भारतीय रेल (Indian Railways) ने कुछ समय पहले क्लोन ट्रेन चलाने का फैसला किया था, जो काफी सफर रहा. रेल मंत्रालय (Railway Ministry) के मुताबिक, कोरोनाकाल में रेलवे की तरफ से किया यह प्रयोग काफी काम आया और लोगों को भी इससे काफी मदद मिली. रेलवे बोर्ड के चेयरमैन के मुताबिक, क्लोन ट्रेन का प्रयोग अब तक सफल रहा है और इसके आधार पर ये तय किया गया है कि कोरोनाकाल के बाद भी क्लोन ट्रेन चलाई जाती रहेगी. 

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क्लोन ट्रेन में सीट ऑक्यूपेंसी Seat occupancy in clone train

खबर के मुताबिक, फिलहाल भारतीय रेल की तरफ से चलाई जा रही इन क्लोन ट्रेन में ऑक्यूपेंसी 72 प्रतिशत से लेकर 80 प्रतिशत तक है. इसमें कहा गया है कि अमूमन रेलवे उस रूट पर क्लोन ट्रेन चलाएगी जहां वेटिंग लिस्ट टिकट 150% से ज़्यादा है. क्लोन ट्रेन किसी रूट पर टिकट की ज़बरदस्त डिमांड के चलते ओरिजिनल ट्रेन के जैसी ही उसी रूट पर एक एक्स्ट्रा ट्रेन चलाई जाती है.

सितंबर में शुरू की थी 20 जोड़ी ट्रेन 20 pair train started in September

भारतीय रेल की तरफ से बीते सितंबर महीने में 20 जोड़ी क्लोन ट्रेन चलाने की शुरुआत की थी. क्लोन ट्रेनों में मुख्य मुख्य तौर पर एसी-3 कोच लगी होती हैं. यह ट्रेन कम स्टॉपेज, ज्यादा स्पीड के साथ और वास्तविक ट्रेनों से पहले चलती हैं. इससे किसी इमरजेंसी में या आखिरी मिनट पर सफर पर जाने वालों को ब़ड़ी राहत और सुविधा हुई है. तब ज्यादातर क्लोन ट्रेनें यूपी, बिहार, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक के बीच चलाने की तैयारी थी.

(रॉयटर्स)

स्पीड का भी प्रयोग लगाता जारी Continue to use speed as well

किसी भी ओरिजिनल ट्रेन के नाम और हिसाब से ही चलने वाली क्लोन ट्रेन के साथ-साथ रेलवे इन दिनों ट्रेन की ज्यादा स्पीड (High speed of train) पर भी लगातार प्रयोग करती आ रही है. कई ट्रेनों की स्पीड भी बढ़ाई गई हैं. इससे ट्रेन के टाइम टेबल में भी बदलाव आया है. रेलवे की कोशिश है कि आने वाले दिनों में और भी कई ट्रेनों की स्पीड बढ़ाई जाएगी, ताकि सफर में लगने वाले समय में कमी आ सके.

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