शार्क टैंक इंडिया में अक्सर ऐसे फाउंडर आते हैं, जिनका ना सिर्फ यूनीक आइडिया तमाम फाउंडर्स को इंप्रेस करता है, बल्कि उनकी हिम्मत देखकर भी वह हैरान रह जाते हैं. ऐसे ही एक फाउंडर आए शार्क टैंक इंडिया के तीसरे सीजन (Shark Tank India-3) में, जिनका नाम है रौनित गंभीर. मुंबई में रहने वाले 28 साल के रौनित ने अगस्त 2020 में Chefling नाम का एक स्टार्टअप (Startup) शुरू किया, जो लोगों को रेडी टू कुक किट मुहैया कराता है. 

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यह आम किट नहीं हैं, बल्कि ऐसी डिश की किट हैं, जो आप सिर्फ रेस्टोरेंट में ही खाते हैं. रौनित कहते हैं कि वह रेस्टोरेंट को घर लाना चाहते हैं और इसी विजन के साथ काम कर रहे हैं. रौनित ने मुंबई की एमिटी यूनिवर्सिटी से बीबीए किया है. बीबीए के बाद उन्होंने अपने पिता की टेक्सटाइल कंपनी में कुछ वक्त तक काम किया. रौनित ने पूरी टीम आउटसोर्स की है. उनकी इनहाउस टीम में 2 पैकर्स और एक अकाउंटेंट है.

क्या है ये प्रोडक्ट?

शेफलिंग के प्रोडक्ट रेडी टू कुक मील किट हैं, जिन्हें आप डीआईवाई किट भी कह सकते हैं. इन डिश की यूएसपी है कि इसमें ग्लोबल डिश के इनग्रेडिएंट्स आपको मुहैया कराए जाते हैं और उन्हें बनाने का तरीका भी बताया जाता है. इस किट में सब्जियां और मीट छोड़कर बाकी तमाम तरह की चीजें रहती हैं. इस किट में ऐसा कोई सामान नहीं होता, जो जल्दी खराब हो जाए, इसलिए इस बिजनेस के तहत रौनित अपने प्रोडक्ट्स को पूरे भारत में डिलीवर कर पा रहे हैं और जल्द ही एक्सपोर्ट की तैयारी भी कर रहे हैं. इनकी किट में जापान की फेमस सूशी और मोची, मैक्सिको के टाको और एंचिलाडा और इटैलियन लजानिया शामिल हैं.

कहां से आया शेफलिंग का आइडिया?

रौनित बताते हैं कि पहले लॉकडाउन के वक्त हर कोई अपने घरों में बंद था. रेस्टोरेंट भी नहीं खुले थे. इस दौरान वह अपने एक दोस्त के घर गए और उस दोस्त ने कहा कि उसे सूशी खाने का मन कर रहा है. उन्होंने सोचा कि इसे घर पर ही बनाते हैं. तब वो लोग पास के ही एक इंटरनेशनल प्रीमियम स्टोर गए और वहां से सूशी बनाने का सामान लाए. सारा सामान लाने में करीब 8000 रुपये खर्च हुए. वहीं से पहली बार ये आइडिया आया कि इसकी भी रेडी टू कुक किट होनी चाहिए और कुछ समय बाद ये बिजनेस शुरू कर दिया.

क्या है बिजनेस मॉडल?

मौजूदा वक्त में कंपनी का बिजनेस मॉडल बी2सी या डी2सी है. इसके तहत इंस्टाग्राम और वेबसाइट के जरिए लोगों के ऑर्डर आते हैं और उन्हें कंपनी की तरफ से ऑर्डर डिलीवर कर दिए जाते हैं. अभी कंपनी सिर्फ प्रोडक्ट बेचकर पैसे कमा रही है, लेकिन भविष्य में यह सब्सक्रिप्शन प्लान पर भी जाने की तैयारी कर रही है. अभी कंपनी के पास 9 तरह के किट हैं. वहीं कुछ समय बाद 6 नए किट आएंगे, जो एक्सपोर्ट के लिए इंडियन ग्रेन फोकस रहेंगे. रौनित का कहना है कि वह भारत में इस किट की कीमत करीब 100 रुपये रखेंगे, जिसमें 3-4 लोग खाना खा सकेंगे. 

रातों-रात बंद हो गया फैमिली बिजनेस

रौनित बताते हैं कि उनके पापा का एक टैक्सटाइल का बिजनेस (Artedz Fabs Limited) था. बीबीए के पास वह इसी कंपनी में पापा का हाथ बंटा रहे थे. मुंबई के भिवंडी में स्थिति ये कंपनी 16 दिसंबर 2011 को अचानक से गिर गई. हालांकि, इससे जनहानि तो नहीं हुई, लेकिन फैक्ट्री को दोबारा खड़ा करने में करीब 6.5 करोड़ रुपये का कर्ज लेना पड़ गया. यहीं से शुरू हुआ कर्ज का जाल. 2018 में एक शख्स ने आईपीओ लाने की सलाह दी, जो फुली सब्सक्राइब भी हो गया, लेकिन उसका सारा पैसा वह मार्केट मेकर लेकर भाग गया, जिसके जरिए आईपीओ लाया गया था. इसके बाद हालात बद से बदतर होती चली गई और अगस्त 2020 में कंपनी एनसीएलटी पहुंच गई और दिवालिया हो गई.

मम्मी से 50 हजार रुपये लेकर शुरू किया बिजनेस

रौनित बताते हैं कि पापा की कंपनी बंद हो जाने के बाद जब उन्होंने बिजनेस करने का फैसला किया, तो उसके लिए मम्मी से 50 हजार रुपये लिए. उसके कुछ समय बाद उन्होंने मम्मी से 1 लाख रुपये और लिए. उन पैसों से जो बिजनेस खड़ा किया, उसने पिछले 3 साल में 60 लाख रुपये का रेवेन्यू दिया है. रौनित बताते हैं कि जब पहले दिन उन्होंने सिर्फ 150 किट के साथ बिजनेस लॉन्च किया, पहले ही दिन सारी किट बिक गईं. अब तक ये स्टार्टअप करीब 5000 से भी ज्यादा किट बेच चुका है.

चुनौतियां भी कम नहीं

रौनित को अपने बिजनेस में कई तरह की चुनौतियां देखने को मिल रही हैं. सबसे बड़ी चुनौती है प्रोडक्ट महंगा होने की. यही वजह है कि उन्होंने इस पर काम किया है और स्टैंडर्ड किट साइज रखा है, जिसमें 3-4 लोग खा सकते हैं. इसकी कीमत करीब 1200 रुपये है. दूसरा इससे सस्ता किट है, जिसमें करीब 2 लोग खा सकते हैं. वहीं एक ट्रायल वाली किट भी लॉन्च की जा रही है, जिसमें सिर्फ जरूरी इनग्रेडिएंट्स ही हैंऔर वह लगभग 499 रुपये का है. 

पहली बार उठाई फंडिंग

शेफलिंग ने पिछले साल 20 लाख रुपये का बिजनेस किया और उम्मीद है कि इस साल 40-45 लाख रुपये का बिजनेस होगा. यह स्टार्टअप अभी तक बूटस्ट्रैप्ड था, जिसने शार्क टैंक इंडिया में अपना पहला राउंड उठाया है. रौनित बताते हैं कि उन्होंने एक इंटरनेशनल ग्रांट के लिए भी अप्लाई किया हुआ है. रौनित ने अपने बिजनेस की 10 फीसदी हिस्सेदारी के बदले 40 लाख रुपये का निवेश मांगा था. उन्हें पहले 20 फीसदी के लिए ये ऑफर मिला, फिर 15 फीसदी और फिर 12 फीसदी. अंत में 2.5 करोड़ रुपये के वैल्युएशन पर 40 लाख रुपये के बदले रौनित ने अपने बिजनेस का 16 फीसदी स्टेक दिया. उनके बिजनेस में अमित जैन, अजहर इकबाल, नमिता थापर और पीयूष बंसल ने निवेश किया, यानी उन्हें 4 शार्क डील मिली.

फ्यूचर का क्या है प्लान?

आने वाले कुछ ही महीनों में शेफलिंग एक्सपोर्ट की तैयारी कर रहा है. इसके तहत रेडी टू कुक इंडिया मील किट बनाई जाएंगी. यह उन लोगों के लिए होंगी, जो भारत के हैं, लेकिन विदेश में जानकर सेटल हो गए हैं. अगर उन्हें भारतीय खाना खाने का मन करता है तो अक्सर ही उन्हें इनग्रेडिएंट नहीं मिलते हैं. इतना ही नहीं, उन्हें मसालों के लिए भी भटकना पड़ता है. ऐसे लोगों के लिए ये किट बड़े काम की साबित हो सकती हैं. ये किट सिर्फ विदेशों में ही नहीं बिकेंगी, बल्कि भारत में इन्हें बेचा जाएगा.

इसके अलावा रौनित कहते हैं कि वह बेवरेज सेगमेंट में भी एंट्री मारने की तैयारी कर रहे हैं. वह करीब 9 महीनों से एक बीयर पर रिसर्च कर रहे हैं. वह एक ऐसी किट बना रहे हैं, जिसकी मदद से लोग घर पर ही बीयर बना सकेंगे. लोगों को सिर्फ पानी के साथ जरूरी मिक्स्चर और किट में दिए गए लिक्विड को साथ मिलाकर छोड़ना होगा और कुछ दिन में बीयर बनकर तैयार हो जाएगी.  5 लीटर के करीब कीमत करीब 1200 रुपये होगी और उसके बाद रीफिल की कीमत महज 200-250 रुपये पड़ेगी.