Indian Railways: सरकार क्या रेलवे में सीनियर सिटीजन को टिकट में मिलने वाली छूट की सुविधा एक बार फिर से बहाल करने वाली है, इसे लेकर शुक्रवार को एक बार फिर से संसद में सवाल पूछा गया. सरकार ने इसके जवाब में कहा कि रेलवे पहले से ही रेलवे के टिकट पर प्रति व्यक्ति 53 फीसदी तक सब्सिडी देती है. हालांकि इस बारे में अभी कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया गया कि क्या सरकार रेलवे सीनियर सिटीजन को टिकट में छूट देने की कोई योजना बना रही है. 

पैसेंजर्स को मिलती है टिकट में सब्सिडी

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रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) ने शुक्रवार को राज्यसभा को यह जानकारी दी कि भारतीय रेलवे (Indian Railways) ने वित्त वर्ष 2019-20 में यात्री टिकटों पर 59,837 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी, जो यात्रा करने वाले प्रत्येक व्यक्ति के लिए औसतन लगभग 53 प्रतिशत की रियायत है. 

इन्हें मिलती है टिकट में रियायत 

मंत्री ने कहा कि इस सब्सिडी के ऊपर भी कई श्रेणियों जैसे दिव्यांगजनों, छात्रों और रोगियों को रियायतें दी जा रही हैं, लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया कि क्या सरकार 60 वर्ष से अधिक आयु वालों को पहले दी जा रही छूट को बहाल करने की योजना बना रही है. 

क्या सरकार देगी सीनियर सिटीजन को डिस्काउंट

एक संसदीय समिति द्वारा सीनियर सिटीजन को रेलवे टिकट पर छूट बहाल करने की सिफारिश किए जाने के महीनों बाद मंत्री से एक लिखित प्रश्न में पूछा गया था कि कोविड-19 महामारी के बाद जो रियायत खत्म की गई थी, उस पर सरकार का क्या रुख है? भाकपा सांसद बिनॉय विश्वम के इस सवाल पर कि रेलवे ने सीनियर सिटीजन के लिए ट्रेनों में रियायतें बहाल करने की संसदीय स्थायी समिति की सिफारिश पर संज्ञान लिया है या नहीं? 

मंत्री ने अपने लिखित जवाब में कहा, "रेलवे पर स्थायी समिति ने, कम से कम स्लीपर और 3 एसी में सीनियर सिटीजन को रियायत देने के संदर्भ में...समीक्षा और विचार करने की सलाह दी है." 

सरकार ने दी सब्सिडी

वैष्णव ने कहा, "सरकार ने वित्तवर्ष 2019-20 में यात्री टिकट पर 59,837 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी. यह रेलवे में यात्रा करने वाले प्रत्येक व्यक्ति को औसतन 53 प्रतिशत की रियायत है. यह सब्सिडी सभी यात्रियों के लिए जारी है. इस सब्सिडी राशि के अलावा भी रियायतें रेलवे में दिव्यांगजन, छात्रों और मरीजों जैसी कई श्रेणियों के लिए जारी हैं. यह सब्सिडी सभी यात्रियों के लिए जारी है."

भाजपा सांसद सुशील मोदी के एक अन्य प्रश्न के उत्तर में, मंत्री ने बताया कि वर्ष 2017-18, वर्ष 2018-19 और वर्ष 2019-20 के दौरान सीनियर सिटीजन को यात्री किराये में रियायत के कारण राजस्व के मोर्चे पर क्रमशः लगभग 1,491 करोड़ रुपये, 1,636 करोड़ रुपये और 1,667 करोड़ रुपये का बोझ पड़ा.

(भाषा इनपुट्स के साथ)

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