हें आइडिया आया कि हम सिलिकॉन का इस्तेमाल क्यों कर रहे हैं, जबकि गैलियम नाइट्रेट उससे बेहतर चीज है. इसके बाद उन्होंने Sai Srinivas Vavilala के साथ मिलकर पावर आईसीएस की शुरुआत की. बता दें कि साई श्रीनिवास भी करीब 20 सालों से अपना स्टार्टअप चला रहे थे, जितना नाम था वेगो ऑटोमेशन. लगभग 3-4 साल पहले ही एक जापानी कंपनी ने उसका अधिग्रहण कर लिया, जिसके बाद उन्होंने जतिन के साथ इस बिजनेस को शुरू किया.

फंडिंग और फ्यूचर प्लान?

अभी तक यह कंपनी पूरी तरह से बूटस्ट्रैप्ड है यानी इसने किसी से भी कोई फंडिंग नहीं ली है. भविष्य में इसका प्लान सिर्फ चार्जर तक सीमित ना रहते हुए ईवी चार्जर, रिन्यूएबल एनर्जी और स्मार्ट होम के सेक्शन में भी एंट्री करने का है. गैलियम के जरिए वह 20 फीसदी अधिक एफिशिएंसी ला सकते हैं. जतिन कहते हैं कि जहां भी चार्जिंग की जरूरत है, हम हर उस सेक्शन में एंट्री करेंगे.

जतिन कहते हैं कि सी-पोर्ट टाइ़प बेस्ट टेक्नोलॉजी है, जिससे 240 वॉट तक की चार्जिंग मिल सकती है. यही वजह है कि अब तमाम कंपनियां सी-पोर्ट को अपना रही हैं. भविष्य में यह स्टार्टअप अपने चार्जर की कैपेसिटी बढ़ाने का प्लान कर रहा है. टू-व्हीलर ईवी के लिए यह स्टार्टअप 350 वॉट का चार्जर बनाएगा, जो गैलियम नाइट्रेट पर आधारित होने की वजह से मौजूदा सिलिकॉन चार्जर की तुलना में एक तिहाई होगा, जिसे कहीं ले जाना आसान हो जाएगा.