रिकरिंग डिपॉजिट या म्यूचुअल फंड, आपके लिए कौन सा है बेहतर ऑप्शन, जानिए इनके Benefits और Drawbacks
पिछले कुछ समय से म्यूचुअल फंड काफी पॉपुलर हुआ है. लेकिन मार्केट के उतार-चढ़ाव पर निर्भर होने के कारण तमाम लोग इसमें निवेश को सुरक्षित नहीं मानते और इसकी बजाय रिकरिंग डिपॉजिट को पसंद करते हैं.
अगर भविष्य में अपने पास बड़ी पूंजी इकट्ठी करनी है, तो निवेश बहुत जरूरी है. चाणक्य नीति भी कहती है कि पैसों की बचत और उनका निवेश करते रहना बहुत जरूरी है. सही जगह निवेश की गई पूंजी भविष्य में आपको बड़ा मुनाफा देकर जाती है. आजकल निवेश के लिए तमाम सरकारी और गैर सरकारी स्कीम्स मौजूद हैं, लेकिन बेहतर मुनाफा पाने के लिए कहां निवेश किया जाए, ये बड़ा सवाल है.
पिछले कुछ समय से म्यूचुअल फंड में SIP के जरिए निवेश काफी पॉपुलर हुआ है. इसे अन्य स्कीम की तुलना में ज्यादा मुनाफा देने वाला प्लान माना जाता है. लेकिन मार्केट के उतार-चढ़ाव पर निर्भर होने के कारण तमाम लोग इसमें निवेश को सुरक्षित नहीं मानते और इसकी बजाय रिकरिंग डिपॉजिट यानी आरडी को पसंद करते हैं. आरडी में आपका पैसा न केवल सुरक्षित रहता है, बल्कि धीरे-धीरे वह बढ़ता रहता है. मैच्योरिटी पर गारंटीड अमाउंट भी मिलता है. आइए आपको बताते हैं कि रिकरिंग डिपॉजिट या म्यूचुअल फंड, किसमें आपका ज्यादा फायदा है?
पहले जानिए क्या है रिकरिंग डिपॉजिट
रिकरिंग डिपॉजिट एक तरह से सरकारी गुल्लक की तरह है, जिसमें आप हर महीने एक निश्चित रकम जमा करते हैं. पोस्ट ऑफिस और बैंक दोनों जगहों पर आपको आरडी का विकल्प मिलता है. आरडी के बहाने आपकी बचत हो जाती है और इसकी मैच्योरिटी पर ब्याज के साथ गारंटीड अमाउंट मिलता है. इस मामले में फाइनेंशियल एक्सपर्ट शिखा चतुर्वेदी कहती हैं कि आमतौर पर आरडी का रिटर्न महंगाई दर से कम ही होता है. लेकिन फिर भी सुरक्षित निवेश होने के कारण तमाम लोग इसे बचत और निवेश का बेहतर जरिया मानते हैं. ज्यादातर लोग आरडी के जरिए पैसे की बचत करके इस पर ब्याज लेते हैं और फिर आरडी के जरिए इकट्ठी हुई एकमुश्त राशि को एफडी में कन्वर्ट करवा लेते हैं. इससे उनका एकमुश्त पैसा सुरक्षित हो जाता है और उस पर सालाना तय ब्याज लगता रहता है.
क्या है म्यूचुअल फंड (SIP)
क्या है म्यूचुअल फंड (SIP) में भी आप एक निश्चित धनराशि हर महीने निवेश करते हैं. 500 या 1000 रुपए प्रतिमाह निवेश करके भी इसकी शुरुआत कर सकते हैं. लेकिन म्यूचुअल फंड में आपके पैसे को कई तरह के इक्विटी शेयर्स व बॉण्ड्स में लगाया जाता है. ये निवेश बाजार जोखिमों पर निर्भर करता है. हालांकि इसे आज के समय में मुनाफे का सौदा माना जाता है क्योंकि म्यूचुअल फंड में लगाए गए पैसों को फंड मैनेजर मैनेज करते हैं. इसके कारण इसमें जोखिम काफी कम हो जाता है और पारम्परिक निवेश की तुलना में अच्छा रिटर्न मिलता है. यही कारण है कि SIP तेजी से लोकप्रिय हो रहा है.
आरडी और एफडी का अंतर
- RD के मुकाबले SIP को अधिक फ्लेक्सिबिलिटी देने वाला माना जाता है. इसमें आप साप्ताहिक, मासिक और वार्षिक रूप से निवेश कर सकते हैं, लेकिन आरडी में आपको ये सुविधा नहीं मिलती है. इसमें आपको हर महीने निवेश करना होता है.
- म्यूचुअल फंड SIP में आपको लॉक इन की कोई बाध्यता नहीं रहती. आप अपनी जमा राशि कभी भी निकाल सकते हैं. लेकिन RD में लॉक इन पीरियड की बाध्यता होती है. अगर आप समय से पहले इस राशि को निकालते हैं तो आपको इसके लिए पेनल्टी देनी पड़ सकती है. RD का टेन्योर पूरा होने पर यानी मैच्योर होने पर ही इसकी राशि को निकाल सकते हैं.
- आरडी का निवेश सुरक्षित माना जाता है और इसमें गारंटीड रिटर्न मिलता है. लेकिन SIP में आपका पैसा शेयर मार्केट में निवेश किया जाता है. इसमें जोखिम होता है. हालांकि इस पैसे को कई तरह के इक्विटी शेयर में लगाया जाता है. इससे आपका जोखिम काफी कम हो जाता है. हालांकि SIP में रिटर्न गारंटीड नहीं होता, ये मार्केट पर निर्भर होता है. लेकिन फिर भी रिटर्न के मामले में इसे अन्य स्कीम्स से बेहतर माना जाता है.