New Railway Station between Thane and Mulund: महाराष्ट्र के ठाणे और मुलुंड के बीच एक नया रेलवे स्टेशन बनाने का रास्ता साफ हो गया है. बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay High Court) ने ठाणे मेंटल हॉस्पिटल की जमीन के एक हिस्से को नया रेलवे स्टेशन बनाने के लिए इस्तेमाल करने की मंजूरी दे दी है. बताते चलें कि नया रेलवे स्टेशन बनाने के लिए ठाणे के मेंटल हॉस्पिटल की जमीन का एक हिस्सा दिया जाना था. लेकिन, रेलवे स्टेशन बनाने के लिए अस्पताल की जमीन दिए जाने के फैसले पर करीब 8 साल पहले रोक लगा दी गई थी.

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने कोर्ट के फैसले की तारीफ की

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महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बॉम्बे हाई कोर्ट के इस फैसले की तारीफ की. मुख्यमंत्री ने शनिवार को कहा कि बॉम्बे हाई कोर्ट के इस फैसले के बाद नया रेलवे स्टेशन बनने से ठाणे और मुलुंड स्टेशन पर यात्रियों की संख्या कम करने में मदद मिलेगी. बॉम्बे हाई कोर्ट ने शुक्रवार को अस्पताल की कुल 72 एकड़ जमीन में से 14.83 एकड़ जमीन को नए रेलवे स्टेशन के लिए देने की शुक्रवार को मंजूरी दे दी. शिंदे ने अपने ऑफिस द्वारा जारी एक रिलीज में बताया कि महाराष्ट्र सरकार के स्वास्थ्य विभाग की इस जमीन पर एक नया स्टेशन बनेगा.

अस्पताल की 14.83 एकड़ जमीन पर बनेगा नया रेलवे स्टेशन

उन्होंने कहा, ‘‘अस्पताल की कुल 72 एकड़ की जमीन में से केवल 14.83 एकड़ जमीन का नए रेलवे स्टेशन के निर्माण के लिए इस्तेमाल किया जाएगा. ये इस जमीन पर ही बनाया जाएगा. जब ये स्टेशन बन जाएगा तो ठाणे स्टेशन पर यात्रियों की संख्या 31 प्रतिशत तक और मुलुंद स्टेशन पर 21 प्रतिशत तक कम हो जाएगी.’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी 7.50 लाख यात्री ठाणे रेलवे स्टेशन का इस्तेमाल करते हैं. बताते चलें कि एकनाथ शिंदे ठाणे में कोपरी-पाचपाखाडी विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं.

लंबे समय से की जा रही थी नया रेलवे स्टेशन बनाने की मांग

उन्होंने कहा कि शिवसेना के निर्वाचित प्रतिनिधियों के निरंतर प्रयासों के कारण रेलवे प्रशासन ने नए रेलवे स्टेशन की योजनाओं को मंजूरी दे दी. ठाणे नगर निगम की स्मार्ट सिटी योजना के तहत परियोजना के लिए 289 करोड़ रुपये की निधि आवंटित की गई. इस बीच, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता और ठाणे से सांसद राजन विचारे ने एक बयान जारी कर कहा कि नए रेलवे स्टेशन की मांग लंबे समय से की जा रही थी.

साल 2015 में लगी थी फैसले पर रोक

राजन विचारे ने कहा, ‘‘मैंने इसके लिए रेलवे बोर्ड की अनुमति ली और निधि स्वीकृत कराई. 8 साल बाद उच्च न्यायालय ने 2015 में लगाई रोक वापस ली, इसलिए अब यह जश्न का वक्त है.’’ नए स्टेशन के निर्माण का प्रस्ताव सबसे पहले शिवसेना सांसद प्रकाश परांजपे ने रखा था. इसके बाद राकांपा (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) सांसद संजीव नाइक ने इसे आगे भेजा और आखिरकार मौजूदा सांसद विचारे ने इसे स्वीकृत कराया.

पीटीआई इनपुट्स के साथ