रिटायरमेंट की खातिर निवेश करना है, ये तो आप जानते ही हैं. लेकिन जैसे ही आप रिटायरमेंट के नजदीक पहुंचते हैं या फिर रिटायर हो चुके होते हैं, ऐसे में कहां निवेश करना चाहिए, ये जानना भी बेहद जरूरी है.

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जैसे-जैसे आप रिटायरमेंट के करीब पहुंचते हैं, वैसे ही आपके पोर्टफोलियो में बड़े बदलाव की जरूरत होती है. इसलिए रिटायरमेंट के बाद आपकी निवेश के लिए क्या स्ट्रैटजी हो, 60 के बाद आपको कहां निवेश करना चाहिए, इसके लिए किसी मार्केट एक्सपर्ट की मदद लेकर अपने पोर्टफोलियो में बदलाव जरूर कर लें.

बेस्ट फिन कंसलटेंट्स LLP के फाउंडर सुशील जैन के मुताबिक, अपने कल को बेहतर बनाने के लिए आज से ही प्लानिंग शुरू कर देनी चाहिए. क्योंकि रिटायरमेंट के बाद आपकी मासिक आमदनी होनी तो बंद हो जाती है, लेकिन खर्चे वैसे ही बने रहते हैं. रिटायरमेंट के बाद मेडिकल के खर्चे और बढ़ जाते हैं. 

ऐसे करें प्लानिंग

रिटायरमेंट के दौरान खर्चों की प्लानिंग करके इन्वेस्टमेंट करना चाहिए. अक्सर लोग खर्च का सही हिसाब नहीं लगाते, इसलिए उनकी प्लानिंग गड़बड़ा जाती है. इसलिए प्लानिंग के लिए खर्चों की गणना जरूरी है. 

 

इसके लिए रिटायरमेंट खर्च को दो हिस्सों में बांटिए, एक रेगुलर यानी नियमित खर्च और दूसरा- सालाना आने वाला खर्च. सालाना खर्च में टैक्स, इंश्योरेंस प्रीमियम, डेंटल केयर, आई केयर शामिल जैसे खर्च शामिल करें. घर की मरम्मत, ट्रैवल और अन्य खर्चों के लिए पैसे अलग रखने जरूरी हैं. 

रिटायरमेंट के बाद निवेश क्यों

रिटायरमेंट के बाद निवेश की ज्यादा जरूरत होती है. क्योंकि यह समय ऐसा होता जब आपके शरीर में नियमित काम करने का ताकत नहीं होती. तमाम बीमारियां घेर लेती हैं. इसलिए 60 की उम्र में चिंता मुक्त रहने के लिए निवेश जरूरी है. मेडिकल खर्च के लिए निवेश जरूरी है. कुछ खर्चे अचानक भी आ जाते हैं, उनसे निपटने के लिए निवेश जरूरी है.

कहां करें निवेश

रिटायरमेंट के बाद आप किसी पोस्ट ऑफिस स्कीम, बैंक FD, लिक्विड फंड्स, डेट फंड्स, हाइब्रिड/बैलेंस्ड फंड्स या इक्विटी फंड में निवेश कर सकते हैं.

म्यूचुअल फंड है राइट चॉइस

म्यूचुअल फंड्स में निवेश काफी सुविधाजनक होता है. यह निवेश के दूसरे इंस्ट्रूमेंट्स से ज्यादा फायदेमंद होता है. जोखिम उठाने की क्षमता के मुताबिक इसमें निवेश कर सकते हैं. कम निवेश में ज्यादा रिटर्न का अच्छा माध्यम है म्यूचुअल फंड. और इसमें अच्छे रिटर्न के साथ पोर्टफोलियो में वैरायटी आती है.

इमरजेंसी फंड बनाएं

रिटायरमेंट के बाद इमरजेंसी फंड बनाना बेहद जरूरी है. औसतन 5 महीनों के खर्च के बराबर का फंड बनाएं और इसके लिए बैंक अकाउंट या लिक्विड फंड में पैसा रखें.

इनकम हासिल करने की स्ट्रैटजी

- रेगुलर इनकम के लिए पोर्टफोलियो बनाएं

- घर के मासिक खर्चों के लिए ज़रूरी

- सीनियर सिटिजन सेविंग्स स्कीम में निवेश करें

- पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम प्लान अच्छा विकल्प

- बैंक FD, डेट फंड्स, हाइब्रिड फंड्स में निवेश करें

लंबे समय के लिए करें निवेश 

खर्चों और इमरजेंसी से अलग पैसे को निवेश करें और इसके लिए 10 साल से अधिक के लक्ष्यों के लिए इक्विटी फंड्स चुने. इस निवेश को पोते-पोतियों को तोहफे में भी दे सकते हैं. समय और जोखिम उठाने की क्षमता के मुताबिक निवेश करें.

इंश्योरेंस से कम करें टेंशन

रिटायरमेंट के बाद निवेशक को प्योर टर्म इंश्योरेंस प्लान लेना चाहिए. इंश्योरेंस को निवेश से अलग रखें. क्योंकि इंश्योरेंस अलग रखने से निवेश की गई रकम पर असर नहीं पड़ता है.

गलतियों से बचे

रिटायर्ड निवेशक को भावनात्मक निवेश से दूर रहने की जरूरत होती है. क्योंकि दूसरों की देखादेखी निवेश करने से नुकसान हो सकता है. इसलिए निवेश का हर फैसला सोच-समझकर लेना बेहतर होता है. रिटायरमेंट के बाद रिटर्न से ज्यादा पूंजी की सुरक्षा ज्यादा अहम होती है. इसलिए ऐसे निवेश चुनें जो सुरक्षित हों.

 

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SWP के ज़रिए मिलेगी नियमित आय

सिस्टेमैटिक विड्रॉल प्लान यानी SWP (Systematic Withdrawal Plan) के ज़रिए नियमित अंतर पर पैसे निकाल सकते हैं. इसमें मासिक, तिमाही, सालाना आधार पर पैसे निकाल सकते हैं. NAV के आधार पर खाते से हर महीने पैसा निकालने का विकल्प होता है. इस पैसे को MF में निवेश कर सकते हैं या ख़र्च कर सकते हैं. SWP ख़ासतौर से सीनियर सिटीज़न के लिए बनाया गया है. सीनियर सिटीजन को इससे ज्यादा फायदा होता है. सीनियर सिटीजन को इनकम पर कम टैक्स चुकाना पड़ता है.