PPI Payment Charges: यूपीआई पेमेंट (UPI Payment) पर लेकर चार्ज को लेकर NPCI (National Payment Corporation of India) की ओर से आज बुधवार को ताजा अपडेट आया है कि हाल ही में UPI पेमेंट पर लगाए गए इंटरचेंज फीस का आम ग्राहकों पर कोई असर नहीं होने वाला है. 2,000 रुपये से ऊपर के ट्रांजैक्शन पर जो इंटरचेंज फीस लगेगी, वो PPI यानी Prepaid Payment Instruments ट्रांजैक्शन पर ही लगेगी. आम यूपीआई ट्रांजैक्शन यानी कि बैंक अकाउंट से बैंक अकाउंट को होने वाले ट्रांजैक्शन पर कोई चार्ज नहीं देना होगा.

'What is PPI?'- लोगों ने सर्च करना किया शुरू

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NPCI के सर्कुलर के बाद ये कंफ्यूजन तो दूर हुई कि यूपीआई ट्रांजैक्शन पर आम कस्टमर्र को कोई नया चार्ज नहीं देना, लेकिन लोगों ने ये सर्च करना जरूर शुरू कर दिया कि PPI Payment क्या होता है. अगर आप भी ये सोच रहे हैं, तो हमने ये आर्टिकल आपके लिए ही लिखा है. 

PPI क्या होता है?

NPCI के मुताबिक, यूपीआई इनेबल्ड ऐप्स पर सबसे ज्यादा पेमेंट बैंक अकाउंट टू बैंक अकाउंट बेस्ड ट्रांजैक्शन होते हैं. यूपीआई ट्रांजैक्शन में इनका हिस्सा 99.9% है. बाकी PPI मर्चेंट बेस्ड ट्रांजैक्शन होते हैं. लेकिन ये होता क्या है? RBI के Payment and Settlement Act, 2005 के तहत PPIs या Prepaid Payment Instruments ऐसे पेमेंट इंस्ट्रूमेंट होते हैं, जिनमें पहले से स्टोर वैल्यू के जरिए आप गुड्स या सर्विस खरीदते हैं या फिर फंड, फाइनेंशियल सर्विस या रेमिटेंस ट्रांसफर करते हैं. सीधे शब्दों में कहें तो ऐसे पेमेंट ऐप्स, जिनमें पहले से डाले गए पैसे, यानी वॉलेट या गिफ्ट कार्ड जैसे माध्यमों में डाले गए पैसे के जरिए आप कुछ खरीदते हैं, या ट्रांसफर करते हैं.

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बेसिकली आप ऐप में प्रीपेड अमाउंट रखते हैं, जो आपके बैंक अकाउंट या डेबिट/क्रेडिट कार्ड, कैश या से कटा होता है. PPI कई फॉर्म में हो सकते हैं, जैसे- पेमेंट वॉलेट, स्मार्ट कार्ड, मैग्नेटिक चिप्स, वाउचर, मोबाइल वॉलेट वगैरह. यानी कि ऐसा कोई भी इंस्ट्रूमेंट या साधन जिसमें आप पहले से पैसा डालते हैं, ताकि उससे ट्रांजैक्शन किया जा सके.

PPIs के टाइप भी होते हैं?

हां, PPI भी कई तरह के होते हैं. RBI के मुताबिक, देश में PPIs तीन सिस्टम के तहत जारी किए जाते हैं. 

1. Closed System: ऐसे PPI का इस्तेमाल उन्हीं संस्थाओं में किया जा सकता है, जो उन्हें जारी करते हैं. यानी कि कोई कंपनी अगर अपना PPI देती है, तो आप उसके सिस्टम के अंदर ही इसका इस्तेमाल कर सकेंगे. इस सिस्टम में गिफ्ट कार्ड, वाउचर, कूपन जैसी चीजें आती हैं. ऐसे पीपीआई जारी करने के लिए आरबीआई की अनुमति की जरूरत नहीं होती है.

2. Semi-Closed System: ऐसे पीपीआई का इस्तेमाल जारी करने वाली संस्था के अलावा, कुछ और संस्थाओं में भी यूज़ किया जा सकता है. जैसे अगर एक संस्था का दूसरे के साथ कॉन्ट्रैक्ट है, तो आप ये इंस्ट्रूमेंट दोनों जगहों पर पर यूज़ कर सकते हैं. लेकिन ऐसे PPIs आरबीआई की ओर से अप्रूव्ड बैंकिंग संस्थाएं या ऑथराइज्ड नॉन-बैंकिंग संस्थाएं ही जारी कर सकती हैं. ऐसे PPIs में पेमेंट एग्रीगेटर या पेमेंट गेटवे आते हैं.

3. Open System: इस सिस्टम में डेबिट और क्रेडिट कार्ड आते हैं. ये बस आरबीआई की ओर से अप्रूव्ड बैंक ही जारी कर सकते हैं.

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