किसानों की आमदनी (Farmers Income) दोगुना करने के टारगेट में भारतीय रेल (Indian Railways) भी अहम भूमिका निभा रहा है. किसानों के उत्पाद कम समय में देश की अलग-अलग मंडियों तक पहुंचें, इसके लिए देश के अलग-अलग हिस्सों से किसान रेल (Kisan Rail) चलाई जा रही है.

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इस कड़ी में भारतीय रेल ने अब धान किसानों के हित में एक और पहल की है. भारतीय रेल ने पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर से हल्दिया पोर्ट तक चावल के निर्यात (Rice Export) के लिए विशेष ट्रेन चलाई है. हल्दिया पोर्ट (Haldia Port) से चावल पश्चिम अफ्रीकी देश बेनिन और टोगो के लिए एक्सपोर्ट किया जाएगा.

भारतीय रेल का दावा है कि उसकी इस पहल से भारत के किसानों की पहुंच इंटरनेशनल मार्केट तक बनेगी और उनकी आमदनी में इजाफा होगा.

किसान रेल

बता दें कि किसानों की उपज समय रहते हुए देश के अलग-अलग हिस्सों में पहुंचे इसके लिए भारतीय रेल "किसान रेल" नाम से विशेष ट्रेन चला रहा है. देश की पहली किसान रेल देवलाली से दानापुर के बीच शुरू हुई. दूसरी किसान ट्रेन आंध्र प्रदेश के अनंतपुर से दिल्ली के बीच चलाई गई है. 19 सितंबर को कर्नाटक की पहली किसान रेल को बेंगलुरू से हरी झंडी दिखाई गई. 

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घर बैठे बुक करें सामान

इंडियन रेलवे के रेलवे सूचना प्रणाली केंद्र (CRIS) की टीम ने ढुलाई कारोबार विकास (FBD Portal) पोर्टल तैयार किया है. इस पोर्टल से नए ग्राहकों को भी रेलवे के ढुलाई कारोबार के बारे में जानकारी मिल सकेगी और रेलवे के ढुलाई कारोबार के बारे में सूचना मुहैया कराई गई है. पोर्टल पर पहुंचना काफी आसान है.

नया एफबीडी पोर्टल संभावित ढुलाई ग्राहकों को रेल अधिकारियों से संपर्क कराने का माध्यम होगा. ग्राहक इसके जरिये अधिकारियों से संपर्क कर सकेंगे और अपने सामान के परिवहन के लिए उनकी मदद ले सकेंगे.