इंश्‍योरेंस रेगुलेटर IRDAI के चेयरमैन देबाशीष पांडा ने बुधवार को कहा कि 2017 के बाद से पहली बार किसी साधारण बीमा कंपनी को लाइसेंस दिया गया है और करीब 20 और आवेदनों पर विचार किया जा रहा है. पांडा ने कहा कि हाल में जनरल इंश्‍योरेंस लाइसेंस क्षेमा जनरल इंश्योरेंस (Kshema General Insurance) को मिला है. इससे पहले लाइफ इंश्‍योरेंस सेक्‍टर में साल की शुरुआत में क्रेडिट एक्सेस लाइफ और एको लाइफ को लाइसेंस दिए गए थे. नियामक करीब 20 और आवेदनों पर विचार कर रहा है. 

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उद्योग मंडल फिक्की के एक कार्यक्रम के दौरान अलग से बातचीत में उन्होंने कहा कि पिछली बार लाइफ इंश्‍योरेंस सेक्‍टर में 2011 में लाइसेंस दिये गये थे. फिलहाल देश में 23 जीवन बीमा कंपनियां और 33 साधारण बीमा कंपनियां काम कर रही हैं. इंश्‍योरेंस इंडस्‍ट्री में फरवरी में एसेट अंडर मैनेजमेंट 59 लाख करोड़ रुपये और प्रीमियम मूल्य 10 लाख करोड़ रुपये रहा, जो सालाना आधार पर 16 फीसदी ज्‍यादा है. 

पांडा ने उद्योग से ‘2047 तक सभी के लिये बीमा’ को एक नारे के रूप में नहीं बल्कि एक अभियान के रूप में लेने और उसपर कदम उठाने का आह्वान किया. उन्होंने भरोसा व्यक्त किया कि निर्धारित लक्ष्य को समय से पहले पूरा किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये उद्योग को अलग हटकर कदम उठाने होगा और ज्यादा-से-ज्यादा तकनीक को अपनाना होगा ताकि वे ज्‍यादा से ज्‍यादा प्रोडक्‍ट डेवलप कर सकें, जो वैसे लोगों के लिये सस्ते में सुलभ हों, जो अबतक इसके दायरे में नहीं आये हैं. 

इरडा (बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण) के चेयरमैन ने यह भी कहा कि उद्योग को अर्थव्यवस्था की रीढ़ माने वाले छोटे उद्यम जैसे बीमा से वंचित वर्ग को भी इसके दायरे में लाने पर गौर करना चाहिए. उन्होंने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में अस्थायी तौर पर काम कर रहे कर्मचारियों के लिये भी प्रोडक्‍ट विकसित करने चाहिए. 

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