104th Authority meeting of RERA : उत्तर प्रदेश रेरा की 104वीं प्राधिकरण बैठक 22 सितंबर को राजीव कुमार की अध्यक्षता में संपन्न हुई. बैठक में प्रमोटरों द्वारा प्राधिकरण के आदेशों के अनुपालन के स्थिति की समीक्षा की गई. प्राधिकरण द्वारा इस बात पर नाराजगी व्यक्त की गई कि पर्याप्त समय देने के बाद भी कुछ प्रमोटरों द्वारा प्राधिकरण के आदेशों का अनुपालन नहीं किया जा रहा है. प्राधिकरण द्वारा अपने आदेशों के कार्यान्वयन तथा आवंटियों को शीघ्र न्याय दिलाने का लगातार प्रयास किया जा रहा है और दोषी प्रमोटर्स के विरुद्ध अर्थदंड की कार्यवाही उन्हें प्राधिकरण के आदेशों के त्वरित अनुपालन के लिए बाध्य करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है.

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उल्लंघन करने वालों पर लगा जुर्माना

उपर्युक्त पृष्ठभूमि में प्राधिकरण द्वारा अपने आदेशों का अनुपालन सुनिश्चित करने तथा होम बायर्स के हितों का संरक्षण सुनिश्चित करने के उद्देश्य से प्राधिकरण द्वारा प्रमोटरों के विरूद्ध उचित अर्थदंड लगाने की फैसला किया गया है. प्राधिकरण द्वारा यह दण्ड रेरा अधिनियम की धारा 38/ 63 अंतर्गत अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए जारी किया गया जिसमें प्राधिकरण के आदेशों का उल्लंघन करने वाले प्रमोटरों पर परियोजना की लागत के 5 प्रतिशत तक का अर्थदंड लगाने का प्रावधान है.

दंडित किए गए प्रमोटरों के नाम और अर्थदंड की राशि प्रमोटर का नाम                             अर्थदंड की राशि (लाख)

एसआरबी प्रमोटर्स प्राइवेट लिमिटेड-  22,54,070

  • गार्डेनिया इंडिया प्रमोटर्स प्राइवेट लिमिटेड- 30, 90, 110
  • एम्स  गोल्फ टाउन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड- 6,50,760
  • एम वी इंफ्रास्ट्रक्चर एंड हाउसिंग प्राइवेट लिमिटेड-10, 40,820
  • एलीगेण्ट इन्फ्राकॉन प्राइवेट लिमिटेट-7,90,400
  • रेडीकॉन इंफ्रास्ट्रक्चर्स एण्ड हाउसिंग प्राइवेट लिमिटेड-7,95,885
  • डीसेन्ट बिल्डवेल प्राइवेट लिमिटेड- 6,82,260
  • उत्तम स्टील एण्ड एसोसिएट्स- 1,99,430
  • जेएसएस बिल्डकॉन प्राइवेट लिमिटेड- 8,43, 920
  • अर्थकॉन कन्सट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड- 6,25 405
  • ओल्यूट इंफ्राडेलवपर्स प्राइवेट लिमिटेड- 6,89,150
  • औरा बिल्डवेल प्राइवेट लिमिटेड- 11,38,470
  • कुल- 1,39,47,100.00

15 दिनों के अंदर जमा करनी होगी राशि

उत्तर प्रदेश रेरा ने संबंधित प्रमोटरों को अपने आदेशों की अनुपालन रिपोर्ट 15 दिनों के अंदर प्रस्तुत करने और अर्थदंड की धनराशि एक महीने के अंदर जमा करने का निर्देश दिया गया है. ऐसा न कर पाने की स्थिति में अर्थदंड की धनराशि को भू-राजस्व के बकाया के रूप में वसूल किया जाएगा. इस अवसर पर उत्तर प्रदेश रेरा के अध्यक्ष राजीव कुमार द्वारा कहा गया कि उत्तर प्रदेश रेरा घर खरीदारों के हितों के प्रति संवेदनशील प्रमोटर्स के विरुद्ध लगातार कड़े फैसले ले रहा है. रेरा प्राधिकरण घर खरीदारों के हितों के संरक्षण हेतु पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है और रेरा अधिनियम के अनुसार प्रदेश के रियल एस्टेट सेक्टर को विनियमित करने के लिए हर संभव कदम उठा रहा है.