भारतीय रेलवे (Indian Railways) को टिकट दलालों के नेक्सेस के खिलाफ बड़ी सफलता हाथ लगी है. रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स यानि RPF ने ई टिकटिग में शामिल दलालों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए ऐसे रैकेट को पकड़ा है जिसके तार अंतरराष्ट्रीय स्तर तक जु़डे हैं. यही,नहीं आरपीएफ के मुताबिक ई टिकटिंग की काली कमाई का इस्तमाल टेरर फिंडिग तक के लिए किया जा रहा था.

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आतंकवाद से जुड़े हैं टिकट दलालों के तार

रेलवे पुलिस फोर्स RPF की अब तक की सबसे बडी कार्रवाई और जांच के बाद जो सच्चाई सामने आई उसे सुन आपके भी होश उड़ जायेंगे. आरपीएफ ने रेल टिकट दलाली या काला बजारी के ऐसे रैकेट का भांडा फोड किया है जिसके तार आतंकवाद तक से जुडे हैं. रेल टिकट दलाली का मोटा पैंसा मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए पडोसी मुल्क जैसे पाकिस्तान या बांग्लादेश भेजा जा रहा है.  

बंगलुरू से चलाया जा रहा था रैकेट

रेलवे ने बड़ी कार्रवाई करते हुए अवैध सॉफ्टवेयर के जरिए रेलवे की तत्काल टिकटों की कालाबाजारी करने वाले गिरोह का खुलासा किया है. रैकेट का मास्टर माइंड गुलाम मुस्तफा बैंगलूरू से गिरोह ऑपरेट कर रहा था.

गुलाम मुस्तफा ने भागलपुर में भी अपने गिरोह की जड़ें जमा रखी थी.

तत्काल टिकट के लिए करते थे खास सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल

आरपीएफ के मुताबिक इस बेहद ऑर्गनाइज्ड रैकेट का मास्टरमाइंड गुलाम मुस्तफा औऱ रैकेट से जुडे देश भर में फैले तमाम एजेंट illegal software ANMS के जरिए रेल टिकट बुक किया करते थे जिसे आगे जुरुतमंद मुसाफिरों के महंगा पैसे में बेचा जाता था. इसके सॉफ्टवेयर के जरिए की जा रही काली कमाई को फिर cryptocurrency में बदल दिया जाता था. साल 2019 में जांच के दौरान टिकट दलाली में गुलाम मुस्तफा का नाम लगातार सामने आ रहा था. इसके बाद पुलिस ने सोशल मीडिया एनालिसिस, इलैक्ट्रॉनिक सर्विलांस के जरिए गुलाम को 10 दिन पहले बैंग्लोर से धर दबोचा. आरपीएफ के मुताबिक गुलाम ही ज्यादातर को ANMS software उपलब्ध कराता था.

 

क्रिप्टोकरेंसी में दुबई भेजा जाता था पैसा

RPF के DG अरुण कुमार के मुताबिक गुलाम मुस्तफा से जब्त दो लैपटॉप, मोबाइल औऱ अन्य दस्तावेज से मिली जानकारी के पता चला है कि रेलवे ई टिकट की दलाली के जरिए पैसों को देश में कई बैंके में खोल रखे 3000 से ज्यादा खातों के जरिए बाहर भेजा जाता था. यही नहीं बड़ी रकम को क्रिप्टोकरेंसी में भी तब्दील कर दुबई में बैठे आकाओँ को पैसा पहुंचाया जाता था. आरपीएफ के मुताबिक इस पैसो को फिर भारत देश में देश विरोधी गतिविधी के लिए इस्तमाल किए जाने का लिंक पता चला है. आरपीएफ फिलाहल अन्य जांच एजेंसी जैसे सीबीआई और तमाम राज्य पुलिस के साथ मिलकर इस रैकेट के फाइनेंनशियल सपोर्ट को तोडने में पूरा फोकस बनाए हुए हैं.