Indian Railways: ट्रेन से सफर करते हैं तो आपको ये भी पता होगा कि एक ट्रेन में पैसेंजर्स की सुविधा के हिसाब से कई तरह के कोच लगे होते हैं. इसमें जनरल डिब्बों से लेकर 3AC, 2AC, 1AC जैसे कोच लगे होते हैं. इन सभी कोच के टिकट की कीमतों में भी अंतर होता है. ये अंतर कई गुना अधिक तक होता है. लेकिन क्या कभी आपने गौर किया है कि किसी भी ट्रेन में जनरल डिब्बे हमेशा ट्रेन के आखिर या शुरू में ही लगे होते हैं. जी हां, ऐसा आपको करीब हर ट्रेन में देखने को मिलेगा, जहां जनरल डिब्बों को ऐसे ही लगाया जाता है. लेकिन क्या आपको पता है कि रेलवे ऐसा क्यों करती है. इसके पीछे एक खास वजह होती है. आइए जानते हैं इस बारे में सबकुछ.

क्यों पीछे या आगे होते हैं जनरल डिब्बे

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आप किसी भी ट्रेन को देखें तो उसका स्ट्रक्चर एक जैसा ही होता है. इसमें सबसे आगे या पीछे की तरफ ही जनरल डिब्बे होते हैं. जिसके बाद स्लीपर क्लास के डिब्बे लगे होते हैं और सबसे बीच में एसी क्लास के डिब्बे होते हैं. लेकिन ऐसा करने के पीछे रेलवे के पास एक खास तर्क होता है.

रेलवे के एक अधिकारी ने ट्विटरट पर एक सवाल के जवाब में बताया कि ट्रेन के जनरल डिब्बों में ही आमतौर पर सबसे अधिक पैसेंजर्स होते हैं. ऐसे में ट्रेन के डिब्बों को दोनों छोर पर लगाने पर लोगों की ये भीड़ स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर दोनों ओर सामान रूप से बंट जाती है. अगर ऐसा नहीं किया जाए तो स्टेशन के बीच में ही लोगों की भारी भीड़ एकट्ठा हो जाएगी और स्टेशन की पूरी व्यवस्था लोगों की इस भीड़ से चरमरा जाएगी. 

होती है काफी मददगार

पैसेंजर्स की भीड़ को दोनों तरफ बांट देने से स्टेशन पर व्यवस्था बनाए रखने में रेलवे को काफी मदद मिलती है. एसी के डिब्बे बीच में लगाने से एसी डिब्बों के पैसेंजर्स को भी काफी सहूलियत होती है और उन्हें स्टेशन पर घुसते ही अपनी बोगी मिल जाती है. 

इमरजेंसी में आता है काम

रेलवे के अधिकारी ने बताया कि जनरल डिब्बों को दोनों तरफ बांटने पर किसी अनहोनी या इमरजेंसी की स्थिति में भी राहत कार्य में रेलवे को काफी सहूलियत होती है. लोगों की भारी भीड़ एक ही जगह इकट्ठे होने से उन्हें और परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. 

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