भारतीय रेलवे (Indian Railways) ट्रेनों को सोलर एनर्जी (Solar energy) से चलाने की तैयारी कर रहा है. हाल ही में रेलवे ने इस दिशा में बड़ा प्रयोग किया है. रेलवे ने पायलट प्रोजेक्ट (pilot project) के तहत मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के बीना (Bina) में सोलर पावर प्लांट (solar power plant) लगाया है. ये प्लांट रेलवे की खाली पड़ी जमीन (Railway Land) पर लगाया गया है. इस सोलर प्लांट से 1.7 मेगा वाट की बिजली का उत्पादन होगा और इस प्लांट से बनने वाली बिजली से ट्रेनें चलाई जाएंगी. रेलवे अगले 15 दिन  में बीना सोलर पावर प्लांट भारतीय रेलवे के लिए कमीशन यानी चालू कर दिया जाएगा.

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सोलर एनर्जी से चलाई जाएंगी ट्रेनें

रेलवे के मुताबिक दुनिया के पहली बार है जब सोलर एनर्जी के जरिए ट्रेनों को चलाने का काम किया जा रहा है. रेलवे का ये सोलर पावर प्लांट 25 हजार वोल्ट की बिजली पैदा करेगा जिसे सीधे रेलवे के ओवरहेड वायर या ट्रैक के ऊपर लगे तारों में ट्रांसफर किया जाएगा और इससे ट्रेनें चल सकेंगी.

रेलवे लगाएगा और बड़ा प्लांट

रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष के मुताबिक रेलवे 3 गीगावाट की क्षमता वाला सोलर पावर प्लांट लगाने की योजना पर काम कर है. इस पावर प्लांट का काम 2-3 वर्षों में पूरा कर लिया जाएगा. इसके लिए टेंडर्स किए जा चुके हैं.

रेलवे ने BHEL की मदद से तैयार किया प्लांट

रेलवे ने BHEL की मदद से मध्य प्रदेश के बीना में 1.7 मेगावाट क्षमता वाला सोलर पॉवर प्लांट तैयार किया है. रेलवे के मुताबिक दुनिया में अब तक सोलर एनर्जी का इस्तेमाल ट्रेन चलाने में नहीं किया जाता है. दुनिया में अलग अलग जगहों पर रेलवे नेटवर्क, सौर ऊर्जा का इस्तेमाल मुख्य रूप से स्टेशनों, आवासीय कॉलोनियों और दफ्तरों की बिजली की जरूरतों को पूरा करने के लिए करते हैं. भारतीय रेलवे ने BHEL ( भारत हैवी इलेक्ट्रीकल्स लिमिटेड ) के साथ मिलकर सिर्फ 8 महीनों में इस प्लांट को तैयार किया है.

ट्रेनों में लगाए जा चुके हैं सोलर पैनल

भारतीय रेलवे ने कुछ ट्रेनों के डिब्बों की छत पर सोलर पैनल लगाए थे. इन पैनलों की मदद से बनने वाली बिजली से ट्रेनों में लाइट और पंखे चलाए जाते हैं. लेकिन अब तक, किसी भी रेलवे नेटवर्क ने ट्रेनों को चलाने के लिए सौर ऊर्जा का इस्तेमाल नहीं किया है.

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रेलवे के बिजली के बिल में आएगी कमी

मध्य प्रदेश में लगाया गया सोलर प्लांट डीसी बिजली बनाएगा जो एक इनवर्टर के जरिए एसी में बदली जाएगी और उसे एक ट्रांसफार्मर के जरिए 25KV एसी की ओवर हेड (ट्रैक ऊपर लगे बिजली के तार) तक पहुंचाएगा. इस सोलर प्लांट से साल में लगभग 25 लाख यूनिट बिजली बनेगी. रेलवे के बिजली के बिल में हर साल 1.37 करोड़ रुपये की कमी आने की उम्मीद है.

सोलर पावर प्लांट प्रोजेक्ट लगाने के ये हैं फायदे 

  • मिशन ग्रीन एनर्जी के तहत सोलर एनर्जी का ज़्यादा इस्तेमाल होगा ताकि कार्बन एमिशन को घटाया जा सके
  • आर्थिक बचत के जरिये रेलवे की वित्तीय स्थिति को सुधारा जा सकेगा
  • रेलवे की खाली पड़ी ज़मीन पर प्लांट लगाकर उसका बेहतर इस्तेमाल और अतिक्रमण से बचाया जा सकेगा